तीसरी कक्षा की छात्रा को आठवीं कक्षा में बैठने की अनुमति ddnewsportal.com

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तीसरी कक्षा की छात्रा को आठवीं कक्षा में बैठने की अनुमति 

आखिर क्या है मामला जो हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दी अनुमति, पिता की याचिका पर हुई सुनवाई...

हिमाचल प्रदेश की एक बच्ची तीसरी कक्षा में पढ़ती है लेकिन उसे अब सीधे आठवीं कक्षा में प्रवेश लेने की अनुमति मिल गई है। मामला अनोखा जरूर है लेकिन अब बच्ची को आठवीं कक्षा में दाखिले को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की अनुमति मिल गई है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक विशेष मामले में पालमपुर की कक्षा तीन की छात्रा काशवी को आठवीं कक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने काशवी के पिता संतोष कुमार की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि काशवी स्कूल में कक्षा आठ में छात्रा के रूप में अनंतिम (अस्थायी) प्रवेश लेती है तो उसकी समग्र प्रगति की निगरानी संबंधित स्कूल अधिकारियों

की ओर से नियमित आधार पर की जाएगी। काशवी की हर क्षेत्र में प्रगति के बारे में रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। मामले पर आगामी सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। 
याचिका में दिए तथ्यों के मुताबिक काशवी का जन्म 12 मार्च 2014 को हुआ है। वर्तमान में रेनबो पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल पालमपुर में तीसरी कक्षा में पढ़ रही हैं। काशवी एक असाधारण और बौद्धिक रूप से बेहतर बच्ची है। उसे गूगल गर्ल भी कहा जाता है। काशवी को 3 साल की उम्र से ही भारतीय राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और पड़ोसी देशों की राजधानी, सौर मंडल और राष्ट्रीय ध्वज, महत्वपूर्ण दिनों, भारत के राष्ट्रीय उद्यानों, हिमाचल प्रदेश के जिलों, भारत में सबसे बड़े और सबसे लंबे समय तक का ज्ञान है। काशवी के सामान्य ज्ञान व अन्य विषयों के अनेकों वीडियो यू ट्यूब पर उपलब्ध हैं। कई लोगों की ओर से देखा और पसंद किया जा रहा है।
काशवी के पिता ने 16 अक्तूबर 2021 को जोनल अस्पताल धर्मशाला में उसका आईक्यू टेस्ट कराया। इसमें उसका आईक्यू 154 आंका गया था। उसकी जांच करने वाले डॉक्टर ने कहा कि वह असाधारण, बौद्धिक रूप से बहुत श्रेष्ठ व प्रतिभाशाली बच्ची है। काशवी के आईक्यू परीक्षा परिणाम के साथ उसके पिता ने राज्य के शिक्षा विभाग, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पदाधिकारियों को पत्र भेजकर उसे कक्षा आठ में दाखिला लेने, कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का अनुरोध किया। जब प्रतिवादियों की ओर से इस मामले में कुछ नहीं किया गया तो उन्होंने याचिका दायर कर प्रतिवादियों को निर्देश देने की मांग की। कोर्ट ने याचिका के रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि काशवी एक प्रतिभाशाली और बौद्धिक रूप से श्रेष्ठ बच्ची हो सकती है।