मौत से जंग लड़ रहे मुख्तयार सिंह से परिजनों ने मिलने से किया इंकार ddnewsportal.com
मौत से जंग लड़ रहे मुख्तयार सिंह से परिजनों ने मिलने से किया इंकार
एक पवन है जो दूसरों के लिए जीता है, और यहां अपने भी अपनों से फैर रहे मुंह, पाँवटा सिविल अस्पताल में एडमिट है बुजुर्ग।
वैसे तो कहते है कि कलयुग में अपनों के प्रति भी हमदर्दी खत्म हो जाएगा और ऐसा भी वक्त आएगा जब मनुष्य को अपने खून के रिश्ते की भी परवाह नही होगी। लेकिन ऐसा वक्त इतनी जल्दी आ जाएगा ये शायद ही किसी ने सोंचा होगा। पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मुख्तयार सिंह के साथ कुछ ऐसा देखने को मिल रहा है जो रिश्तों की अहमियत और मानवता को काला धब्बा लगा रहे है।
दरअसल, सहायता संकल्प सोसाइटी सिरमौर ने सड़क पर बेसहारा गूम रहे मुख्तयार सिंह नामक बुजुर्ग को गवर्नमेंट हॉस्पिटल पाँवटा साहिब में 27 जुलाई को एडमिट कराया था।
फेसबुक के माध्यम से इनके बेटे का पता भी लग गया था, जो वार्ड नंबर- 8, गांव बंबन माजरा तहसील नारायणगढ़ जिला अंबाला हरियाणा का रहने वाला है। संस्था के संचालक पवन बोहरा द्वारा और पाँवटा साहिब पुलिस द्वारा इनके बेटे को फोन किया गया लेकिन उन्होंने आने को मना कर दिया और कहा कि उनके पास टाइम नहीं है। आपने जो मर्जी करना हो कर लो। मुख्त्यार सिंह की हालत काफी खराब है। फिर भी पांवटा साहिब के डॉक्टर इन्हे बचाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं। पवन बोहरा ने कहा कि ऐसे बेटे का क्या करना जो ऐसी दुख की घड़ी में भी ना आए।
वहीं ऐसे मामलों के सामने आने से जहां खून के रिश्तों का कत्ल होने का दुख होता है, वहीं पवन बोहरा जैसे समाजसेवी, जो निस्वार्थ अनजान लोगों की सेवा मे रात दिन लगे हुए है, को देखकर थोड़ा सुकून भी मिलता है कि मानवता अभी पूरी तरह मरी नही है।