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Himachal News: CBI पर खर्च 21.96 लाख रूपये वसूलने को अब कानूनी राय, गुड़िया केस के दौरान खर्च की राशि है लंबित
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया केस की जांच के लिए शिमला में महीनों तक रही सीबीआई टीम के ठहराव और खानपान पर हुए खर्च की वसूली के लिए राज्य पर्यटन विकास निगम अब कानूनी राय लेगा। 21.96 लाख रुपये के बिलों का भुगतान करने से सीबीआई ने सालभर पहले साफ इन्कार कर दिया था। राज्य सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग भी इस खर्च को वहन करने को तैयार नहीं है। घाटे में चल रहे निगम की अपनी हालत इतनी पतली है कि इसे अपने कर्मचारियों का वेतन निकालना तक मुश्किल हो रहा है।
ऐसे में अब निगम ने लाखों रुपये के इन बिलों की वसूली के लिए कानूनी राय लेने का निर्णय लिया है। करीब छह साल पहले सीबीआई की यह टीम गुड़िया केस की जांच के लिए शिमला आई थी और राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला के छह कमरों में महीनों तक डेरा डाले रही। यह बिल राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग, गृह महकमे, पर्यटन निगम और सीबीआई के बीच फुटबॉल की तरह उछाले जा रहे हैं। उसके बाद निगम ने सीबीआई के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को भी वसूली के लिए एक पत्र लिखा और 21.96 लाख रुपये के बिल भी भेज दिए।
पीटरहॉफ शिमला में सीबीआई टीम को वर्ष 2017 और 2018 में करीब डेढ़ साल तक सरकारी मेहमान बनाया गया था। इनके पास छह कमरे थे। यहां सीबीआई ने अपना बेस कैंप बनाया। सीबीआई टीम के भोजन-पानी का प्रबंध भी निगम ने ही किया। सरकारी मेहमानों का खर्च आमतौर पर राज्य सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) वहन करता है, मगर इस महकमे ने भी पल्ला झाड़ लिया। इस बहुचर्चित मामले की जांच के लिए सीबीआई टीम पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यहां आई थी। उस वक्त शुरू हुई यह मेहमाननवाजी भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद भी लंबे वक्त तक चली रही।
पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही निगम ने करीब 21,96,590 रुपये के बिल बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग को दे दिए थे, पर इनका भुगतान नहीं किया जा सका। सालभर पहले वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस मामले की समीक्षा की और तय हुआ कि सीबीआई के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को ही भुगतान के लिए चिट्ठी लिखी जाए। नई दिल्ली से सीबीआई की एससी-एक शाखा के पुलिस अधीक्षक राजपाल सिंह ने जवाबी पत्र भेजा कि यह भुगतान सीबीआई नहीं कर पाएगी। कानूनन राज्य सरकार को ही सीबीआई के ठहराव की व्यवस्था करनी थी।
उधर, इस बारे प्रबंध निदेशक, राज्य पर्यटन विकास निगम डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि अभी तक सीबीआई टीम के ठहराव और खानपान पर आए बिलों की वसूली नहीं की जा सकी है। निगम की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में अब कानूनी राय ली जा रही है कि इस राशि की वसूली के लिए क्या किया जाए।