Himachal: सूरत-ए-हाल- सैंकड़ों स्कूलों में एक भी रेगुलर शिक्षक नहीं ddnewsportal.com
Himachal: सूरत-ए-हाल- सैंकड़ों स्कूलों में एक भी रेगुलर शिक्षक नहीं
3148 प्राथमिक स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक ही, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का ये ऐलान...
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और यहाँ की भौगोलिक परिस्थिति बड़ी कठिन है। यहाँ पर लगभग 80 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों रहती है। और ग्रामीण परिवेश में शिक्षा का बड़ा दायित्व सरकारी स्कूलों पर ही है। लेकिन यदि इन्ही सरकारी शिक्षण संस्थानों में शिक्षक ही न हो या एक-एक शिक्षक तैनात हो तो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो दूर बेसिक शिक्षा मिलना भी कठिन हो जाएगा।
ऐसे हालात होने पर मजबूरन अभिभावकों को अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहन करना पडता है और सरकार के फ्री शिक्षा के दावे हवा हो जाते है।
हिमाचल प्रदेश में आज सरकारी शिक्षण संस्थानों के यही हाल है। यहां जहां सैंकड़ों सरकारी स्कूल में जहां नियमित शिक्षक ही नही है वहीं कईं सौ प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे शिक्षा की लौ जल रही है।
इस बात का ताजा खुलासा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हुआ। हिमाचल प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा के 455 स्कूलों में एक भी नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं है। यह स्कूल एसएमसी, अनुबंध या प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। वहीं, 3148 प्राथमिक स्कूल ऐसे भी भी जहां सिर्फ एक-एक शिक्षक ही नियुक्त है। बीते बुधवार को विधानसभा सदन में भाजपा विधायक बलवीर वर्मा के सवाल का जवाब देते शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 1993, 2021-22 में 2922 स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक ही नियुक्त थे।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने सदन में एलान भी किया कि एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे सरकारी स्कूलों से शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में आठ प्राथमिक और 20 माध्यमिक स्कूलों में स्थाई शिक्षक नियुक्त नहीं हैं।
विद्यार्थियों की कम संख्या होने पर बंद किए शिक्षण संस्थान-
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों की कम संख्या होने पर शिक्षण संस्थान बंद किए गए। 228 प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य थी। 17 प्राथमिक स्कूलों में संख्या दस से कम थी। विधायक दलीप ठाकुर और सुरेश कुमार के सवालों का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि गत वर्ष खोले गए 24 कॉलेजों में से पांच में विद्यार्थियों की संख्या शून्य और 13 में 50 से कम थी। 22 डिग्री कॉलेज खोलने के लिए 1.12 करोड़ के बजट का ही प्रावधान किया गया था।