Paonta Sahib: मिसाल- तहसीलदार ॠषभ शर्मा ने आंगनबाड़ी में किया अपने बेटे का दाखिला ddnewsportal.com
Paonta Sahib: मिसाल- तहसीलदार ॠषभ शर्मा ने आंगनबाड़ी में किया अपने बेटे का दाखिला, केंद्र कार्यकर्ता की अभिभावकों से ये अपील...
आज के दौर में जहां अभिभावक अपने बच्चों को बढ़िया और महंगे स्कूल में पढ़ाने की होड़ में लगे हुए हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जिनके पास किसी चीज की कमी नहीं है, बावजूद इसके वह सरकारी स्कूलों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए अपना
योगदान दे रहे हैं। हम आपको ऐसी जानकारी इसलिए दे रहे हैं कि समाज में एक अच्छा संदेश जाए कि जब बड़े सरकारी अधिकारी व सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों के लिए सरकारी शिक्षण संस्थान पर भरोसा जता रहे हैं तो आम जनता महंगी शिक्षा की तरफ क्यों भाग रही है। उन्हे भी ऐसे उदाहरणों से सीख लेनी चाहिए।
गत दिनों देश दिनेश मीडिया ने आपको गिरिपार के कफोटा क्षेत्र के शिक्षक दंपति विजय कंवर और सुमन कंवर के बारे में जानकारी दी थी जिनकी दोनो बेटियाँ सरकारी स्कूल में पढ़कर अव्वल स्थान हासिल कर रही है।
आज हम आपको एक युवा अधिकारी की सोंच के बारे में बताने जा रहे हैं। जो खुद तहसीलदार के पद पर तैनात है। चाहे तो अपने बेटे को महंगे से महंगे या बढ़िया स्कूल में पढ़ा सकते है, लेकिन उन्होने ऐसा न करके अपने बेटे को सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र में दाखिल करवाया है। हम बात कर रहे हैं युवा तहसीलदार ऋषभ शर्मा की। उन्होने हाल ही में अपने बेटे अगस्त्य शर्मा को पाँवटा साहिब के वार्ड नंबर-5- ॥ में दाखिल करवाया है। इनके परिवार
की बात करें तो इनके पिता रामेश्वर शर्मा शिलाई क्षेत्र की जानी मानी हस्ती है। माता सुमन शर्मा तहसील कल्याण अधिकारी है, जिन्होंने पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से अपनी सेवाएं शुरू की, फिर सुपरवाइजर बने और आज तहसील कल्याण अधिकारी है। तहसीलदार ऋषभ शर्मा की पत्नी शीतल शर्मा प्रोफेसर है। बहन भी सरकारी नौकरी में है, जिनकी हाल ही मे शादी हुई है। अब ऐसा परिवार जिनके अधिकांश सदस्य सरकारी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं, उन्होंने अपने परिवार के नन्हे सदस्य को सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र में दाखिल कर मिसाल कायम की है।
तहसीलदार ऋषभ शर्मा का कहना है कि हम भी आंगनवाड़ी केंद्र से शिक्षा लेकर आए हैं। मेरी माता जी भी आंगनवाड़ी केंद्र में शिक्षा दे चुकी है। ऐसे में हम सभी को सरकारी शिक्षण संस्थानों पर भरोसा बनाये रखना चाहिए तभी सरकार के करोड़ो रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर और योजनाओं का सही से संचालन हो पाएगा।
उधर, आंगनवाड़ी केंद्र की संचालिका संतोष गुलाटी ने कहा कि तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने अपने बच्चे का दाखिला उनके आंगनबाड़ी केंद्र में करवाकर आंगनबाड़ी की महत्ता समझी है। अन्य अभिभावकों को भी सरकारी शिक्षण संस्थानों पर भरोसा जताना चाहिए।