डिवाईडर स्क्रेप बिक्री मामले की डीसी से शिकायत ddnewsportal.com
डिवाईडर स्क्रेप बिक्री मामले की डीसी से शिकायत
पार्षद रोहताश नांगिया और आरटीआई एक्टीविस्ट चतर सिंह ने भेजी कंपलेंट, कार्रवाई की उठाई मांग
पांवटा साहिब नगर परिषद से कथित बिना टेंडर और औपचारिकता पूरी किये बिना लोहे के लाखों रूपये के डिवाईडर स्क्रेप बेचने का मामला तूल पकडता जा रहा है। इस मामले की लिखित शिकायत जिलाधीश सिरमौर को नगर परिषद के पार्षद ने ही कर दी है। साथ ही आरटीआई एक्टीविस्ट चतर
सिंह ने भी जिलाधीश सिरमौर डाॅ आरके प्रूथी को शिकायत पत्र भेजा है। दोनों शिकायत पत्र मे मामले की उचित जांच कर मामले मे संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है। डीसी सिरमौर को भेजे गये शिकायत पत्र मे कहा गया है कि एनएच चोडीकरण के दौरान बद्रीपुर से वाई प्वायंट तक लगे लोहे के डिवाईडर निकाल लिए गये और आनन फानन मे नगर परिषद परिसर से बिना कोई औपचारिकता पूरी किये इन्हे औने पौने दामों पर बेच दिया गया। ये भी पता नही कि कुल लोहा कितने टन था और किस रेट पर ये बेचा गया। इस
प्रकार की कार्य प्रणाली नगर परिषद को बदनाम कर रही है इसलिए इसकी तह तक जांच करवाई जानी चाहिए और मामले के दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। गोर हो कि सन फार्मा के सहयोग से बद्रीपुर से वाई प्वायंट तक करीब 20 लाख रूपये की लागत से लोहे के डिवाईडर लगाये गये थे। ये कुल 55 लाख का प्रोजेक्ट था लेकिन सिर्फ पहले फेस का ही कार्य करीब 20 लाख रूपये मे पूरा हो पाया। सेकेंड फेस मे बद्रीपुर से बातापुल तक लगने वाला काम एनएच ने रूकवा दिया था। लेकिन गत दिनों एनएच चोडीकरण के दौरान लगे डिवाईडर स्क्रेप को निकाला गया। एनएच ने यह काम नगर परिषद के सुपुर्द कर दिया। आरोप है कि बिना टेंडर नोटिस जारी किये और अन्य ज़रूरी औपचारिकता पूरी किये बिना ये लाखों रूपये के डिवाईडर स्क्रेप कोडियों के भाव बेच दिये गये हैं। जिसके बाद पांवटा साहिब मे खूब हो हल्ला हो रहा है। शुक्रवार को युवा कांग्रेस ने भी इस मामले पर रैली निकालते हुए रोश प्रकट किया। जानकारी यह भी मिली है कि जिलाधीश सिरमौर ने इस मामले की जांच शुरू करवा दी है। हालांकि उनसे संपर्क नही हो पाया।