2FA: इंटरनेट चलाते हैं तो Two Factor Authentication के बारे में जानना है जरूरी ddnewsportal.com
Two Factor Authentication नही की तो एकाउंट हो जाएगा हैक
जानिए क्या है टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन और कैसे सुरक्षित रखता है आपका डाटा और निजी जानकारी...
आधुनिक तकनीक के इस दौर में शायद ही कोई होगा जो मोबाइल पर इंटरनेट न यूज करता हो। और जो इंटरनेट इस्तेमाल करता है उसके सोशल प्लेटफॉर्म पर अकाउंट जरूर होंगे। इन अकाउंट्स में ई मेल, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर आदि कई
प्लेटफॉर्म्स शामिल है। लेकिन यदि आपने इन अकाउंट्स की टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन नही की है तो इनके हैक होने के अधिक चांस रहते है, जिससे इन प्लेटफॉर्म्स पर या यहां तक कि आपके मोबाइल पर आपका निजी डाटा हैक होने का खतरा बना रहता है। इसलिए अपने अकाउंट पर टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन जरूर लगाये, ये आपके डाटा को सुरक्षित रखने में आपका बड़ा सहयोग करता है।
आज के आर्टिकल में हम आपको टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन फीचर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट को पहले से ज्यादा सिक्योर कर सकते हैं।
■ टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन फीचर क्या होता है?
टू स्टेप या फैक्टर ऑथेन्टिकेशन एक सिक्योरिटी प्रोसेस है, जो आपके अकाउंट को एक्स्ट्रा प्राइवेसी देता है। टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को मल्टी फैक्टर ऑथेन्टिकेशन, टू स्टेप
वेरिफिकेशन, 2FA या डुअल फैक्टर ऑथेन्टिकेशन के नामों से भी जाना जाता है। इस फीचर के एक्टिव होने के बाद आपको अकाउंट के पासवर्ड के अलावा अपने अकाउंट को ऐक्सेस करने के लिए एक दूसरा प्रूफ देना पड़ता है। अगर किसी के पास आपके अकाउंट का एक्सेस है, तो उसे लॉगिन करने के लिए ओटीपी की जरूरत पड़ती है।
■ टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन क्यों जरूरी है?
आज साइबर अपराध की दरें दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं और हर किसी का अधिकांश जीवन उसके लैपटॉप या सेलफोन पर है जैसे कि उसके बैंक अकाउंट की डिटेल, उसके कॉन्टैक्ट, उसके मैसेज जैसे कई प्राइवेट चीजें होती हैं। जब सुरक्षा की बात आती है तो 2FA अच्छी तरह से काम करता है और सब कुछ सुरक्षित रखने का एक अच्छा तरीका है। उनका पूरा उद्देश्य आपकी प्राइवेसी को बढ़ाना है और आपको वह सुरक्षा प्रदान करना है जो एक साधारण पासवर्ड नहीं कर सकता है।
■ टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को ऐसे कर सकते हैं इनेबल?
अब जानते हैं कि टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को इनेबल यानि सक्रिय कैसे करें
1- आपका फोन नंबर
आपको अपने अकाउंट में साइन अप करते समय अपने मोबाइल का फोन नंबर रजिस्टर्ड करना होगा। जब भी आप अपने अकाउंट में साइन इन करते हैं, तो आपको एक कोड वाला एक टेक्स्ट मैसेज रिसीव होगा, जिसे आपको अपने अकाउंट को लॉगिन करते समय दर्ज करना होगा। जब तक आप इस कोड को एंटर नहीं कर पाएंगे, तब तक आपका अकाउंट लॉगिन नही होगा।
2- एप्लीकेशन बेस्ड लॉगिन
आपको एप्लिकेशन को अपने अकाउंट से लिंक करना होगा। हर बार जब आप अपने अकाउंट में लॉग इन करते हैं तो एप्लिकेशन एक अलग कोड जनरेट करेगा, जिसे आपको इसे एक्सेस करने के लिए दर्ज करना होगा। हर 30 सेकंड में एक नया कोड जनरेट किया जाएगा। ऐप और कोड को निजी रखने के लिए लॉग इन करते समय आपको थोड़ा फास्ट होना पड़ेगा।
3- बायोमेट्रिक लॉगिन
इस तरीके के काम करने के लिए, आपको अपनी पहचान का फिजिकल प्रमाण देना होगा। इसका एक उदाहरण फिंगरप्रिंट स्कैन या आइरिस पहचान हो सकता है। जब आप अपना अकाउंट बनाते हैं और हर बार जब आप इसे एक्सेस करना चाहते हैं तो अपना फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन करते समय आपको यह जानकारी पेश करनी होगी।
4- नोटिफिकेशन्स बेस्ड लॉगिन
जब भी कोई नया फोन आपके अकाउंट में लॉग इन करने का प्रयास करता है, तो आपको इसकी सूचना देने वाला एक नोटिफिकेशन प्राप्त होगा। यहां, आपके पास रिक्वेस्ट को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प होगा।
तो इन बिंदुओं पर अमल करके आप अपने एकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं और निजी डाटा सुरक्षित रख सकते हैं।