जेसीसी की बैठक की तिथि घोषित ddnewsportal.com

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जेसीसी की बैठक की तिथि घोषित 

कर्मचारियों की चिर लंबित मांगों के समाधान की जगी आस : विनोद शर्मा

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 27 नवंबर को प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक तय हो गई है। बैठक तय करने पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का जिला शिमला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने आभार प्रकट करते हुए प्रदेश स्तरीय समस्याओं के  समाधान होने की आशा व्यक्त की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर के नैतृत्व में ये बैठक  ऐतिहासिक होगी। इसके लिए जिला शिमला की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। जिला शिमला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष गोपाल झिलटा व महासचिव विनोद शर्मा व समस्त जिला कार्यकारणी ने इस पर खुशी जाहिर की है। 
विनोद शर्मा ने कहा है कि लगभग 4 वर्ष बाद ये जेसीसी की बैठक हो रही है जिसमे कर्मचारियों की लंबित मामलों पर चर्चा होगी और आशा है कि अधिकांश उचित मांगो का निपटारा होगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि राजधानी भत्ते को न्यूनतम  1000 करने के अतिरिक्त प्रदेश स्तरीय मुख्य मांगे शामिल रहेगी, जिनमे 
1. छटे पंजाब वेतन आयोग को लागू करना।
2. शेष बचे मंहगाई भत्ते की घोषणा करना।
3. ओल्ड पेंशन योजना को लागू करना।
4. अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष  से घटाकर 2 वर्ष करना।
5. कनिष्ठ सहायक से  वरिष्ट सहायक पद पर पदोन्नति के किये 10 वर्ष सेवाकाल को 7 वर्ष करना।
6. अनुबंध का लाभ नियुक्ति के समय से देने की मांग। 
7. मृत व अपंगता की अधिसूचना 2009को  लागू करना।
8. 2014 से 4-9-14 का लाभ बहाल करने बारे।

9. आउट सोर्स कर्मचारियों की नीति बनाने बारे।
10. महिलाओं को 2 वर्ष का चाइल्ड केअर लीव प्रदान करना।
11. दैनिक भोगी बेलदार को 5 वर्ष की बजाए 3 वर्ष में नियमित करना। 
12. जिन श्रेणियों की पदोन्नति का प्रावधान नहीं उन सब श्रेणियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों मे आवश्यक संशोधन करके उन्हें पदोन्नति का लाभ दिया जाए।  
13. विभागीय स्तर पर क्रियाशील खाली पदों को भरना, विभिन्न विभागों में पदनाम बदलने, जिन  विभागों का समय समय पर विस्तार हुआ है, वंहा  प्रतीक श्रेणियों के पदों का सृजन करना, वेतन विसंगति दूर करना, 
14. ग्रेड पे देने बारे, विभागों में लगे योजनाओं के लिए नीति बनाने व उन्हें

नियमित करने जैसी ज्वलंत के अतिरिक्त महासंघ द्वारा प्रेषित 62 सूत्रीय मांगो पर गंभीरता से चर्चा होगी व उनका समाधान प्रशासन व सरकार के साथ सामंजस्य बिठाकर समाधान  होना  निश्चित है। 
उन्होंने कहा कि जिला शिमला की महत्त्वपूर्ण मांग राजधानी भत्ता को बढ़ाने की होगी जो कि वर्तमान में 400 से 1000 रुपये किया जाना चाहिए। क्योंकि जिला शिमला पर्यटन नगरी होने के कारण मँहगाई  की मार अधिक होती है। मँहगाई को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ाना बहुत आवश्यक है। इनमे से अधिकांश मांगो पर प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने उचित पटल पर चर्चा कर समाधान की आशा व्यक्त की है। दोनों  कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री कर्मचारी हितैषी है। 27 नवंबर को जेसीसी में सभी उचित मांगो को मान कर कर्मचारियों की अपेक्षाओं और भावनाओं  पर खरा उतरेंगे और कर्मचारियों का विश्वास जीतेंगे।