राजनिती- शिलाई मे भाजपा की राहें हो रही मुश्किल- ddnewsportal.com
शिलाई मे भाजपा की राहें हो रही मुश्किल
कफोटा क्षेत्र की एक दर्जन पंचायतों की नाराजगी के बाद अब टिंबी जोन के डेढ़ दर्जन पदाधिकारियों के सामूहिक इस्तीफों से खलबली
शिलाई विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा की राहें दिन प्रतिदिन मुश्किल होती जा रही है। गत दिनों ब्लाॅक को लेकर एक दर्जन पंचायतों की नाराजगी के बाद अब भाजपा के टिंबी जोन के पदाधिकारियों के पदों से सामूहिक इस्तीफे की बात सामने आई है। यह इस्तीफे शिलाई मंडल प्रधान के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, संगठन महामंत्री पवन राणा और जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता को भेजे गये हैं।
इस्तीफे देने वालों मे मुख्य रूप से राजेंद्र सिंह पूर्व वाईस चैयरमैन शिलाई व प्रदेश सदस्य बीजेपी, धनवीर सिंह उपाध्यक्ष शिलाई मंडल बीजेपी, राजेंद्र चौहान सदस्य 20 सूत्रीय कार्यक्रम सिरमौर, बलबीर सिंह चौहान पूर्व वाइस चैयरमैन बीडीसी शिलाई, प्रदीप कुमार बीजेपी युवा मोर्चा, चतर सिंह बूथ अध्यक्ष बमराड, दलीप सिंह बमराड़ और कुलदीप शर्मा मीडिया प्रभारी शिलाई बीजेपी सहित करीब 18 पदाधिकारियों और सदस्यों के नाम शामिल है। गत दिवस टिंबी जोन की तीन पंचायतों की बैठक में निर्णय लिया गया कि क्षेत्र की विकास के मामले मे अनदेखी हो रही है जिससे पदाधिकारी आहत है इसलिए वह अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं हालांकि वह पार्टी मे बने रहेंगे। वहीं, बताया यह जा रहा है की ये भाजपा पदाधिकारी स्थानीय नेतृत्व से खुश नहीं थे। लगातार कार्यकर्ताओं की अनदेखी ओर विकास के मामले में टिंबी क्षेत्र की हो रही अनदेखी से रूष्ट होकर सभी ने सामूहिक निर्णय लेकर टिंबी जोन की बैठक कर शिलाई भाजपा मण्डल अध्यक्ष सहित जिला अध्यक्ष ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिये है। इसमे स्पष्ट लिखा गया है कि स्थानीय नेता द्वारा कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। ऐसे मे भाजपा शिलाई की मुश्किलें बढ़ गई है। गोर हो कि कुछ दिन पूर्व ही BDO office को लेकर क्षेत्र के करीब 13-14 पंचायतो के विरोध की चिंगारी अभी शांत नहीं हुईं है तो अब टिंबी जोन में विरोध के स्वर उठ खड़े हो गये है। ऐसे में आने वाले
विधानसभा चुनाव में शिलाई भाजपा के नेतृत्व को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि कफोटा बीजेपी जोन की नाराजगी को जहाँ अभी तक बीजेपी नेता दूर नहीं कर पाये है ऐसे में अब टिंबी जोन की करीब 3-4 पंचायतो के लोगों के विरोध के स्वर भाजपा के लिये आने वाले चुनाव में कठिनाईयों को बढ़ा गया है। कार्यकर्ताओ का मानना है की शिलाई में हुए विकास के मामले में जानबूझ कर कुछ क्षेत्रों को अनदेखा किया जा रहा है। स्थानीय नेतृत्व भाजपा की विकास के मामले की मूल विचारधारा "सबका साथ सबका विकास" का नारा कहीं भी सार्थक नहीं दिखाई दे रहा है। केवल कुछ ही क्षेत्रों को विकास से जोड़ा जा रहा है जो लोगों को मंजूर नही है। इसके अतिरिक्त जो ईमानदार कार्यकर्त्ता भाजपा के लिये रात दिन कार्य कर रहे है उनकी अनदेखी की जा रही है। बहरहाल, शिलाई विधानसभा क्षेत्र के के कफोटा और टिंबी जोन की करीब 15-16 पंचायतों में उठ रहे विरोध के स्वर आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। सवाल यह है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा इस चिंगारी को कैसे शांत करेगी। उधर इस बारे शिलाई भाजपा मंडल अध्यक्ष सूरत सिंह चौहान से फोन पर संपर्क करना चाहा लेकिन वह व्यस्त थे। उनका यदि इस मामले मे पक्ष आता है तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।