सिरमौर के चार कर्मचारियों के बहाली आदेश जारी ddnewsportal.com

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इधर कोर्ट पंहुचा कर्मचारी उधर निलंबन हुआ रद्द 

सिरमौर के चार कर्मचारियों के बहाली आदेश जारी, चुनाव ड्यूटी मे सरकारी आदेशों की अवहेलना के आरोप पर जिला निर्वाचन अधिकारी सिरमौर ने किये थे सस्पेंड

सवाल- कहीं किसी साजिश के शिकार तो नही हुए थे शिक्षा विभाग के चार कर्मचारी? 

जनवरी माह के 20 तारीख को जिलाधीश निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधीश सिरमौर डाॅ आरके परूथी के आदेश जारी होते हैं कि पांवटा साहिब के कन्या पाठशाला के चार कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी मे सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर निलंबित किया जाता है। इनमे कन्या स्कूल के एक वरिष्ठ

सहायक सहित दो प्रवक्ता और एक टीजीटी शामिल थे। मामले की जांच अभी पूरी नही हुई थी और एक कर्मचारी द्वारा न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते ही अचानक निलंबन रद्द हो गये। अचानक ऐसा क्या हुआ कि जांच पूरी नही हुई और चारों कर्मचारियों को बहाल कर दिया गया। क्या इस मामले मे गलती हुई या जिलाधीश को भी किसी ने गलत रिपोर्ट भेजकर गुमराह किया था ?
दरअसल जनवरी माह मे पंचायत चुनाव के दौरान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पांवटा साहिब के 3 अध्यापक वर्ग एवं एक कर्मचारी वर्ग को जिला निर्वाचन अधिकारी सिरमौर द्वारा निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निलंबन आदेश जारी किए गए एवं इन सभी के मुख्यालय नाहन उप शिक्षा निदेशक कार्यालय में निश्चित किए गए। सभी अध्यापक एवं कर्मचारी वर्ग को स्थानीय विद्यालय से कार्यभार मुक्त कर नाहन में ड्यूटी आदेश ग्रहण करने के आदेश पारित किए गए। इसी दौरान प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा शिक्षा निदेशक के माध्यम से तथ्यों की जांच करने हेतु आदेश किए गए एवं इन सभी कर्मचारियों के अध्यापकों एवं कर्मचारियों के संदर्भ में जिला उप शिक्षा निदेशक उच्च सिरमौर को तथ्यपूर्वक जानकारी एवं इंक्वायरी करने के आदेश प्राप्त हुए। अभी इंक्वायरी एवं तथ्यपूर्वक रिपोर्ट शिक्षा निदेशक स्तर पर भेजी भी नहीं गई थी कि इसी दौरान स्थानीय विद्यालय में वरिष्ठ सहायक पद पर कार्यरत निलंबित कर्मचारी ने माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश शिमला से न्याय की गुहार लगाई। माननीय उच्च न्यायालय ने इस संदर्भ में न्याय प्रदान करते हुए संबंधित कर्मचारी के प्रतिवेदन को जिलाधीश सिरमौर को प्रेषित किया और एक हफ्ते के भीतर इस प्रतिवेदन पर कार्यवाही कर वरिष्ठ सहायक राजनंद शर्मा को न्याय प्रदान करने के आदेश प्रदान किए। इसी क्रम में संबंधित कर्मचारी ने अपना प्रतिवेदन जिलाधीश सिरमौर को प्रेषित किया। इस बीच प्रदेश चुनाव आयोग कार्यालय का हवाला देकर कार्यवाही में हुई देरी का कारण बताकर जिलाधीश सिरमौर ने संबंधित कर्मचारी, जिसने माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से न्याय के लिए आवेदन किया था, एवं अन्य तीन अध्यापकों के भी 18 फ़रवरी को तत्काल प्रभाव से निलंबन आदेश वापस लिए हैं। और सभी को बहाल कर दिया। अब इन सबके बीच सवाल यह उठ रहे हैं कि यकायक ऐसा क्यों हुआ। क्या जिलाधीश सिरमौर को अहसास हो गया कि उन्होंने तथ्यों की छानबीन किये

बिना निलंबन आदेश जारी करने की गलती कर दी या कुछ और? दरअसल, तीन शिक्षकों ने नगर परिषद चुनाव की रिहर्सल सहित चुनाव मे ड्यूटी दी थी और 11 जनवरी को हेड क्वार्टर रिपोर्ट की। लेकिन उन्हे पंचायत ड्यूटी के कोई आदेश नही मिले। वहीं वरिष्ठ सहायक राजनंद का कहना है उन्होंने पंचायत चुनाव की किसी भी रिहर्सल मे भाग नही लिया तथा उन्हे भी ड्यूटी के आदेश ही नही मिले। वह तो पहले से ही मेडिकल लीव पर थे। सूचना है कि उक्त चारों कर्मचारियों को पंचायत चुनाव मे ड्यूटी के आदेश ही प्राप्त नही हुए। तो ऐसे मे क्या जिलाधीश कार्यालय को गलत रिपोर्ट भेजी गई। यदि ऐसा हुआ हो तो जांच होनी चाहिए कि गलती किस स्तर पर हुई है। वहीं यह भी सवाल उठ रहे हैं कि यदि कर्मचारियों की गलती थी तो कार्रवाई होनी चाहिए थी न कि उन्हे बहाल करना चाहिए था। यदि इनकी गलती नहीं थी तो यह पता लगाया जाना चाहिए कि यह भूल या कथित साजिश किस स्तर पर हुई जो इन कर्मचारियों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा। वहीं शिकायत पर तथ्यों की जांच किये बिना एकतरफा कार्रवाई की बातें भी उठ रही है। 
उधर, जिलाधीश सिरमौर डाॅ आरके परूथी ने कहा कि चारों कर्मचारियों के निलंबन को रद्द कर उन्हे बहाल कर ड्यूटी ज्वायन करने के आदेश जारी कर दिये हैं। क्या जांच पूरी हो गई हैं, के सवाल पर उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन निर्देश देता है कि चार्जशीट फाईल करनी है या नही। ऐसे मे क्लीयर कोई डायरेक्शन नही थी तो उन्हे बहाल कर दिया गया। 

कहाँ ज्वायन करें शिक्षक?

जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया था उनमे एक मैथ प्रवक्ता भी शामिल थे। अब जिलाधीश सिरमौर ने निलंबन बहाली के आदेश देकर पहले वाले स्थान पर ही ड्यूटी ज्वायन करने के आदेश दिये हैं। लेकिन इस बीच मैथ प्रवक्ता का पद खाली होने से वहां पर किसी अन्य शिक्षक ने ज्वायनिंग ले ली है। जिससे बहाल हुए एक शिक्षक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वह असमंजस मे हैं कि क्या करें। बहरहाल, निलंबन बहाली के बाद एक प्रवक्ता को छोड़कर बाकी तीनों जिसमे एक वरिष्ठ सहायक, एक प्रवक्ता और एक टीजीटी ने अपने पहले वाले कार्यस्थल रावमा कन्या पाठशाला पांवटा साहिब मे ड्यूटी ज्वायन कर ली है।