कहां गये जनवरी-फरवरी मे गाँव गांव घूमने वाले हितैशी- ddnewsportal.com
कहां गये जनवरी-फरवरी मे गाँव-गांव घूमने वाले हितैशी
कोरोना काल मे जरूरतमंद लोगों की मदद को नही दिखे कुछ नेता, लोगों को अपने और गैरों की पहचान करवा गया कोरोना।
कोरोना काल ने लोगों का जीना तो दुश्वार किया ही है लेकिन इस विपदा ने जनता को अपनों और गैरों की पहचान भी करवा डाली। कौन किसका कितना भला चाहने वाला है, कौन मुसीबत मे इस समय लोगों के बीच जाकर खड़ा है और कौन सेवा कर रहा है और कौन गायब रहे। यह आईना जनता को इस कोरोना ने दिखा दिया है। ऐसा ही शिलाई विधानसभा क्षेत्र की जनता ने भी देखा कि किस प्रकार लोगों के हितैशी बनने वाले कुछ नेता दूसरी लहर के इन मुश्किल तीन महिनों मे क्षेत्र से गायब रहे। शिलाई विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो वर्तमान विधायक हर्ष वर्धन चौहान और पूर्व विधायक बलदेव तोमर लोगों के
बीच दिख रहे हैं। कोरोना से बचाव की व्यवस्था भी कर रहे हैं। दूसरी और जनता का कहना है कि कुछ नेता ऐसे भी है जो जनवरी-फरवरी माह मे गांव गांव जाकर लोगों को उनके हितैशी कहते रहे। लेकिन जब विपदा आई तो क्षेत्र से नदारद पाए गये। न तो कहीं मास्क बांटते नजर आए और न ही सेनिटाईजर और अन्य मदद करते नजर आए। लोगों को अपने हाल पर छोड़ गये। जबकि उनके पास पैसों की कोई कमी नही हैं। अब ऐसे नेता जनता का कितना हित चाहते हैं इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। आपकों बता दें कि क्षेत्र के विधायक हर्ष वर्धन चौहान ने जहां क्षेत्र के लोगों को मास्क और हैंड सेनिटाईजर प्रदान किये वहीं आशा और स्वास्थ्य वर्कर को ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध करवाये। वहीं, बलदेव तोमर भी पीछे नही रहे। उनके प्रयासों से क्षेत्र के शिलाई और कफोटा मे 5-5 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था हुई। उन्होंने भी आशा वर्कर्स और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ऑक्सीमीटर सहित अन्य सुरक्षा उपकरण बांटे। जनता को मास्क और हैंड सेनिटाईजर प्रदान किये और दोनो नेताओं के प्रयास से गांव गांव मे कार्यकर्ता सेनिटाईजेशन अभियान चला रहे हैं। लेकिन बात उन नेताओं की हो रही है जो क्षेत्र मे जाकर खुद को जनता के सबसे बड़े हितैषी बताते थे और कोरोना की इस दूसरी भयंकर लहर मे क्षेत्र से नदारद रहे। क्षेत्र के लोगों का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया के नेता बनकर जनता का भला नही हो सकता फील्ड मे उतरना पड़ता है। अब ये जनता को तय करना है कि कौन उनके हितचिंतक है और कौन ढकोसलें करते हैं।