अलर्ट- साइबर अपराधी हैकिंग के लिए फैला रहे झूठी खबरों के लिंक- ddnewsportal.com
केंद्र सरकार के फ्री लैपटाॅप-टैबलेट और स्मार्ट फोन देने का मैसेज फर्जी
साइबर अपराधी हैकिंग के लिए फैला रहे झूठी खबरों के लिंक, साइबर सेल ने की ऐसे संदेशों से बचने की अपील।
कोरोना काल में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महामारी के कारण ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं तो वहीं बच्चों की पढाई भी ऑनलाइन चल रही है। इसी वजह से जालसाज गलत जानकारी देकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। ऐसा ही एक ताज़ा मामला सामने आया है जिसमें जालसाज SMS व वॉट्सऐप (WhatsApp) पर एक मैसेज वायरल कर रहे हैं। इस मेसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार ऑनलाइन पढ़ाई के लिए छात्रों को फ्री में लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्टफोन दे रही है। पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) राज्य गुप्तचर विभाग, हिमाचल प्रदेश, अतुल फुलजले (भा0 पु0 से0) ने जारी एडवाइजरी मे बताया कि वर्तमान समय में यह सन्देश इस प्रकार से आम जनता को प्राप्त हो रहे हैं: - “Govt is giving free Laptop to all the students of India. Register your number on PM-Laptop app to get free laptop. App link: http://tiny.cc/Govtlaptop” ऐसे किसी फ़र्ज़ी लिंक या वेबसाइट पर निजी जानकारी सांझा न करें। इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया है। जिसमें इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करता को अपनी निजी डिटेल भरने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में यदि आप इस लिंक पर अपनी निजी डिटेल भरते हैं तो आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते है। वॉट्सऐप पर वायरल हुए इस मैसेज में साइबर ठगों ने लोगों से मैसेज को शेयर करने की अपील की है। जिसमें साइबर ठगों की ओर से कहा गया है कि 'इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि जिन लोगों को लैपटॉप की आवश्यकता हो, वे इसे प्राप्त कर सकें और हमारे देश की साक्षरता दर में सुधार हो सके’। आपको बता दें इसी तरह के निवेदन से साइबर ठग ऐसे मैसेजों को वायरल कराते हैं। राज्य साईबर थाना शिमला द्वारा उपरोक्त मैसेज में दिए गए लिंक की जांच की गई तो पाया गया कि उपरोक्त लिंक के साथ सलंग्न की गई फाईल में malicious, android trojan agents als heur / warm malware virus और कई अन्य encrypted files मौजूद पाई गई है। मैसेज पूरी तरह से फर्जी है। इस तरह के फर्जी वायरल मैसेज पर विश्वास नहीं करें। इसके साथ ही अपनी निजी जानकारी मैसेज में दिए गए लिंक पर साझा न करें। जनसाधारण से अनुरोध किया है कि स्पैम टेक्स्ट संदेशों को कैसे पहचानें और रिपोर्ट करें। सेल ने परामर्श (advisory) मे कहा है कि उपरोक्त सन्देश व अन्य लिंक द्वारा भेजे गए malicious link आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं:
1. ईमेल, सोशल मीडिया या एसएमएस के जरिए प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। भले ही किसी विश्वसनीय व्यक्ति से भेजा गया हो, हमेशा अपने ब्राउज़र में लिंक टाइप करें।
2. अपने सामान्य ज्ञान का प्रयोग करें : क्या कोई वेबसाइट आपको अजीब लगती है? क्या यह संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी मांग रहा है? यदि यह असुरक्षित लगता है, तो जोखिम न लें।
3. वैधता की पुष्टि करें: क्या वेबसाइट संपर्क जानकारी या वास्तविक दुनिया की उपस्थिति के कुछ संकेतों को सूचीबद्ध करती है। यदि संदेह है, तो उनकी वैधता स्थापित करने के लिए फोन या ईमेल द्वारा उनसे संपर्क करें।
4. URL को ध्यान से पढ़ें: यदि यह एक ऐसी वेबसाइट है जिसका आप अक्सर उपयोग करते हैं, तो क्या URL की वर्तनी सही है? कई बार, फ़िशर उस साइट की वर्तनी के लगभग समान वेबसाइट सेट करते हैं, जिस पर आप जाने का प्रयास कर रहे हैं। एक आकस्मिक गलत टाइप आपको साइट के कपटपूर्ण संस्करण तक ले जा सकता है।
5. यदि लिंक सही प्रतीत होता है तो अपने विवेक का उपयोग करें व अन्य उपयोगकर्ताओं की समीक्षाएं या चेतावनियां खोजने के लिए कुछ शोध करें।
6. किसी भी लिंक के गुणों की जाँच करें। हाइपरलिंक पर राइट-क्लिक करने और "गुण" का चयन करने से लिंक की वास्तविकता का पता चल जाएगा। क्या यह उस चीज़ से अलग दिखता है जिस पर उसने आपको ले जाने का दावा किया था?
उपरोक्त सन्देश व लिंक्स द्वारा भेजे गए प्रलोभन केवल साईबर अपराधियो द्वारा ठगी के उदेश्य से भेजना पाया गया है। किसी भी प्रकार के साईबर अपराध की सूचना तुरन्त नजदीकी पुलिस थाना व राज्य साईबर अपराध थाना शिमला में दें।