सिरमौर में संगठन को खड़ा करने में रही है अहम भूमिका ddnewsportal.com
जमीन पर बैठ खाना खाते ऊर्जा मंत्री की तस्वीर वायरल
सादगी से हर कोई है वाकिफ, सिरमौर में संगठन को खड़ा करने में रही है अहम भूमिका, पढें सफ़रनामा...
वैसे तो राजनीति में चुनावी वर्ष में नेताओं की ऐसी ऐसी तस्वीरें और वीडियो देखने को मिलते हैं जिससे ऐसा जाहिर करवाया जाता है कि वो ही जनता के असली हितैषी है और जमीन से जुडे नेता है। लेकिन आज जो तस्वीर वायरल हो रही है उसे देखकर कोई ये नही कह सकता कि इसे राजनैतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। क्योंकि इस नेता को जो भलीभांति जानते वो इस बात से वाकिफ है कि ये पहली बार नही है जब ये नेता जमीन पर बैठकर सादगी के साथ खाना खा रहे हैं। बात हिमाचल प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री और पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी की हो रही है। गुरूवार को एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। इस तस्वीर में ऊर्जा एवं बहुउद्देश्यीय परियोजना मंत्री हिमाचल सरकार सुखराम चौधरी आपको जमीन पर खाना खाते दिख रहे होंगे। इनके लिए ऐसे जमीन पर बैठ कर
खाना आम बात है। जिससे समस्त क्षेत्र वासी व उनके जानने वाले परिचित होंगे। तस्वीर केंद्र सरकार के आठ वर्ष के कार्यकाल की वर्षगांठ पर शिमला में हुए नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान की है। सुखराम चौधरी आज अगर इस मुकाम पर है तो उसमें उनकी सादगी और सहनशीलता का सबसे बड़ा योगदान है। उनके भीतर गुरूर और अकड़ नाम की चीज नही जो अक्सर कई नेताओं मे देखने को मिलती है। वो प्यार से सभी की बात सुन भी लेते हैं।
उनके राजनैतिक सफरनामे पर नजर डालें तो वह गरीब व किसान परिवार में पैदा हुए। मेहनत कर पढ़-लिख कर, बिजली बोर्ड में जे.ई. के पद पर सेवाए दी। क्षेत्र के विकास की ललक मन में थी तो नौकरी छोड़ चुनाव लड़ा, चुनाव हार गए पर हौसला नहीं। और ज्यादा मेहनत की, लोगों के सम्पर्क में रहे उनकी समस्याएं के समाधान हेतु, बसों में सवार होकर शिमला में संघर्ष किया। नौकरी छोड़ने के कारण हुई पैदा हुई आर्थिक दिक्कत के दौर में भी मैदान में डटे रहे व हार नहीं मानी। 2002 में पुनः चुनाव लड़ा व सिरमौर में भाजपा का परचम लहरा पाँवटा को भाजपा की झोली में डाला। संघर्ष जारी रखा व भाजपा की स्तिथि को जिला सिरमौर में मजूबूत करते रहे। जिला सिरमौर को भाजपा का सिरमौर बनाया। 2007 में पुनः चुनाव लगा भाजपा की सरकार में सी.पी.एस. बने। 2012 के चुनाव में अपने क्षेत्र से अधिक समय जिला सिरमौर की अन्य विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने में लगाया। जिससे सिरमौर में 3 सीटें भाजपा के खाते में आई पर स्वयं 790 वोटों के मामूली अंतर से हार गए। जनता से जुड़े रहे उनके सुख-दुख के साथी बने व 2012 से 2017 तक ठप पड़े विकास के लिए आवाज उठाई। 2017 में पाँवटा विधानसभा की पिछले 5 साल में हुई दुर्गति हेतु चुनाव लड़ा। जिसमे जनता का अपार प्रेम मिला व 12,619 वोटो से जीत दर्ज कर पूरे प्रदेश में इतिहास रचा। पाँवटा में विकास की नई कहानी लिखने चल पड़े और 2020 में हिमाचल सरकार कैबिनेट में मंत्री बने। तब से जनता की सेवा मे जुटे हुए है।