Himachal News: सरकार का बड़ा पलटवार, पढ़ें तीन मंत्री सहित मीडिया सलाहकार के बयान...
Himachal News: सरकार का बड़ा पलटवार, मंत्री विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह और यादविंदर गोमा सहित मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भाजपा को लेकर कहा कुछ ऐसा...
पिछले कुछ समय से हिमाचल की कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटी भाजपा पर आज कांग्रेस के मंत्रियों और मीडिया सलाहकार ने बड़ा पलटवार किया है। कांग्रेस के मंत्रियों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहि हुआ है लेकिन भाजपा के नेता बेवजह तूल देकर सरकार की छवि को खराब करने में जुटे हैं। यह भी आरोप लगाए कि यह हालात पूर्व की जयराम ठाकुर की सरकार की वजह से समने आए है।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और आयुष मंत्री यादविंदर गोमा ने नई हिमाचल भाजपा के नेताओं पर तीखा जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हिमाचल भाजपा में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश हो चुका है। हर्ष महाजन, सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा ने भाजपा को आंतरिक रूप से कब्जा लिया है और हिमाचल में भाजपा इनकी गुलाम बन गई है। इन तीनों नेताओं का ध्येय जनसेवा नहीं धनसेवा है। ऑपरेशन लोटस फेल होने के बाद से ये नेता मुख्यमंत्री के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र रच रहे हैं।
अनिरुद्ध और गोमा ने कहा कि चंबा की जनता जानना चाहती है कि हर्ष महाजन ने चुनावी राजनीति से तौबा क्यों कर ली। अगर वह जनसेवक होते तो जनता की अदालत से चुनकर आते और लोगों की सेवा करते, लेकिन उनकी पोल खुल चुकी थी, इसलिए एक बार मंत्री रहने के बाद उन्होंने दोबारा चुनाव नहीं लड़ा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे हिमाचल में बंद किए हैं, इसलिए हर्ष महाजन, सुधीर व राणा छटपटा रहे हैं। दोनों मंत्रियों ने कहा कि ये तीनों नेता जनता में अपनी विश्वनीयता खो चुके हैं। जब से ऑपरेशन लोटस फेल हुआ है और कांग्रेस की सीटें 34 से फिर 40 हुई हैं, इनकी रातों की नींद उड़ गई है। ये नेता बौखलाहट में हैं और आये दिन मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए नए-नए षड्यंत्र रचने के बाद शिगूफे छोड़ते रहते हैं। हर्ष, सुधीर व राणा की गुलाम हो चुकी भाजपा जनहित की राजनीति भूल गई है। जनता के मुद्दे उठाने के बजाय भाजपा झूठ परोसने की मशीन बनती जा रही है।
अनिरुद्ध व गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री व कांग्रेस सरकार जनता के लिए नई-नई योजनाएं ला रही है। आपदा में मुख्यमंत्री व सभी मंत्री ग्राउंड जीरो पर रहे, लेकिन भाजपा ने राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम किया। केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज नहीं मिलने दिया, हिमाचल भाजपा के नेता पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट की राशि भी जारी नहीं होने दे रहे, बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी कर 23000 परिवारों को दोबारा बसाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने 6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। विधायक महिलाओं, एकल नारियों के बच्चों को 27 साल तक मुफ्त शिक्षा, घर बनाने के लिए 4 लाख रुपये की सहायता, 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज इत्यादि नई योजनाएं धरातल पर लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1.36 कर्मचारियों को ओपीएस दी जा चुकी है। दूध पर एमएसपी देने वाला हिमाचल पहला राज्य है। गोबर का उपयोग कर उगाई गई मकई व गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही है। पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल में मात्र 20 हजार नौकरियां निकाली, जिनमें से अधिकांश कोर्ट में फंसी रही। वर्तमान कांग्रेस सरकार अब तक 31 हजार नौकरियों के अवसर प्रदान कर चुकी है। हिमाचल प्रदेश में चहुंमुखी विकास हो रहा है, 10 में से 5 गारंटियों को पूरा किया जा चुका है, जिससे भाजपा नेता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
उधर, लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं, जो भी निर्णय सरकार के खिलाफ आता है, उसे सर्वोच्च न्यायालय या डबल बैंच में चैलेंज किया जाता है। होटल बंद करने के आदेश में भी मुख्यमंत्री लीगल ओपिनियन लेकर अगला कदम उठाएंगे। विपक्ष में रहते हुए इस विषय को गंभीरता से उठाया था, जो भी बोर्ड कोरपोरेशन हैं, वे घाटे में चल रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह हालात आज से नहीं हैं। प्रदेश की वित्तीय परिस्थिति भी पहले से खराब हुई है।
पिछली सरकारों के समय भी यह हालात बने हुए थे। रेवन्यू डेफिसिट ग्रांट की वजह से यह हालात बने हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट ने आक्यूपेंसी को लेकर होटलों को बंद करने का फैसला दिया है। कई ऐसे होटल हैं, जिनमें आक्यूपेंसी के अलावा दूसरी गतिविधियां भी चल रही हैं। उन्होंने चायल होटल के बारे में कहा कि यहां कोरपोरेट मीटिंग और शादी के इवेंट करवाए जाते हैं, लेकिन इन आयोजनों को संज्ञान में नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के इस फैसले का रिव्यू किया जाएगा। भविष्य में कैसे लडऩा इसका फैसला सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि राजस्व घाटा अनुदान (रेवन्यू डेफिसिट ग्रांट) पहले 12 हजार करोड़ रुपए मिलता था। जो अब चार हजार करोड़ रुपए पर सिमट गया है। उन्होंने कहा कि राजस्व घाटे की समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि भाजपा ने अपने समय में हिमाचल टूरिज्म के होटलों को बेचने और लीज पर देने का फैसला किया था। उस समय पार्टी फंड के नाम पर एक व्यक्ति से सौदा भी किया गया था। इन होटलों को लीज पर लेने के लिए बैंक से भारी-भरकम ऋण लिया गया, लेकिन बाद में डील फाइनल नहीं हो पाई थी।
नरेश चौहान ने बताया कि राज्य सरकार अब उस समय की सौदेबाजी को लेकर तह तक जाएगी और कोई घोटाला सामने आता है, तो भविष्य में इसकी जांच भी करवाएगी। उन्होंने कहा कि यह जांच किस एजेंसी को सौंपी जाएगी, इसका फैसला भविष्य में होगा। मीडिया सलाहकार नरेश चौहान गुरुवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि होटलों की नीलामी के फैसले पर राज्य सरकार ने कमेटी का गठन किया है। सेवानिवृत्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार आगामी कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि होटलों को लीज पर देना है या राज्य सरकार न्यायालय में अपील दायर करेगी। इसका फैसला भी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही होगा।