Sirmour: सिरमौर: लोक संस्कृति के ध्वजवाहक जोगेंद्र हब्बी को डाॅक्टरेट की उपाधि, यूनाइटेड किंगडम में... ddnewsportal.com
Sirmour: सिरमौर: लोक संस्कृति के ध्वजवाहक जोगेंद्र हब्बी को डाॅक्टरेट की उपाधि, यूनाइटेड किंगडम में...
हिमाचल और विशेषकर सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र की लोक संस्कृति को सहेजने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले ख्याति प्राप्त लोक कलाकार जोगेन्द्र हाब्बी को वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी, युनाईटेड किंगडम द्वारा संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृट कार्य करने के लिए डाॅक्टरेट की मानद उपाधि दी जा रही है। यह बात उस्ताद् बिस्मिल्लाह खां पुरस्कार से सम्मानित युवा कलाकार गोपाल हाब्बी ने प्रेस जारी बयान में कही है। जोगेन्द्र हाब्बी पिछले 28-30 वर्षों से लोक संस्कृति के उत्थान हेतु कार्य करते हुए लगभग पांच हज़ार से अधिक सांस्कृतिक प्रदर्शन कर चुके हैं।
नब्बे के दशक में जोगेन्द्र हाब्बी द्वारा सांस्कृतिक सफर की शुरूआत करते सांस्कृतिक दल का गठन किया गया तथा गुरू पद्मश्री विद्यानन्द सरैक, रामलाल, धर्मपाल, सरोज, अनुजा, बिमला, गोपाल, चमन, संदीप, अमीचन्द, देवीराम, बलदेव, चेतराम सरीखे सैंकड़ों लोक कलाकारों तथा स्वर्गीय जशराम ठाकुर, स्वर्गीय हरिराम, स्वर्गीय रमेश चन्द आदि कलाकारों के सहयोग से सिंहटू, भड़ाल्टू, डग्याली, ठोडा, रिहाल्टी गी, ढीली नाटी, धूड़िया स्वांग, करियाला तथा सिरमौरी नाटी जैसे पारंपरिक नृत्यों को हिमाचल और भारतवर्ष के अनेकों राज्यो में प्रदर्शित किया गया।
ऑल इंडिया रेडियो से हाल ही में ए ग्रेड श्रेणी में उर्तीण हिमाचल प्रदेश के एकमात्र सांस्कृतिक दल जोगेंद्र हाब्बी और साथी कलाकारों ने, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, निदेशालय भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश, जोनल कल्चरल सेंटर, दूरदर्शन केन्द्र, संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार तथा हिमाचल सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले सैंकड़ों अति महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में विशुद्ध लोक संस्कृति का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई है।
चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल का नेतृत्व करते जोगेन्द्र हाब्बी ने यूरोप के बुल्गारिया, मेसोडोनिया, ग्रीस और तुर्की देशों के अनेकों स्थानों में सिरमौरी नाटी की दर्जनों प्रस्तुतियां देकर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को विदेशों में भी पहचान दिलाई है।
लोक सांस्कृतिक क्षेत्र के सफर को निरंतर जारी रखते हुए हाब्बी ने दल का नेतृत्व करते इंडिया बुक, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तथा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज कर प्रदेश की संस्कृति को एक मुकाम तक पहुॅंचाने में कामयाबी हासिल की है। परिणामस्वरूप वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी युनाईटेड किंगडम की एकेडमिक काउंसिल द्वारा जोगेन्द्र हाब्बी को डाॅक्टरेट की मानद उपाधि देने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि हाब्बी को छोटे-बड़े अनेकों आयोजनों में अब तक एक सौ से अधिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
जोगेन्द्र हाब्बी ने मानद उपाधि के लिए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थॉमस रिचर्ड विलीयम बैंस तथा गुरू पद्म श्री विद्यानन्द सरैक और चूड़ेश्वर सांस्कृतिक मण्डल के सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ कलाकारों के साथ प्रदेश के सभी कलाप्रेमी सज्जनों का आभार व्यक्त किया है।