अब ब्लैक फंगस भी........ 20 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा- ddnewsportal.com

अब ब्लैक फंगस भी........  20 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा- ddnewsportal.com

अब ब्लैक फंगस भी........

20 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा 

मंत्री-विधायक उतारो फील्ड में, जेपी नड्डा ने ली फीडबैक, सफाई कर्मचारियों को 2.45 करोड़, नदी मे समाए, रिकार्ड गेंहू, अनाथ के आंकड़े, बढ़ सकता है कर्फ्यू...........कोरोना बुलेटिन।

1- हिमाचल भी पंहुच गया ब्लैक फंगस।

हिमाचल प्रदेश मे भी ब्लैक फंगस ने अपनी दस्तक दे दी है। प्रदेश के आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है। कोविड पॉजिटिव महिला मरीज को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सभी मरीजों से अलग रखा गया है। हमीरपुर जिले के खागर की महिला मरीज को नेरचौक मेडिकल कॉलेज से रेफर किया गया है। महिला के नाक के पास ब्लैक फंगस है। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने इसकी पुष्टि की है। शुगर और बीपी की मरीज यह महिला 4 मई को कोरोना पॉजिटिव आई थी। 8 मई को सांस की तकलीफ के चलते उसे हमीरपुर से नेरचौक रेफर किया गया। बुधवार को महिला को यहां से आईजीएमसी के लिए रेफर किया गया। बताया जा रहा है कि महिला की हालत स्थिर है। सूचना के बाद सरकार भी एलर्ट मोड पर आ गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करने के निर्देश जारी किये हैं। 

एक नजर मे जानें- 

ब्लैक फंगस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिकोसिस नामक फंगस के एक ग्रुप की वजह से होता है। ये पर्यावरण में हमेशा से रहे हैं और अक्सर सड़ते हुए भोजन पर देखे जा सकते हैं। पहले मानव शरीर इस संक्रमण से इम्यून था। हालांकि, कोरोना वायरस के आने के साथ हमारी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो रही है, फंगस अब मानव शरीर को घातक परिणामों के साथ संक्रमित कर सकता है। ये अब आमतौर पर अनियंत्रित डायबिटीज और लंबे समय तक आईसीयू में रहने वाले कोविड संक्रमित रोगियों में देखा जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक ये संक्रमण हवा के जरिए इंसान के शरीर में पहुंचता है। अगर उपचार न किया जाए या कभी-कभी उपचार के बावजूद, संक्रमण नथुने से उस एरिया में फैलने लगता है जो आंखों और मस्तिष्क के आस-पास होती है।

लक्षण- 

संक्रमण का शुरुआती स्टेप साइनस, चेहरे का दर्द, बुखार, भरी हुई नाक और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखा सकता है। बाद में ये नाक से खून निकलना, दांत दर्द, सूजन या डिस्कलरेशन भी पैदा कर सकता है। एक गंभीर अवस्था के दौरान जब संक्रमण आंखों और मस्तिष्क के आस-पास पहुंचता है, तो ये लक्षण पाए जा सकते हैं-
• आंखों में दर्द
• आंखों से ड्रॉप गिरना
• आंखों के मूवमेंट में कठिनाई
• विजन में कमी
• मुंह का रंग काला पड़ना
• बेहोशी की हालत

2- हालातों पर निर्भर रहेगा कोरोना कर्फ्यू, मुख्यमंत्री के संकेत।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संकेत दिए हैं कि प्रदेश मे कोरोना कर्फ्यू 26 मई के बाद भी जारी रह सकता है। उन्होंने कहा है कि जब तक हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक सख्ती रखनी होगी। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने सरकारी

निवास ओक ओवर शिमला के बाहर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा है कि प्रदेश सरकार की मांग पर राज्य के ऑक्सीजन कोटे को 15 से बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन किया गया है। अब इसे 40 मीट्रिक टन करने की मांग की गई है। इसे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी शिमला में ब्लैक फंगस का पहला मामला आने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार हर स्थिति पर नजर रखे हुए है।

3- महामारी में स्वयं सहायता समूह करें सहयोग- मुख्यमंत्री।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह कोविड मरीजों केे परिवारों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि एक परिवार के सभी सदस्य संक्रमित हो जाते हैं तो इस स्थिति में स्वयं सहायता समूह ऐसे परिवारों को उनके पशुधन, कृषि गतिविधियों आदि कार्यों में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों द्वारा उनकी आय में वृद्धि के लिए की गई पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी ताकि उनके उत्पादों को बेहतर बाजार मिल सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’ ग्रामीण महिलाओं की कृषि से आय बढ़ाने में वरदान सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की कोई भी महिला, जिनके पास मनरेगा जाॅब कार्ड हो, इस योजना के अन्तर्गत एक लाख रुपये तक का लाभ ले सकती है। उन्होंने कहा कि इस योजना के शुरू होने के उपरान्त अब तक महिलाओं के लिए 10364 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिन पर 13.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इस योजना से मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं को मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान स्वयं सहायता समूहों को प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए भी आगे आना चाहिए, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण उन्हें रोजगार पाने में कठिनाई हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की लगभग आधी आबादी हैं, इसलिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना समाज के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों ने न केवल ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत किया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से आग्रह किया कि वे लोगों को स्थानीय देवताओं और धार्मिक कार्यों से संबंधित समारोहों को स्थगित करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को संकट की घड़ी में जरूरतमंदों को फेसमास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने चाहिए।

4- गांवों में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकना सरकार की चुनौती।

हिमाचल प्रदेश के शहरों के बाद अब गांवों में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़ना सरकार की सबसे बड़ी चिंता बन गई है। हालांकि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दे रही है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यदि यह वायरस ग्रामीण इलाकों में ज्यादा फैल गया तो इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। गांवों में स्वास्थ्य ढांचे की भी हालत खराब है। इनमें कई संस्थानों में न तो पर्याप्त डॉक्टर, नर्स या अन्य स्टाफ है और न ही ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था है। जानकारी के मुताबिक राज्य के गांवों में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। यहां सबसे बड़ी समस्या लोगों की कोविड टेस्टिंग की है। प्रदेश की वर्तमान में रोजाना की करीब 20 हजार नमूनों की टेस्टिंग की क्षमता है, जबकि हिमाचल की आबादी करीब 70 लाख है। दूसरी बड़ी चुनौती स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की है। ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी, सीएचसी में एक तो पहले से ही डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों का प्रबंध करना आसान काम नहीं होगा। एक अन्य चुनौती संक्रमण से बचे गांवों को महफूज रखने की भी है। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत प्रतिनिधियों, आशा वर्करों आदि के माध्यम से विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी न हो, इस बात पर विशेष ध्यान होगा।

5- जनता के बीच भेजो मंत्री और विधायकों को- RSS की CM को सलाह।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सलाह दी है कि कोरोना महामारी के बीच वह अपने मंत्री और विधायकों को जनता के बीच भेजें ताकि वह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य कर सकें। कोविड महामारी को लेकर धर्मशाला में समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कांगड़ा के गुप्तगंगा के नजदीक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री को सलाह दी गई है कि वे अपने मंत्रियों और पार्टी विधायकों को जनता के बीच भेजें और जरूरतमंदों की मदद करें। सूत्रों के अनुसार संघ ने सीएम से साफ कहा कि कोरोना को लेकर जनता में भय का माहौल है और विश्वास हासिल करने के लिए मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारियां सौंपें। बताया जा रहा हैं कि मुख्यमंत्री की संघ के प्रांत प्रचारक संजय, सह प्रांत प्रचारक ओम प्रकाश, विभाग प्रचारक देवेंद्र और संगठन मंत्री पवन राणा के साथ बंद कमरे में लंबी चर्चा हुई। फील्ड से खबरें आ रही है कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा है। इसे लेकर सलाह दी गई कि लोगों की इस महामारी को लेकर किसी भी तरह की समस्याएं हल करने के लिए मंत्री, विधायकों की ड्यूटियां जमीनी स्तर पर लगाई जाएं।

6- कोरोना काल मे अनाथ हुए बच्चों के आंकड़े जुटाएं पंचायतें।  

हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में कोरोना काल में अनाथ बच्चों का आंकड़ों जुटाने के निर्देश दिए हैं। अनाथ बच्चों का आंकड़ा महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग को तुरंत देने होगा। राज्य के पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदेश की सभी पंचायतों को कहा गया है कि कोरोनाकाल में अनाथ बच्चों की कितनी संख्या है। यह आंकड़े तुरंत जुटाने को कहा गया है। पंचायतों से कहा गया है कि अनाथ बच्चों के आंकड़े जुटाकर महिला एवं बाल कल्याण विभाग के पास तुरंत भेजे जाएं। कोरोना काल में अनाथ बच्चों की उपेक्षा होने और उनकी सही तरीके से मदद न होने की मामला उठता रहा है। इसके बाद सरकार हरकत में आई है। अब पंचायतों में अनाथ बच्चों की सही संख्या का पता लगाया जा रहा है।

7- जेपी नड्डा ने उत्तर भारत राज्यों के सांसद और पदाधिकारियों से की वीडियो कांफ्रेंसिंग।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गुरूवार को उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के पार्टी के सांसद और पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सेवा ही संगठन कार्यक्रम की समीक्षा की। जेपी नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख भाजपा

के प्रदेश अध्यक्षों, प्रभारियों, पदाधिकारियो और सांसदों के साथ सेवा ही संगठन कार्यक्रम की समीक्षा की व एकजुट होकर इस सेवा के कार्य को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी भाजपा ने लोगों की सेवा मे कोई कमी नही आने देनी है। हर पदाधिकारी अपने स्तर पर यह सुनिश्चित करें।

8- सफाई कर्मचारियों को 2.45 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि - सुरेश भारद्धाज।

हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में सभी शहरी स्थानीय निकायों मे कार्यरत सफाई कर्मचारियों को अप्रैल से जून, 2021 तक तीन माह के लिए 2000 रुपये प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की गई है। यह प्रोत्साहन राशि राज्य आपदा राहत कोष से विशेष सहायता के रुप में प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के 4082 सफाई कर्मचारियों को

2.45 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह राशि कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारी जो घर-घर कूड़ा एकत्रित करने, गलियों/नालियों की सफाई व डिसिन्फेक्टन्ट के छिड़काव कार्य मे लगे हुए हैं, को प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में सभी शहरी स्थानीय निकायों में कोविड-19 महामारी के कारण मृतकों के दाह-संस्कार/दफनाने, शवों के परिवहन एवं अस्थायी दाह-संस्कार सुविधा के लिए 1.55 करोड़ रुपये की राशि भी राज्य आपदा राहत कोष से स्वीकृत की है। यह राशि सभी शहरी स्थानीय निकायों को प्रदान की जा रही है।  श्री भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के नगर निगम शिमला, धर्मशाला, मण्डी, पालमपुर व सोलन में कुल पांच शव वाहनों को वास्तविक खर्च के आधार पर आगामी दो माह जून व जुलाई, 2021 तक लेने को भी स्वीकृति प्रदान की है, जिसका खर्च राज्य आपदा राहत कोष से वहन किया जाएगा।

9- मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से की भेंट।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरूवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की। उन्होंने राज्यपाल और उनकी धर्मपत्नी का कुशलक्षेम जाना। कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद लेडी गवर्नर को इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और अब उनकी स्थिति सामान्य है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को राज्य में कोविड-19 की स्थिति

और राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कोविड मरीजों को प्रदान की जा रही सुविधाओं से भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि वह लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और जिलों में मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।

10- मुख्यमंत्री ने सभी पर्यटन परियोजनाओं को समयवद्ध पूरा करने के दिए निर्देश।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों को लोगों के लिए समयवद्ध सुविधाएं प्रदान करने के अलावा लागत वृद्धि से बचने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री आज यहां पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस दौरान जय राम ठाकुर ने कहा कि मण्डी जिले के जंजैहली में 25.75 करोड़ रुपये की लागत से सांस्कृतिक केन्द्र का कार्य पूरा कर लिया गया है और यह पीपीपी मोड़ पर संचालन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा

कि इस परियोजना के लिए प्री बिड बैठक अगले माह तीन तारीख को रखी गई है और बोली प्रस्ताव 25 जून, 2021 को जमा किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिमला में 12.15 करोड़ रुपये की लागत से हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है और यह इस वर्ष जुलाई के अन्त तक पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 करोड़ रुपये की लागत से कांगड़ा हाट, 4 करोड़ रुपये की लागत से डल लेक और भलेई माता में 4 करोड़ रुपये की लागत से आर्ट एवं क्राॅफ्ट परियोजना का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि सोलन जिला के क्यारीघाट में 29.90 करोड़ रुपये की लागत से क्नवेंशन सेंटर का कार्य इस वर्ष के सितम्बर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मण्डी का शिव धाम एक महत्वकांक्षी परियोजना है, जिसका 36.12 करोड़ रुपये की लागत का प्रथम चरण का कार्य मैसर्ज जेनरिक इंजीनियरिंग कन्स्ट्रक्शन एंड प्रोजेक्टस लिमिटेड को दिया गया है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस परियोजना की ओर जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि 25.45 करोड़ रुपये की लागत से बैंटनी कैसल शिमला का कार्य इस वर्ष सितम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि शिमला जिले के चांसल क्षेत्र में पीपीपी मोड़ पर रोपवे, स्की लिफ्ट, स्की रिजाॅर्ट, हेलीपेड, कैम्पिंग-स्की स्लोप विकसित की जाएगी, जिसके लिए ईओआई प्राप्त करने की अंतिम तिथि इस वर्ष 19 जून निर्धारित की गई है।

11- तकनीकी संस्थान अनुसंधान कार्य पर दें जोर- निशंक।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि सभी तकनीकी संस्थान अनुसंधान कार्य पर जोर दें। उन्होंने गुरुवार को आईआईएससी, आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएसईआर और एनआईटी के निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोविड मामलों की स्थिति और उनसे उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए बैठक की। उन्होंने देशभर के संस्थानों के मुखिया को कोविड-19 से निपटने के लिए अनुसंधान कार्य पर जोर देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी संस्थान अनुसंधान कार्य के माध्यम से वेंटिलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, सैनिटाइजर और ऑक्सीजन प्लांट मशीनरी समेत अन्य महत्वपूर्ण उपकरण तैयार करने में अहम योगदान दे सकते हैं।

12- यमुना नदी में डूबने से दो युवकों की मौत।

पांवटा साहिब में यमुना नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। जिला मंडी के दो युवक टीका राम 18 वर्ष व मुकेश 17 वर्ष निवासी मंडी नदी में नहा रहे थे। नहाते हुए गहरे पानी मे डूब गए। दोनों युवक यहां एक कंपनी में काम करते है। 15 दिन पहले ही पांवटा साहिब आये थे। इनके साथी हरीश ने

बताया कि यह तीनों एक साथ नहा रहे थे कि नहाते हुए वापिस किनारे पे आने लगे तो अचानक नदी में डूब गए। जिसके बाद उसने उनको बचाने की कोशिश की पर बचा नही सका। साथी ने इस बारे में स्थानीय पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही एसडीएम विवेक महाजन सहित डीएसपी बीर बहादुर सिंह व थाना प्रभारी संजय शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों की मदद से नदी में सर्च ऑपरेशन करवाया गया। शाम तक दोनो युवकों के शव बरामद कर लिये गये। डीएसपी पांवटा साहिब ने मामले की पुष्टि की है। 

स्थानीय (सिरमौर)

1- टीकाकरण सेशन से दो दिन पहले दोपहर 2ः30 बजे से 3 बजे के बीच होगी स्लाॅट बुकिंग- सीएमओ

सिरमौर जिला में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के कोविड टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल/आरोग्य सेतु एप पर बुकिंग टीकाकरण सेशन की तारीख से दो दिन पहले दोपहर 2ः30 बजे से 3 बजे के बीच होगी। टीकाकरण के लिए इच्छुक व्यक्ति इस समय अवधि में अपना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ के के पराशर ने बताया कि 24 मई के टीकाकरण के लिए 22 मई को, 27 मई के टीकाकरण के लिए 25 मई को और 31 मई के टीकाकरण के लिए 29 मई को दोपहर 2ः30 बजे से 3 बजे के बीच ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक होगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि निर्धारित समय और तिथि पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण करके अपॉइंटमेंट बुक करना सुनिश्चित करें और पंजीकरण के दौरान इस्तेमाल किए मूल दस्तावेज और अपॉइंटमेंट बुकिंग की पर्ची पोर्टल से डाउनलोड कर टीकाकरण स्थल पर अपने साथ सत्यापन के लिए लेकर जाएं। उन्होंने बताया कि उसी व्यक्ति का टीकाकरण किया जाएगा जिसका ऑनलाइन पंजीकरण के उपरांत अपॉइंटमेंट बुक होगा। 

2- कोविड एवं अन्य कारणों से अनाथ व बेसहारा बच्चों के लिए लाभप्रद है बाल-बालिका सुरक्षा योजना- राजेन्द्र सिंह नेगी

जिला सिरमौर में सभी अनाथ बच्चों, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 महामारी या अन्य किसी भी कारणवश हुई हो, को बाल-बालिका सुरक्षा योजना (फोस्टर केयर) का लाभ दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिला में कोविड-19 संक्रमित अभिभावकों के बच्चों की देखभाल की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी सिरमौर राजेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि ऐसे बच्चे, जिनके पिता का देहांत हो गया हो और माता ने दूसरा विवाह कर लिया हो तथा वर्तमान में बच्चों की देखभाल न कर रही हो, या जिस बच्चे की माता का देहांत हो गया हो, या माता व पिता दोनों जेल में हों, या जिस बच्चे के माता-पिता दोनो एच0आई0वी0 संक्रमित हों, वे इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं। उन्होंने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत अनाथ और असहाय बच्चों के लालन-पोषण तथा देखभाल के लिए पालक अभिभावकों को प्रति माह दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। ऐसे बच्चों के नाम हर माह 500 रुपए की सावधि जमा करवाये जाने का भी प्रावधान है। इन बच्चों को यह आर्थिक सहायता 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रदान की जाती है। राजेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि जिला सिरमौर में वर्तमान में ऐसे 78 बाल-बालिकाओं को उक्त योजना में लाभ प्रदान किया जा रहा है। सिरमौर में अनाथ बच्चों अथवा ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड-19 से पीड़ित होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं, को आश्रय प्रदान करने के लिये आदर्श बाल निकेतन, नाल तहसील पच्छाद को फिट फैसिलिटी अधिसूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी (नोडल अधिकारी) से 94591-50555 पर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, सिरमौर स्थित नाहन से 01702-225608 पर, बाल कल्याण समिति, नाहन से 85447-31137 व 98163-19596 पर या चाइल्ड हेल्प लाईन नाहन से 01702-222466 अथवा 1098 पर सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।

3- सिरमौर में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर में हो रहा निरन्तर सुधार - डॉ परूथी

जिला सिरमौर में कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर में निरंतर सुधार हो रहा है। अभी तक कुल 10416 लोग गृह संगरोध व अस्पताल से स्वास्थ्य लाभ लेकर ठीक हो चुके हैं और संक्रमण से स्वस्थ होने की दर बढ़कर 78.95 प्रतिशत पहुंच चुकी हैं।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डा0 आ0के0 परूथी ने दी। उन्होंने बताया कि अब तक जिला सिरमौर में 132654 लोगो के सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 13193 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 2633 लोग जिला के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं तथा संक्रमण फैलने की दर 9.94 प्रतिशत है। कोविड-19 से अभी तक जिला में 144 लोगों की मृत्यु हुई है तथा मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है। जिला के अस्पतालों में कुल 402 बिस्तरे उपलब्ध हैं जिनमें से 199 पर मरीज दाखिल हैं। इसके अतिरिक्त 2434 लोग गृह संगरोध में रह कर अपना ईलाज करवा रहे हैं। उपायुक्त सिरमौर ने बताया कि इस समय जिला मुख्यालय पर स्थित कोविड अस्पतालों में कुल 98 बिस्तर की सुविधा उपलब्ध है जिनपर 74 मरीज उपचाराधीन है। डा0 यशवंत सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में 80 बिस्तर तैयार उपलब्ध हैं जिनमें से 56 पर मरीज दाखिल हैं तथा श्री साई अस्पताल नाहन में 18 मरीज कोविड-19 का इलाज करवा रहे हैं। जिला के नागरिक अस्पताल सराहां व पांवटा साहिब, अकाल अकादमी हॉस्पिटल बडू साहिब तथा जगदीश चंद जुनेजा फाउंडेशन हॉस्पिटल में बनाये गये डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेन्टरों में कुल 162 बिस्तर की सुविधा उपलब्ध है और 118 लोग यहां पर अपना ईलाज करवा रहे हैं। इस समय नागरिक अस्पताल सराहां में उपलब्ध 32 बिस्तरों में से 24, नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब में 50 में से 33, अकाल अकादमी हॉस्पिटल बडू साहिब में 40 में से 39 तथा जगदीश चंद जुनेजा फाउंडेशन हॉस्पिटल में 40 में से 22 बिस्तरों पर मरीज दाखिल हैं। इसके अतिरिक्त जिला के पांवटा साहिब के रामपुरघाट में 82 तथा त्रिलोकपुर में 60 बिस्तरों की क्षमता वाले डेडिकेटिड कोविड केयर सेन्टर उपलब्ध हैं। त्रिलोकपुर के डेडिकेटिड कोविड केयर सेन्टर में 7 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के अंतर्गत 117082 लोगों को टीके लगाए जा चुके है जिसमें से 93226 को पहली खुराक तथा 23856 लोगों को दुसरी खुराक लगाई जा चुकी है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों को वैक्सीनेशन की दूसरी डोज लगनी है वह निर्धारित समयावधि में दूसरी डोज लगवाना सुनिश्चित करें।

4- लोगों मे भरोसा बढ़ाने को पंचायत प्रधान ने करवाया कोरोना टेस्ट।

पांवटा साहिब विकास खंड की गिरिपार क्षेत्र की ग्राम पंचायत भैल्ला मे गुरूवार को कोविड-19 की सैंपलिंग हुई। लोग बढ़ चढकर इसमे भाग लें इसलिए पंचायत प्रधान मनीष तोमर ने पहल करते हुए अपना कोविड-19 टेस्ट करवाया। और जनता से टेस्ट करवाने की भी अपील की। जानकारी के मुताबिक  गिरीपार की भैल्ला पंचायत में कोरोना टेस्ट के लिए लोग खुलकर बाहर नहीं आ रहे थे। ऐसे में पंचायत के युवा प्रधान मनीष तोमर ने ग्रामीणों को विश्वास में लेने के लिए खुद का भी कोरोना टेस्ट करवा लिया। जिसके बाद पंचायत मे दोपहर तक 56 से अधिक लोगों ने कोरोना के टेस्ट करवाए। प्रधान भैल्ला पंचायत मनीष तोमर ने बताया कि लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर भय तो है लेकिन वह टेस्ट करवाने से भी उतना ही डर रहे हैं। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि लोगों को जागरूक करें और हल्के से भी लक्षण आने पर तुरंत टेस्ट अवश्य करवाएं। मसभनीष तोमर ने सभी से अपील करते हुए कहा कि भयमुक्त होकर टेस्ट करवाएं ताकि इलाज समय पर किया जा सके। हम जागरूक होंगे तो अपने परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे। 

5- पांवटा साहिब एफसीआई मे रिकार्ड़ गेंहू खरीद।

पांवटा साहिब के अनाज मंडी मे स्थापित FCI का गेंहू खरीद केंद्र इस बार नया रिकार्ड बनाने को बेताब है। यहां पिछले वर्ष का 22000 क्विंटल गेंहू खरीद का रिकार्ड मात्र एक माह और पांच दिन मे ही ध्वस्त हो गया है। 15 अप्रैल से अनाज मंडी मे एफसीआई द्वारा गेंहू खरीद केंद्र शुरू किया गया था और 19 मई तक यहां पर करीब 22500 क्विंटल गेंहू खरीद हो चुकी है। ये पांवटा दून के किसानों की मेहनत ही है कि कोरोना काल मे भी गेंहू की बम्पर पैदावार की है। और इस बार पांवटा दून नया आयाम छूने को बेताब है। एफसीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 19 मई बुधवार शाम तक पांवटा साहिब दून के किसान 4 करोड़ 44 लाख 37 हज़ार 500 रूपये की गेंहू बेच चुके हैं। और अभी भी आमद जारी है। गत वर्ष केंद्र लगभग 22 हजार क्विंटल गेंहू खरीद पर बंद हो गया था लेकिन इस बार लग रहा है कि यह आंकड़ा तीन हजार क्विंटल पार कर जाएगा। कृषि उपज मण्डी समीति सिरमौर के चेयरमैन रामेश्वर शर्मा ने बताया कि हर किसान की फसल खरीदी जाएगी। तब तक केंद्र चलता रहेगा। कोई भी जल्दबाजी न करें और जैसे अभी तक सिस्टम से आए हैं वैसे ही गेंहू लेकर पंहुचे ताकि किसानों और एफसीआई दोनो को कोई दिक्कत न आएं। 

Crime-

6- कार दुर्घटना मे तीन घायल।

दलिप सिह पुत्र बिशन सिह निवासी गांव रजाना, तहसील संगड़ाह, जिला सिरमौर ने पुलिस थाना संगड़ाह में शिकायत दर्ज करवाई कि यह खड़ौन खाला में विरेन्द्र कुमार वालिया के पत्थर के स्टोर/ स्टौक यार्ड में लेवर सहित मौजूद था तो समय करीब 3:30 बजे दिन एक कार वैगनॉर HP17C-0213  रजाणा से बड़ग की तरफ जाते हुए अचानक सड़क से करीब 150 मीटर नीचे नाले में गिर गई। जिस पर यह अपनी लेवर सहित मौके पर गया तो उक्त कार में चालक सहित तीन व्यक्ति घायल अवस्था में पड़े थे। जिन्होने पूछताछ पर अपने नाम क्रमश: विजय कुमार, सचिन और विरेन्द्र सिहं बतलाए। इन्होने उक्त घायलों को गाड़ी से बाहर निकाला और सड़क तक लेकर आए, जहां से उन्हे ईलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। दुर्घटना के समय कार को विरेन्द्र सिंह चला रहा था। उक्त घटना के सन्दर्भ में पुलिस थाना संगड़ाह में मामला पंजीकृत कर के आगामी अन्वेषण किया जा रहा हैं। 

7- चालान कर वसूला 25 हजार रूपये जुर्माना।

हिमाचल प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतू लगाए गए कोरोना कर्फ्यू के नियमों की उल्लंघना करने पर उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध जिला सिरमौर पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही करते हुए 19 मई को मास्क न पहनने, सामाजिक दूरी के नियमों की पालना न करने इत्यादि पर हिमाचल पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए कुल 47 चालान कर के 25000 रूपऐ जुर्माना किया और एक मामले को न्यायालय के लिए प्रेषित किया गया है। यह जानकारी एसपी सिरमौर खुशहाल शर्मा ने दी। 

8- शाम सात बजे तक का कोविड मीडिया बुलेटिन-