HP Vidhan Sabha Session 2025: सदन में पाँवटा साहिब के विधायक की गर्जन- आपदा राहत में लापरवाही पर सरकार को दी ये चेतावनी... ddnewsportal.com
HP Vidhan Sabha Session 2025: सदन में पाँवटा साहिब के विधायक की गर्जन- आपदा राहत में लापरवाही पर सरकार को दी ये चेतावनी...
जिला सिरमौर के पाँवटा साहिब में प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान को लेकर विधानसभा उस समय गर्मा गई जब पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने क्षेत्र की बदहाली और राहत कार्यों में हो रही देरी पर सरकार को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया। सदन में उनकी तेज़ आवाज़ गूँजी जनता संकट में हो और सरकार बयानबाज़ी में उलझी रहे—यह सहन नहीं होगा!”
सुखराम चौधरी ने सदन को बताया कि 1 सितंबर को फूलपुर पंचायत के बागरण गांव में आई भीषण आपदा ने 25 परिवारों को तबाह कर दिया। प्रशासन ने उस समय परिवारों को शिफ्ट किया और किराया देने का वादा किया, लेकिन आज तीन महीने बाद भी उन्हें एक रुपया तक नहीं मिला।

उन्होंने कहा प्रशासन सिर्फ कागजों में राहत दे रहा है, जमीन पर जनता अब भी बेआसरा है। विधायक ने खुद उठाया मोर्चा—राशन, टीन की व्यवस्था; सरकार गायब!घटना के बाद जब वे मौके पर पहुंचे तो हालात बेहद भयावह थे।40 परिवारों को तत्काल राशन दिया, 15 दिन बाद दोबारा राशन पहुंचाया, खुले में घूम रहे पशुओं को बचाने के लिए टीन शेड भिजवाए लेकिन बरसात के दौरान 20–25 पशु सड़कों पर बेसहारा घूमते रहे, और सरकार ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
चौधरी ने चेतावनी दी कि प्रभावित क्षेत्र का करीब 1.5 किलोमीटर हिस्सा अब पूरी तरह खतरनाक हो चुका है। कई घर “हवा में लटके” हुए हैं। उन्होंने कटाक्ष किया अगर अगली बरसात से पहले समाधान नहीं हुआ, तो बागरण गांव नक्शे से मिट सकता है।”
सदन में चौधरी ने अपने पहले किए गए प्रश्न (3535) का जवाब पढ़कर सुनाया 16 सिंचाई योजनाएं क्षतिग्रस्त,78 पेयजल योजनाएं ठप,1978 में बागरण के पास जल शक्ति विभाग की बड़ी योजना पहले भी बह चुकी थी और अब फिर से बह गई, जिसका नुकसान करीब 100 करोड़ रुपये आँका जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब में योजनाएं सड़ रही हैं और सरकार सिर्फ भाषण दे रही है।

अंत में उन्होंने सरकार को कड़ी चेतावनी दी कि
“राहत और मुआवज़े में देरी तुरंत बंद हो। अगर नहीं—तो सदन में और भी कड़ा जवाब सुनने के लिए तैयार रहे सरकार! उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब की जनता की आवाज़ न कभी दबने दी है, न आगे दबने दूंगा।