1955 मे बदल दिया था गिरिपार की जातियों का मूल स्वरुप- ddnewsportal.com

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1955 मे बदल दिया था गिरिपार की जातियों का मूल स्वरुप 

हाटी समीति शिलाई ने एसडीएम के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, राजपूत को खश-कणैत और ब्राह्मण को भाट दर्ज करवाकर वास्तविक पहचान वापिस दिलवाने की उठाई मांग।

हाटी समीति शिलाई इकाई ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गिरिपार क्षेत्र के राजस्व रिकार्ड मे जातियों संबंधी प्रविष्टियों को राजस्व विभाग से दुरूस्त करवाने की मांग की है। इकाई ने इस संदर्भ मे एसडीएम शिलाई के मार्फत एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को भेजा है। इस ज्ञापन मे कहा गया है कि गिरिपार क्षेत्र का हाटी समुदाय इस ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को

एक गंभीर समस्या अवगत करवाना चाहता है। गिरिपार क्षेत्र मे मूल रूप से खश कणैत और भाट जाति के लोग निवास करते हैं परन्तु वर्ष 1955 मे तत्कालीन सरकार और राजस्व विभाग ने इन दोनो जातियों के मूल स्वरूप को बदलकर खश कणैत को राजपूत तथा भाट को ब्राह्मण कर दिया। जिस कारण गिरिपार क्षेत्र के हाटियों की मूल जाति व वास्तविक पहचान का स्वरूप बदलकर रख दिया गया है। जो बिल्कुल न्यायसंगत नहीं है। इसलिए समस्त हाटी समुदाय मुख्यमंत्री से आग्रह करती है कि शीघ्र ही इस संदर्भ मे सरकार उचित कदम उठाकर संबंधित राजस्व विभाग को निर्देश जारी कर राजपूत को खश कणैत और ब्राह्मण को भाट के रूप मे पुन: दुरूस्त करने की कृपा करें। ताकि इन जातियों से संबंधित हाटियों की वास्तविक जाति और पहचान प्राप्त हो सके। यह गिरिपार की 144 पंचायतों की मांग है। इसलिए इस पर शीघ्र गोर किया जाएं।
वहीं, ज्ञापन देने से पहले हाटी समीति की खुमली का आयोजन किया गया जिसमे 20 पंचायतों के हाटी प्रतिनिधि शामिल हुए। यह खुमली शिलाई इकाई द्वारा बुलाई गई थी। जिसकी अध्यक्षता शिलाई पंचायत प्रधान शीला नेगी ने की। इसमे विशेष रूप से हाटी केंद्रीय कार्यकारिणी के सचिव कुंदन सिंह शास्त्री, वरिष्ठ उपाध्यक्ष फकीर चन्द चौहान, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र हिंदुस्तानी और कमरऊ इकाई के अध्यक्ष अनिल ठाकुर मौजूद रहे। कुंदन सिंह शास्त्री ने हाटी मुद्दे पर आज तक हुए प्रयासों की जानकारी दी। फकीर चन्द चौहान और सुरेन्द्र हिंदुस्तानी ने इस मुद्दे को पंचायत मे जन जन तक पंहुचाने का

आह्वान किया। सभी ने इस मुद्दे पर संघर्ष तक करने का आश्वासन दिया। बैठक में शिलाई इकाई के अध्यक्ष ग्यार सिंह नेगी, सचिव बलबीर शर्मा, रमेश नेगी, आत्मा राम शर्मा, शीला नेगी, किरन तोमर, सुनीता तोमर, दलीप सिरमौरी आदि अनेकों गणमान्य लोग मौजूद रहे। सभी ने प्रण लिया कि हाटी को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर आखिर तक संघर्ष करते रहेंगे।