महामहिम दलाई लामा ने एक बच्चे को दी मंगोलिया के बौद्ध धर्मगुरु की मान्यता ddnewsportal.com

महामहिम दलाई लामा ने एक बच्चे को दी मंगोलिया के बौद्ध धर्मगुरु की मान्यता ddnewsportal.com

महामहिम दलाई लामा ने एक बच्चे को दी मंगोलिया के बौद्ध धर्मगुरु की मान्यता 

माता-पिता और सैकड़ों मंगोलियन के समक्ष 8 वर्ष के बालक को बिठाया गद्दी पर, दिये थे पुनर्जन्म के संकेत, पढ़ें पूरी जानकारी...

चीन से सटे मंगोलिया के सबसे बड़े बौद्ध धर्मगुरु पर आठ वर्ष के एक बालक को बिठाया गया है । बौद्ध धर्मगुरु महामहिम दलाई लामा ने  मंगोलिया के एक बच्चे को वहां के सबसे बड़े बौद्ध धर्मगुरु के रूप में मान्यता दी है। दलाईलामा ने 11 और 12 मार्च को धर्मशाला में हुई टीचिंग के दौरान इस बच्चे को मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक गुरु खलखा जेटसन धंपा रिंपोछे के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी। बौद्ध धर्म के रीति-रिवाजों के तहत बच्चे को दलाईलामा मंदिर में उसके माता-पिता और सैकड़ों मंगोलियन के समक्ष गद्दी पर बिठाया गया।

यह वाकया सोशल मीडिया में भी खूब वायरल हो रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया में यह भी वायरल हो रहा है कि यह बच्चा तिब्बत का सबसे बड़ा तीसरा धार्मिक गुरु बन गया है, जबकि तथ्यों के मुताबिक यह सही नहीं है। यह बच्चा मंगोलिया देश का दलाईलामा की तरह सबसे बड़ा धार्मिक गुरु बना है। निर्वासित तिब्बत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री सामदोंग रिंपोंछे ने माना कि धर्मगुरु दलाईलामा ने बच्चे को मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक नेता के रूप में मान्यता देते हुए पदवी पर बिठाया है।
सूत्रों की मानें तो इस बच्चे को मान्यता करीब तीन साल पहले ही मिल गई थी। दलाईलामा ने ही कुछ साल पहले मंगोलिया से आए लामाओं को बच्चे के पुनर्जन्म के संकेत दिए थे। इसके बाद बच्चे को खलखा जेटसन धंपा रिंपोछे के पुनर्जन्म के रूप में खोजा गया। माता-पिता पहले बच्चे को बौद्ध लामाओं को देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में तैयार हो गए। बच्चे को पिछले साल भी दलाईलामा मंदिर में लाया गया था। उस दौरान बच्चे का मुंडन संस्कार कार्यक्रम हुआ था।

हालांकि इस बच्चे को मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक नेता के रूप में मान्यता देने से चीन भड़क सकता है। दलाईलामा की मंगोलिया यात्रा से चीन पहले ही नाराज है। माना जा रहा है कि अब मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक नेता के चुनाव में दलाईलामा की भूमिका से नए कूटनीतिक समीकरण बन सकते हैं। चूंकि चीन पहले से ही दावा कर रहा है कि अगले दलाईलामा के चुनाव का अधिकार उसे ही है।

अमेरिका में हुआ है बच्चे का जन्म-

सूत्रों के मुताबिक बच्चे का जन्म वर्ष 2015 में अमेरिका में हुआ था। उसके पास मंगोलिया और अमेरिका दोनों देशों की

नागरिकता है। यह बच्चा जुड़वां लड़कों में से एक है। उसके पिता एक विश्वविद्यालय के गणित के प्रोफेसर हैं।