Paonta Sahib: डाक्टर्स अढाई घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर, पढें, क्या है कारण... ddnewsportal.com
Paonta Sahib: डाक्टर्स अढाई घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर, पढें, क्या बोले हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ सिरमौर के पदाधिकारी...
हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ सिरमौर की गेट मीटिंग संघ के अध्यक्ष डॉक्टर पीयूष तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मीटिंग में डॉक्टर अनंत विजय राघव राज्य के उपाध्यक्ष एवं सिविल हॉस्पिटल पाँवटा साहिब के सभी मेडिकल ऑफ़िसर्स ने भाग लिया।
संघ के अध्यक्ष डॉक्टर पीयूष तिवारी और उपाध्यक्ष ए वी राघव ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से 13 फरवरी की वार्ता के मिनिट्स ऑफ़ मीटिंग अभी तक संघ से सांझा नही किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने संघ की मांगों के संदर्भ में समितियों को बनाने की बात कही थी। लेकिन जो समितियां बनाई गई है वो धरातल पर कोई कार्य करती नजर नहीं आ रही हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से डिपार्टमेंटल प्रमोशनल कमेटी खंड चिकित्सा अधिकारियों की पदोनति करने में असमर्थ रही है। यह कमेटी तो स्वर्ग सिधार चुके चिकित्सकों की, नौकरी छोड़ चुके चिकित्सकों की, मेडिकल
कॉलेजों में कार्य कर रहे चिकित्सकों की और जिन चिकित्सकों ने पदोन्नति नहीं लेने के लिए लिख कर दे दिया है, उनकी भी एसीआर ढूंढ रही है। मुख्यमंत्री ने यह बात कही थी कि आजकल तुरंत ऑनलाइन माध्यम से एसीआर प्राप्त की जा सकती है। उसके बाद भी डीपीसी के माध्यम से आज तक चिकित्सकों की पदोन्नति नहीं हो पाई है। रोजगार का इंतजार कर रहे चिकित्सक भी विभाग की कछुआ गति का शिकार हो रहे हैं क्योंकि जब तक चिकित्सकों की पदोन्नति नही होती तब तक रोजगार के लिए पद भी रिक्त नहीं होंगे। चिकित्सकों की सीनियरिटी लिस्ट बनाने के भी लिए कमेटी का गठन किया गया है लेकिन 2016 के बाद आठ साल हो गए लेकिन अब तक सेनियोरिटी लिस्ट नही बन सकी है। पीजी पॉलिसी के लिए भी कमेटी का गठन किया गया है लेकिन अभी तक पीजी पॉलिसी में संशोधन नहीं हो पाया है।
मुख्यमंत्री ने संघ के साथ 3 जून 2023 की वार्ता में और 13 फरवरी 2024 की वार्ता में प्रोजेक्ट डायरेक्टर एड्स कंट्रोल सोसाइटी का कार्यभार स्वास्थ्य निदेशक को एवं मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य तथा स्वास्थ्य अधीक्षकों की शक्तियां लौटने की बात कही थी, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में भी कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
प्रदेश में विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खाली चल रहे हैं और कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं नागरिक चिकित्सालय चिकित्सकों के अभाव में चलाए जा रहे हैं। ऐसे में वर्ष भर से प्रदेश की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहना पड़ा है और यदि इन स्थानों में अतिरिक्त पद सृजित नहीं करवाए जाते हैं तो राज्य के लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं से जान बूझ कर वंचित रखा जाएगा।
राज्य के मेडिकल कॉलेज में अधिकांश प्रशिक्षु चिकित्सक हिमाचल के ही स्थाई निवासी हैं। ऐसे में उनके रोजगार के लिए प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार पद सृजित करवाए जाएं। हमारे ही पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में चिकित्सकों के 4500 पद स्वीकृत हैं जोकि हिमाचल से डेढ़ गुना हैं और हिमाचल में 3000 से ही कम चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं।
हिमाचल के चिकित्सक पूरे देश भर में बेहतरीन चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं और हमारे हेल्थ इंडिकेटर्स भी देश भर में सराहनीय हैं। ऐसे में हिमाचल के चिकित्सकों को भी सेंट्रल हेल्थ सर्विसिस के तुल्य डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम लागू की जाए। जिन राज्यों में चिकित्सकों के एनपीए की कटौती हुई है उन राज्यों की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। अतः हिमाचल में चिकित्सकों की अग्रिम भर्ती में एनपीए को संलग्न रखा जाए ताकि प्रदेश में मिल रही स्वास्थ सेवाओं की गुणवत्ता से कोई समझता न हो।
संघ की भी यह भी मांग है कि स्वास्थ्य निदेशक को डिप्टी मिशन डायरेक्टर के पद से हटाया जाए क्योंकि संघ की यह मान्य नहीं है कि स्वास्थ्य निदेशक किसी अन्य निदेशक के अधीनस्थ कार्य करे। डीपीसी न होने से जो सेवाविस्तर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रदान किया गया है उसे भी शीघ्र समाप्त किया जाए ताकि रिक्त पदों पर युवा चिकित्सकों को रोजगार उपलब्ध हो सके। साथ ही स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अन्य विभागों के अधिकारियों या कर्मचारियों को हटाकर एमबीबीएस चिकित्सकों को ही कार्यक्रम अधिकारी लगाया जाए क्योंकि उन्हें ही कार्यक्रम चलाने का ज्ञान एवं अनुभव होता है।
संघ ने एक महीने से अधिक अवधि तक काले बिल्ले लगाकर कार्य किया लेकिन संघ को अभी तक आश्वासन ही मिला है। मुख्यमंत्री से संघ की वार्ता 3 जून को हुई थी जिसके मिनिट्स आफ मीटिंग अब तक संघ से सांझा नहीं किए गए हैं। मंगलवार 13 फरवरी को मुख्यमंत्री से हुई संघ की वार्ता के मिनट्स ऑफ मीटिंग एक सप्ताह में नहीं आये हैं। इसी कारण से संघ मंगलवार 20 फरवरी से प्रातः 9:30 से 12:00 बजे तक पैन डाउन करेगा। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं ही प्रदान की जायेंगी। संघ प्रदेश की जनता के लिए समर्पित है और संघ की मांगे पूरी होने से ही प्रदेश की जनता को और बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध होंगी।