Himachal News: हिमाचल की बुजुर्ग महिलाओं पर हुए सर्वेक्षण ने चौंकाया  ddnewsportal.com

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Himachal News: हिमाचल की बुजुर्ग महिलाओं पर हुए सर्वेक्षण ने चौंकाया 

हेल्प एज इंडिया संस्था के सर्वे हैरान कर देने वाले, जानिए ऐसा क्या...

हिमाचल प्रदेश की बुजुर्ग महिलाओं पर हुए एक सर्वेक्षण की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने हर किसी को चौंका दिया है। पहाड़ी राज्य में ऐसी सर्वे रिपोर्ट हर किसी को हैरान कर देगी। 
आज यानि गुरूवार को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन इस दिवस के ठीक एक दिन पहले जो रिपोर्ट सामने आई है उसने हिमाचल को सोंचने पर मजबूर कर दिया है। 
दरअसल, संस्था ने बुधवार को खलीनी में देश भर की 60 साल से अधिक आयु की बुजुर्ग महिलाओं पर करवाए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट सार्वजनिक की। इसमें कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं।
हेल्प एज इंडिया संस्था के खुलासे के मुताबिक हिमाचल की 75 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं के पास कोई बचत नहीं है। 66 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पास संपत्ति भी नहीं है। इसके चलते वह खुद को वित्तीय तौर पर असुरक्षित महसूस करती हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर 50 फीसदी तो प्रदेश में 66 फीसदी वृद्ध महिलाएं दुर्व्यवहार का शिकार हो रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 40 फीसदी और प्रदेश में 17 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं से दुर्व्यवहार के मुख्य अपराधी उनके अपने बेटे हैं। दुर्व्यवहार का सामना करने के बावजूद हिमाचल में 58 फीसदी महिलाओं ने इसकी रिपोर्ट नहीं की।
हेल्प एज इंडिया के राज्य प्रमुख डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल में 94 फीसदी बुजुर्ग महिलाएं अपने परिवार के साथ रह रही हैं, 3 फीसदी अकेले रहती हैं। इस कार्यक्रम में राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एडीजीपी आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।


संस्था के मुताबिक यह सर्वेक्षण पेशेवर अनुसंधान एजेंसी इप्सोस रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। इसमें 20 राज्यों, 2 केंद्र शासित प्रदेशों और पांच मेट्रो शहरों में ग्रामीण और शहरी भारत दोनों को शामिल किया गया है। इसमें कुल 7,911 महिलाओं के साथ बातचीत के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि  84 फीसदी वृद्ध महिलाओं को सरकार की किसी कल्याणकारी योजना की जानकारी नहीं है। प्रदेश में 34 फीसदी वृद्ध महिलाओं ने कहा कि उन्होंने अपने लिंग के कारण भेदभाव का सामना किया है। 70 फीसदी वृद्ध महिलाओं ने कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं होने की सूचना दी है।

संस्था ने दिए ये सुझाव-

■ लाभकारी रोजगार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए।
■ वृद्ध महिलाओं और उनके परिवारों के बीच शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
■ शैक्षिक मंचों के माध्यम से समानुभूति, समझ और सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देना।
■ वृद्ध महिलाओं के लिए डिजिटल प्रशिक्षण कार्यशालाओं को लागू करना।
■ घर-घर स्वयंसेवकों, टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाना और निवारण तंत्र को बढ़ावा देना।
■ वृद्ध महिलाओं में उनके अधिकारों और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
■ वृद्ध महिलाओं के लिए सरकारी कल्याण योजनाओं के लिए आवेदन करने की प्रक्रियाओं और प्रक्रियाओं को सरल बनाएं।