सिरमौर के कलाकारों की अपने ही जिले में नही कद्र ddnewsportal.com

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फोटो: दिलीप सिरमौरी, हिमाचली लोकगायक।

सिरमौर के कलाकारों की अपने ही जिले में नही कद्र

पाँवटा साहिब में पत्रकार वार्ता में लोकगायक दिलीप सिरमौरी ने उजागर की कलाकारों की टीस, बाहर वालों को लाखों और स्थानीय को हजार...

जिला सिरमौर में उपमंडल से लेकर राज्य और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में स्थानीय लोक गायकों और कलाकारों को तरजीह नहीं दी जाती। बाहर से बुलाए गये कलाकारों को लाखों रूपये दिये जाते है जबकि स्थानीय कलाकारों को 5 से 10 हजार रूपये में निपटा दिया जाता है। यह बात पाँवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिरमौर के प्रसिद्ध लोक गायक दिलीप सिरमौरी

ने कही। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन में पाँवटा साहिब में राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। इसमे एक भी विशेष नाइट सिरमौर के लोक कलाकारों के लिए नहीं दी जा रही है। हालाँकि सिरमौर के कलाकारों को मौका तो दिया जाता है लेकिन 2 से 5 या ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट तक ही वह परफार्म कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि सिरमौर में लोक गायकों और प्रतिभाओं की कमी नही हैं। एक से बढ़कर एक अच्छे गायक है। लेकिन मौके के अभाव में जहां उनकी अनदेखी हो रही है वहीं इससे स्थानीय लोक संस्कृति को भी कहीं न कहीं धक्का लग रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि कम से कम एक एक्सक्लूसिव नाईट सिरमौर के कलाकारों के लिए होनी चाहिए। ताकि स्थानीय कलाकारों को जहां वित्तीय मदद मिल सकें वहीं स्थानीय लोक संस्कृति का भी अच्छा प्रचार प्रसार हो सके।