हिमाचल: यहां 6 कर्मचारी इसलिए किये गये सस्पेंड... ddnewsportal.com

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यहां 6 कर्मचारी इसलिए किये गये सस्पेंड...

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान पेश आया वाकया, एक लेक्चरर सहित ये कर्मी है शामिल...

हिमाचल प्रदेश में छिटपुट घटनाओं के साथ विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो गये हैं। चुनाव के दौरान कहीं कार्यकर्ताओं में हाथापाई तो कहीं उम्मीदवारों के बीच धक्का-मुक्की का मामला भी सामने आया। लेकिन देर शाम शिमला के रामपुर में ईवीएम को लेकर खासा बवाल मचा रहा।

जानकारी के मुताबिक जिला शिमला के रामपुर में निजी गाड़ी में ईवीएम ले जाने का मामला तूल पकड़ गया है। निर्वाचन विभाग की ओर से इस मामले पर कड़ा संज्ञान लिया गया है। दत्तनगर में तैनात 6 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। रिटर्निंग आफिसर एवं एसडीएम सुरेंद्र मोहन की तरफ से यह आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों में कहा कि पार्टी नंबर 146 निजी वाहन में ईवीएम ले जा रही थी, जो चुनाव आयोग के निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है। प्रथम दृष्टया पाया गया कि पार्टी ने उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 134 के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए मतदान केंद्र 49-दत्तनगर में तैनात पोलिंग पार्टी नंबर 146 के 6 कर्मियों को तुरंत निलंबित किया है। जिन्हें निलंबित किया गया है, उनमें जगत राम लेक्चरर, राजेश कुमार इंद्र पाल, प्रदीप कुमार, सुरक्षा अधिकारी गोवर्दन सिंह व विपिन शामिल हैं।
बीते रोज मतदान समाप्त होने के बाद रामपुर बुशहर में एक निजी गाड़ी में ईवीएम ले जाने का मामला सामने आया था। कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेताओं ने निजी कार में ईवीएम ले जाने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत दी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके के लिए रवाना हुई और मामले को शांत करवाया। कांग्रेस के महासचिव एवं शिमला ग्रामीण से उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर इंटरनेट मीडिया में भी पोस्ट डाल कर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई थी। उन्होंने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जताई है। वहीं कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी ट्वीट कर निजी कार में ईवीएम मिलने पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस विधि विभाग व मानवाधिकार विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष अधिवक्ता प्रणय प्रताप सिंह ने इसको लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा था। उन्होंने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की थी।