इस मामले में पहला राज्य बना हिमाचल प्रदेश... ddnewsportal.com
इस मामले में पहला राज्य बना हिमाचल प्रदेश...
जिला कांगड़ा को सुशासन सूचकांक सूचकांक-2021 में मिला पहला स्थान
सीएम ने डीसी डाॅ निपुण जिंदल को दिया 50 लाख रूपये का पुरस्कार।
प्रशासन की गुणवत्ता मापने वाला हिमाचल पहला राज्य बना है। जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) शासन की गुणवत्ता का आकलन करने में मददगार साबित होगा और इसकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन और विभिन्न विभाग अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार के लिए आवश्यक कदम भी उठा सकेंगे।
यह बात हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपाशा सदन में जिला सुशासन सूचकांक-2021 पुरस्कार वितरण समारोह में कही। इस दौरान सीएम ने डीजीजीआई के विजेता जिलों के उपायुक्तों को पुरस्कार प्रदान किए। जिला कांगड़ा को सुशासन सूचकांक सूचकांक-2021 में पहला स्थान मिला।
उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल को सीएम ने 50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया। उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय को दूसरे नंबर पर रहने पर 35 लाख तथा उपायुक्त ऊना राघव शर्मा को तीसरे स्थान पर आने पर 25 लाख रुपये पुरस्कार प्रदान किया गया। खराब रैंकिंग वाले जिलों के अधिकारियों को जमीनी स्तर पर और बेहतर प्रशासन प्रदान करने के निर्देश दिए, ताकि अगले वर्ष उनकी रैंकिंग में सुधार किया जा सके। सीएम ने इस दौरान हिमाचल प्रदेश के होटलों के लिए ग्रीन स्टार रेटिंग इनिशिएटिव (हिमगृह) का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री ने ठोस कचरा प्रबंधन पर एक कॉमिक (चित्रकथा) पुस्तक ‘वार्ड सदस्य मीनू’ का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छ पर्यावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे बरकरार रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से होटलों के लिए शुरू की गई हिमाचल प्रदेश ग्रीन स्टार रेटिंग इनिशियेटिव (हिमगृह) लोगों को सतत एवं हरित प्रयासों के लिए प्रेरित करेगी। प्रदेश में चार हजार से अधिक होटल और होम-स्टे संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण से संबंधित कारोबारी प्रतिष्ठान और गतिविधियां पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।