हाटियों का 50 वर्ष का संघर्ष अब अहम् मोड़ पर ddnewsportal.com

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हाटियों का 50 वर्ष का संघर्ष अब अहम् मोड़ पर 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मांग पूरी करवाने के लिए करें अपने प्रभाव का प्रयोग, 

सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र तीन लाख हाटी पांच दशकों से मांग रहे हाटी जनजातीय दर्जा देने का संवैधानिक अधिकार, नाहन मे विधानसभा चुनाव से पूर्व हुए महामंथन के हैं राजनैतिक मायने भी।

जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के करीब तीन लाख हाटियों की जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय नाहन मे हाटी समीति की महामंथन खुमल़ी आयोजित हुई। केंद्रीय हाटी समिति की इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष अमीचंद कमल ने की। एसएफडीए हॉल में आयोजित हुई इस बैठक में गिरीपार क्षेत्र के तहत ब्लाकों, तहसीलों, उपतहसीलों के अलावा चंडीगढ़, सोलन व शिमला युनिट के प्रतिनिधियों ने

भाग लिया। केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष अमीचंद कमल और महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने बताया कि बैठक में गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिसंबर माह में जो पत्र लिखा गया था, उस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए हिमाचल सरकार से रिपोर्ट देने को कहा था। उन्होंने बताया कि इस पर हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्टस पर समिति विश्लेषण कर रही है, जिसके बाद समिति द्वारा आगामी कदम उठाया जाएगा। बैठक मे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मांग की गई है कि वह विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने प्रभाव का प्रयोग कर हाटियों को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने मे सहयोग करें। वरना चुनावों मे हाटियों को अलग तरह की रणनीति अपनानी पड़ेगी। इस बैठक मे उन 25 फाऊंडर सदस्यों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया जिन्होंने 1970 के दशक से हाटी समीति का गठन किया, उन्हे सम्मानित भी किया गया। इनमे से 6 सदस्यों को मरणोपरांत याद कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। इस बैठक मे मुख्य

रुप से जो प्रस्ताव पारित हुए उनमे नई दिल्ली मे हाटी की एक युनिट का गठन किया जाएगा जो जरूरत के अनुसार केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय और आरजीआई से संपर्क बनाएगी। 25 नवम्बर से 25 दिसम्बर तक समूचे गिरिपार क्षेत्र मे सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और जनता को इस मुद्दे के प्रति जागरूक किया जाएगा। हाटी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रत्येक स्तर पर हाटी लोक संस्कृतियों का गठन किया जाएगा जो हाटी बोलियो और संस्कृति पर कार्य करेगी। हाटी समीति मे प्रत्येक स्तर पर महिलाओं और युवाओं को जोड़ने का विशेष अभियान चलाया जाएगा। केंद्रीय स्तर पर कानूनविदों की की एक कानूनी सलाहकार समीति का गठन

किया जाएगा जिसमे गिरिपार क्षेत्र से संबंध रखने वाले अधिवक्ताओं  को जोड़ा जाएगा। बैठक मे केंद्रीय समीति अध्यक्ष डाॅ अमीचंद कमल, महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री, बीआर ठाकुर, जे आर तोमर, रमेश वर्मा, फकीर चंद चौहान, ज्ञान सिंह चौहान, डाॅ रूप कुमार शर्मा, विवेक तिवारी, एडवोकेट दिनेश चौहान, जगतराम शर्मा और वेद ठाकुर ने अपने विचार रखे। गोर हो कि जिला के गिरीपार क्षेत्र की करीब 120 पंचायतों में तकरीबन तीन लाख आबादी हाटी समुदाय की है। हाटी समुदाय की लोक संस्कृति, मेले, त्योहार, धार्मिक मान्यताएं व सामाजिक-आर्थिक हालात साथ लगते उत्तराखंड के जोंसारा समुदाय से एकदम मिलते-जुलते हैं। हालांकि जोंनसार बाबर को यह दर्जा दिया जा चुका है, लेकिन जिला के हाटी समुदाय को एक लंबे अरसे से मांग पूरी होने का इंतजार है। हाटी समीति इस मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत है।