हिमाचल: सपनों का आशियाना बनाना कहीं सपना ही न रहे ddnewsportal.com

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फोटो साभार गूगल

हिमाचल: सपनों का आशियाना बनाना कहीं सपना ही न रहे

सूबे में बढ़े निर्माण कार्य मटेरियल के दाम से मध्यम वर्ग निराश, जानियें सीमेंट, रेत-बजरी हुई कितनी महंगी...

हर किसी इंसान का उद्देश्य और सपना होता है कि उसकी पास अपना सुंदर घर हो। हर कोई आशियाने के सपने को लेकर उम्रभर खूब मेहनत कर पाई पाई जोड़ता है ताकि उम्र का अंतिम पड़ाव तो अफने घर पर सुकून से बीता सके। लेकिन जब इस सपने को महंगाई का ग्रहण लग जाये तो सपने कभी सपने बनकर भी रह जाते है। ऐसा ही मध्यम वर्ग के लोगों के साथ भी कंस्ट्रक्शन मटेरियल के दाम बढ़ने के कारण आए दिन देखने को मिल रहा है।
दरअसल, पंजाब में खनन बंद होने और अन्य कारणों से हिमाचल में रेत, ईंट और बजरी के दामों में बढ़ोतरी हो गई है। इससे अब घर बनाना करीब 25 फीसदी तक महंगा हो गया है। सूचना हे कि जल्द ही सीमेंट के दाम भी बढ़ाने की तैयारी है। हालांकि, सरिये के भाव में आई कमी से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है। रेत के दाम की बात करें तो पहले रेत का एक टिपर (400 फीट) का दाम करीब 17 हजार रुपये तक था। लेकिन दो माह के भीतर ही इसके दाम 20 हजार के पार पहुंच गए हैं। बजरी के एक टिपर (400 फीट) के दाम 13 हजार से बढ़कर 14 हजार रुपये तक हो गए। ईंट के दाम में भी उछाल आया है। पहले नौ हजार रुपये में मिलने वाली एक हजार ईंट, अब एक से दो हजार तक महंगी हो गई है।

सीमेंट, सरिया विक्रेता का कहना है कि बढ़िया क्वालिटी की ईंट के दाम में एक से दो हजार रुपये तक का इजाफा हुआ है। वहीं थोड़ी हल्की क्वालिटी की ईंट के दाम में एक हजार से पंद्रह सौ रुपये तक बढ़ौतरी है। सीमेंट के दाम में दो माह से कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई है। अल्ट्राटेक सीमेंट 425 से 430 रुपये प्रति बैग, अंबुजा सीमेंट 430 रुपये और एसीसी सीमेंट का दाम भी 425 से 430 रुपये तक है। ऐसे में 10 लाख तक बनने वाला मकान एक अनुमान के मुताबिक 15 लाख रुपए की लागत तक पंहुच रहा है। 

सरिये के दाम इतना घटे - 

हालांकि सरिये के दामों में आई गिरावट ने आम वर्ग को राहत दी है। दिवाली के समय हिमाचल में सरिये का दाम सात हजार से साढ़े सात हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था। लेकिन एक माह के भीतर ही सरिये के दामों में हजार से पंद्रह सौ रुपये प्रति क्विंटल की कमी हुई है।