HP Employees News: सरकार ने कर्मचारियों से फेर ली है अपनी नजरें, नही ली जा रही सुध: डाॅ पुंडीर ddnewsportal.com

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HP Employees News: सरकार ने कर्मचारियों से फेर ली है अपनी नजरें, नही ली जा रही सुध: डाॅ पुंडीर

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांत महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने कर्मचारियों से अपनी नजरे फेर दी है। पिछले एक वर्ष से प्रदेश का कर्मचारी अपने अधिकारों को लेकर सरकार की तरफ नजर लगाए बैठा है परन्तु  सरकार कोई सुध नही ले रही है। डॉ मामराज पुंडीर ने सरकार से मांग की कि प्रदेश के कर्मचारियों का वेतन का एरियर की भी इस बजट में घोषणा करें। शिमला में इस कड़कड़ाती ठंड में एसएमसी, JOA, दृष्टिहीन प्रत्याशी पिछले कई समय से धरने पर है, सरकार को इनकी सुध लेनी चाहिए। एसएमसी शिक्षक इस कड़कड़ाती ठंड में अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। जिनको जल्द नियमित किया जाए। प्रदेश में पिछले 25 वर्षों से कम्प्यूटर शिक्षकों की सुध लेने वाला कोई नही है। डॉ पुंडीर ने कहा कि पिछले 12 वर्षों से ज्यादा समय से एसएमसी अध्यापकों के साथ शोषण हो रहा है। उनके भविष्य के बारे में सरकार को तुरंत फैसला ले लेना चाहिए और उन्हें नियमित करना चाहिए। 25 वर्षों से कम्प्यूटर अध्यापक शिक्षा विभाग में सेवाएं देते देते बुढ़ापे की दहलीज पार कर रहे हैं। उन्हें सरकार को नियमितीकरण का तोहफा देना चाहिए। डॉ पुंडीर ने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कहा कि सरकार को एक वर्ष का समय दिया। आज एक वर्ष से प्रदेश का कर्मचारी वर्ग अपने डीए के इंतजार में ओर वेतन के एरियर का इंतजार करते हुए थक गया है। डॉ मामराज पुंडीर ने सरकार द्वारा प्रदेश के उप शिक्षा निदेशक के पदों को जूनियर अध्यापकों से भरने का कड़ा विरोध जताते हुए बहुत बड़े वर्ग को नुकसान का आरोप लगाया है। प्रदेश में 28 उप शिक्षा निदेशक के पद खाली है जहाँ पर जूनियर प्रधानाचार्य को डेपुटेशन पर लगाया गया है जिससे शिक्षकों में भारी रोष है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर  से निवेदन किया है कि इस प्रकार की भर्तियों से समाज मे मेहनत करके पढ़ाई करने वाला छात्र पिछड़ जाता है।


प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को नियमित करने की नीति में भी बदलाव करके कर्मचारियों को पहले ही अनुबंध की मार झेल रहा है सरकार को अनुबंध नीति को समाप्त ही करना चाहिए। डॉ मामराज पुंडीर ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री से मांग की है जो शिक्षक पिछले कई वर्षो से स्कूलों में नही गए, जिन्होंने कभी कक्षा में जाकर विद्यार्थियों को नही पढ़ाया, उन्हें भी राजनीतिक आधार पर सिंगापुर भेजने की योजना बनाने का दबाब है। ऐसे में कर्मठ अध्यापकों के मनोबल को तोड़ने का काम होता है। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को मेडिकल बिल क्लीयर नही हो रहे। सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने मेडिकल बिल को लेकर कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सरकार से मांग करता है कि एक वर्ष से ज्यादा का कार्यकाल पूरा हो चुका है अब तो प्रदेश के कर्मचारियों की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है। सरकार से मांग करते है कि पिछले एक वर्ष से कर्मचारी, 26 जनवरी, 15 अगस्त, दिवाली, दशहरा देखकर अपने डीए, वेतन एरियर को लेकर ताकते ताकते थक चुके हैं। अब वक्त आ गया है कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए।
प्रदेश में एक वर्ष से नई नियुक्ति, प्रोमोशन बंद पड़ी है जिसकी वजह से युवाओं में रोष है, सरकार से आग्रह है कि जल्द नई नियुक्ति और पदोन्नति  की प्रक्रिया को शुरू किया जाए।