राजगढ़: राष्ट्र एवं समाज सेवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का अहम योगदान: मधु पुंडीर ddnewsportal.com

राजगढ़: राष्ट्र एवं समाज सेवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का अहम योगदान: मधु पुंडीर
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नोहराधार में खंड स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा मधु पुंडीर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि छोटे बच्चों की देख रेख, प्री स्कूल शिक्षा, बाल स्वास्थ्य एवं पोषण, गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली माताओं
के स्वास्थ्य, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की जानकारी घर द्वार तक पहुंचाने जैसे बुनियादी एवं अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं देश तथा समाज की सेवा में अद्वितीय योगदान दे रही हैं। उन्होंने कोविड काल को स्मरण करते हुए कहा कि जिस समय परिवार के सगे संबंधी भी अपने का साथ छोड़ रहे थे उस समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्वास्थ विभाग एवं प्रशासन को दिया गया सहयोग अविस्मरणीय हैं।
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यक्रम के स्वर्ण जयंती वर्ष को बधाई देते राज्य तथा केंद्र सरकार से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं के कार्यों के मध्यनजर सम्मानजनक वेतनमान देने तथा प्राथमिक पाठशालाओं में प्री प्राइमरी कक्षाओं हेतु नियुक्ति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ही प्राथमिकता देने की जोरदार वकालत की।
इस अवसर पर नोहरा वृत के पर्यवेक्षक विनोद ठाकुर तथा घंडूरी पर्यवेक्षक अनिल कुमारी धीमान ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग की स्वास्थ्य कर्मी अर्चना सूर्या, आंगनवाड़ी परियोजना संघ की खंड अध्यक्ष नीलम चौहान, उपाध्यक्ष सरोज ठाकुर तथा अन्य उपस्थित पदाधिकारियो सहित दर्जनों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ महिला मंडलों ने उपस्थित हो कर महिला सशक्तिकरण हेतु महिलाओं की भूमिका पर विचार विमर्श किया। इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया। तदोपरांत इस बात पर भी चिंतन हुआ कि केंद्र तथा राज्य सरकारों की महिला उत्थान को योजनाओं एवं विश्विक पटल पर अंतराष्ट्रीय संस्थाओं के निरंतर प्रयास के बावजूद भी महिलाओं को योग्य सम्मान एवं प्रगति के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। जिसके पीछे रूढ़िवादी एवं कुंठित सोच से ग्रसित समाज के सभी महिला एवं पुरुषों का हाथ हैं। अतः आवश्यकता
हैं उन्हें जागरूक करने की, ताकि वह महिलाओं के महत्व को समझ सके तथा समाज में, परिवार में तथा अन्य उचित स्थानों पर उन्हें बराबरी का दर्जा मिले। घर परिवार एवं कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अत्याचार तथा प्रताड़ना का मुद्दा इस समारोह में मुख्य चर्चा का विषय रहा जिसमें हस्तक्षेप करते हुए मुख्य अतिथि मधु पुंडीर ने महिलाओं की शिक्षा एवं आत्मनिर्भरता पर जोर दिया तथा उपस्थित माताओं से निवेदन किया कि वह अपनी बेटियों को प्रारंभ से ही निर्भीक हो कर प्रगति एवं विकास के सभी अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करे तथा हर क्षेत्र में उनका उत्साह बढ़ाए। इस समारोह में महिलाओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।