यहां सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया पारंपरिक त्यौहार बूढ़ी दिवाली ddnewsportal.com
वाह! बेडौली-मक्की की रोटी-मूड़ा-हलवा-खीर व पटांडे से महका काॅलेज कैंपस
यहां सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया पारंपरिक त्यौहार बूढ़ी दिवाली
पांवटा साहिब श्री गुरु गोविंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा सिरमौर जिले का पारंपरिक त्यौहार बूढ़ी दिवाली धूम-धाम से मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा खुले बरामदे में पारंपरिक भोजन
बेडौली, साग, मक्की की रोटी, मूडा, हलवा, खीर व पटांडे की पारंपरिक वेषभूषा पहनकर प्रदर्शनी लगाई गई। स्वंयसेवकों के 10 समूहों के बीच इन प्रदर्शनियों की प्रतियोगिता रखी गयी थी। जिसमे ग्रुप नंबर दो ने प्रथम स्थान, ग्रुप नंबर पांच ने द्वितीय स्थान, ग्रुप नंबर सात ने तृतीय स्थान और ग्रुप नंबर नौ ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। अच्छर सिंह, करुणा, दीपिका, अंजलि,
प्राची, काजल, आशिक, इत्यादि स्वयंसेवकों ने मिलकर महाविद्यालय में पारंपरिक एवम स्वादिष्ट भोजन बेडौली बनाई और सभी स्टाफ मेंबर्स सदस्यों व विद्यार्थियों के बीच में बांटी। इस अवसर पर डॉक्टर मोहन सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अपने संबोधन में डॉ मोहन चौहान ने
बूढ़ी दिवाली के विषय अपने विचार रखे व सभी विद्यार्थियों को अपने पारंपरिक व्यंजनों वेशभूषा व संस्कारों के प्रति आदर भाव रखने का आह्वान किया। डॉ किरण बाला ने भी इस अवसर पर बूढ़ी दिवाली के विषय पर विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों दी। उन्होंने बूढ़ी दिवाली के अवसर पर विभिन्न
प्रकार के पकवानों, ठोंडा नृत्य व रीती रिवाजों पर प्रकाश डाला। अवंतिका और समीर ने मंच संचालन कर समा बांधा। अंत में सभी स्टाफ सदस्य स्वयंसेवकों एवम अन्य विद्यार्थियों ने पहाड़ी नाटी लगाकर बूढ़ी दिवाली को पारंपरिक तरीके से मनाया। प्रो० रीना चौहान ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर कार्यवाहक प्राचार्य डॉक्टर मोहन सिंह चौहान, डॉक्टर विवेक नेगी, डॉ० राजेश त्रेहन, डॉक्टर सुनील, प्रोफेसर रीना चौहान, प्रोफेसर रिंकू
अग्रवाल, डॉक्टर उषा जोशी, डॉ नेहा मिश्रा, प्रोफेसर रेनू, प्रोफेसर जयचंद शर्मा, प्रोफेसर सुशील तोमर, कार्यालय अध्यक्ष नरेश बत्रा, जसमेर सिंह इत्यादि स्टाफ सदस्य एवं एनएसएस स्वंयसेवक मौजूद रहे।