HP Monsoon Session News: निजी अस्पतालों का हिमकेयर राशि का भुगतान जाँच के बाद: सीएम सुक्खू ddnewsportal.com

HP Monsoon Session News: निजी अस्पतालों का हिमकेयर राशि का भुगतान जाँच के बाद: सीएम सुक्खू ddnewsportal.com

HP Monsoon Session News: निजी अस्पतालों का हिमकेयर राशि का भुगतान जाँच के बाद: सीएम सुक्खू

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमकेयर योजना में निजी अस्पतालों की बकाया राशि का भुगतान जांच के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना से इलाज इसलिए बंद किया गया है, ताकि सरकारी संस्थाओं को सुदृढ़ किया जा सके। सिर्फ डायलिसिस की सुविधा प्राइवेट में दी गई है, क्योंकि उसका रेट फिक्स है। हिमकेयर योजना में प्राइवेट अस्पतालों की अभी 128 करोड़ बकाया है, लेकिन इनका भुगतान करने से पहले निजी अस्पतालों के खिलाफ आई शिकायतों की जांच हो रही है। मुख्यमंत्री विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायकों सुधीर शर्मा, राकेश जम्वाल, इंद्र सिंह गांधी, त्रिलोक जम्वाल और रणधीर शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमकेयर योजना अच्छी नीयत से शुरू हुई थी, लेकिन इसमें निजी अस्पतालों का फायदा करवाने का धंधा शुरू हो गया था। अभी भी 159 अस्पतालों के 128 करोड़ बकाया है, जबकि इन प्राइवेट अस्पतालों को 200 करोड़ का भुगतान हो चुका है।


उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की करीब 300 करोड़ की देनदारी हिमकेयर में वर्तमान सरकार ने चुकाई है। दो रोज पहले ही 60 करोड़ और मंजूर किए गए हैं, जो पीजीआई चंडीगढ़, आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कालेज को मिलना है। नेता प्रतिपक्ष जयराम के अनुपूरक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारा योजना भी एक अच्छी स्कीम है, जिसे पूर्व सरकार ने शुरू किया था, लेकिन इसमें भी कुछ गलत मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने की शिकायत में मिली है। आवेदनों और पात्र लोगों की स्क्रीनिंग हो रही है।

■ गरीबों की सुविधाएं रोक रही सरकार: जयराम 

अपने अनुपूरक सवाल में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार गरीबों को पूर्व सरकार के दौरान मिल रही सुविधाओं को रोकना चाह रही है। सहारा योजना के तहत ऐसे लोगों की राहत राशि बंद कर दी, जो बिस्तर से उठ नहीं सकते। पहले ट्रेजरी का कुछ इश्यू बताया गया और अब सरकार की भावना ही ठीक नहीं लग रही। सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने भी कहा कि जब निजी अस्पतालों के खिलाफ कोई मामला नहीं है, तो सुविधा क्यों बंद की गई? रणधीर शर्मा और इंद्रसिंह गांधी ने भी बकाया भुगतान की डेडलाइन पूछी।