प्राइवेट स्कूलों ने इन बच्चों को दाखिला नही दिया तो होगी कार्रवाई ddnewsportal.com
प्राइवेट स्कूलों ने इन बच्चों को दाखिला नही दिया तो होगी कार्रवाई
कोर्ट के आदेश पर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को जारी किये दिशा-निर्देश, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रखेंगे नजर, पढ़ें पूरी खबर...
हिमाचल प्रदेश के निजी स्कूलों ने यदि कमजोर वर्ग के बच्चों को 25% सीटों पर एडमिशन नही दी तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। यानि प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्गों के बच्चों को दाखिला देना होगा। साथ ही इसको लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूल परिसर के अंदर व बाहर हिन्दी और अंग्रेजी में पोस्टर लगाने होंगे। कोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने इसको लेकर निजी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कोर्ट के आदेशों के मुताबिक निजी स्कूलों को गरीबी रेखा से नीचे रह रहे वर्ग के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखनी होंगी। इसी कड़ी में विभाग ने सभी निजी स्कूलों को इन निर्देशों पर अमल करने को कहा है। इसके तहत स्कूलों को इस बारे जनता को सूचित करना होगा। इस संबंध में बनाए गए पोस्टर, नोटिस को पंचायत घर, पंचायतों के विभिन्न वार्डों, बस स्टॉप, नगर परिषदों, पंचायतों के विभिन्न वार्डों सहित प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर लगाना होगा।
इसके अलावा स्कूलों को ऐसे छात्रों के माता-पिता को प्रवेश शुरू होने से पहले आवेदन जमा करने के लिए कम से कम 30 दिन का समय देना होगा। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ऐसी सूचनाओं को कम से कम दो बार दोहराने को कहा है। विंटर वैकेशन स्कूलों में फरवरी और मार्च से दाखिला शुरू होगा। ऐसे में इन स्कूलों को इन निर्देशों की अनुपालना अभी से करनी होगी।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को रखनी होगी नजर-
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने ऐसे मामलों पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को नजर रखने को कहा है। वह देखेंगे कि स्कूल प्रशासन द्वारा ऐसे मामले पर लोगों को जागरूक करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। स्कूलों द्वारा 25 प्रतिशत सीटें कमजोर वर्ग के बच्चों
के लिए आरक्षित की गई हैं या नहीं। इस संबंध में नोटिस लगाए गए हैं या स्कूल प्रशासन महज खाली औपचारिकताएं ही कर रहा है। इसके अलावा इन सीटों पर कितने बच्चों को दाखिला दिया गया है। इसकी रिपोर्ट बनाकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को जिला उपनिदेशकों को देनी होगी, जिसे वे शिक्षा निदेशालय को भेजेंगे। विभाग ने 15 फरवरी तक इसकी रिपोर्ट भेजने को कहा है।