Himachal Breaking: भारी तबाही के बाद अब भवन निर्माण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला ddnewsportal.com

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Himachal Breaking: भारी तबाही के बाद अब भवन निर्माण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

हिमाचल प्रदेश में बरसात के दौरान सुई भारी तबाही के बाद सरकार जागी है। अब भवन निर्माण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल प्रदेश में अब जमीन की जांच के बाद ही भवनों का निर्माण कार्य हो सकेगा। भवन निर्माण के लिए इंजीनियर की रिपोर्ट भी अनिवार्य की गई है। प्रदेश में आपदा ने तबाही मचा रखी है। इससे सबक लेते हुए सरकार भवन निर्माण के नियमों को सख्त करने जा रही है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से अब तक 1,442 कच्चे पक्के मकान ढह गए हैं, जबकि 8,160 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।


आपदा को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें पानी की निकासी और जमीन की जांच करने पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रदेश में अवैध निर्माण पर रोक नहीं लग रही है। लोग बिना नक्शे के भवनों का निर्माण कर रहे हैं। जिन लोगों को पूर्व में चार मंजिला भवन के नक्शे पास हैं, उन्होंने पांच से छह मंजिलों का निर्माण कर दिया है। भवन मालिकों के पानी की सही निकासी नहीं की है। यह पानी जमीन में जा रहा है।

इससे भवन के नीचे की जमीन दलदल होती जा रही है। इससे आसपास के मकानों के लिए खतरा बनता जा रहा है। हिमाचल में जो मकान गिरे हैं। उनका यही कारण मना जा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार निर्माण कार्यों को लेकर सख्ती करने जा रही है। 
प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार ने कहा कि बिना नक्शे के हो रहे निर्माण कार्यों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
वहीं, हिमाचल में आपदा ने तबाही मचा कर रख दी है। दर्जनों लोगों की जान चली गई है। भूस्खलन के चलते लोग मलबे में दब रहे हैं। एनजीटी ने शिमला प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से अधिक भवन निर्माण पर रोक लगाई है। त्रासदी के बाद लोगों को इसकी याद आ रही है।