Paonta Sahib: बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने किया एक घंटा कार्य का बहिष्कार, जानिए कारण... ddnewsportal.com
Paonta Sahib: बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने किया एक घंटा कार्य का बहिष्कार, जानिए कारण...
हि0 प्र0 स्टेट इलेट्रीसिटी बोर्ड़ एम्प्लाइज यूनियन की जिला सिरमौर के गिरिनगर, पाँवटा साहिब और नाहन यूनिट के द्वारा गेट मीटिंग का आयोजन भोजन अवकाश के दौरान वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष भगवान दास और राज्य उपाध्यक्ष सुनील कुमार की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान एक घंटा कार्य का बहिष्कार किया गया।
इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे पड़ोसी केंद्र शाशित प्रदेश चंडीगढ के बिजली विभाग को वर्ष 2021 में केंद्र सरकार द्वारा एमिनेंट कंपनी को मात्र 871 करोड़ रुपये में बेच दिया गया था। चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों के नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी एम्पलाइज एंड इंजिनियर्स के बैनर तले किये गए लगातार संघर्ष व न्यायायिक लड़ाई के चलते चंडीगढ़ प्रशासन बिजली महकमे को अभी तक कंपनी के सपुर्द नहीं कर पाया। वहीं राजस्थान व उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की निजी हाथों में देने के लिए पूरी तैयारियां चली है। कुछ जगह तो निजी हाथों में देने बारे टेंडर तक लगा दिए गये हैं।
चंडीगढ़ में न्यायालय से मामला कंपनी के पक्ष में होने के बाद अब वहाँ का बिजली कर्मी अब आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है क्योंकि इन कर्मचारियों की सेवाएं भी निजी कंपनी के अधीन कर दी गई है। 25 दिसम्बर, 2024 को चंडीगढ़ के रामलीला मैदान में बिजली कर्मचारियों की बहुत बड़ी पंचायत हुई थी जिसमें हरियाणा, पंजाब के अतिरिक्त हिमाचल से भी लगभग 300 कर्मचारियों व पेंशनर ने भाग लिया था। इस बिजली पंचायत में चंडीगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के बिजली महकमों/निगमों के निजीकरण के खिलाफ 31 दिसम्बर, 2024 को पूरे देश में NCCOEEE के आवाह्न पर एक घण्टा काम के बहिष्कार का फैसला लिया गया है। हम सब जानते हैं चंडीगढ़ बिजली महकमे की 26000 करोड़ की सम्पन्तियों को मात्र 871 करोड़ रुपये में निजी कंपनी को बेच दिया गया। हैरानी की बात है 200-300 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष मुनाफा कमाने बाले महकमें की संपन्तियों का रिज़र्व बिक्रय मूल्य मात्र 174 करोड़ रुपये रखा गया। वहीं चंडीगढ का बिजली महकमा जो हर तरह से जनता को बेहतर सेवाएं दे रहा है, जहां बिजली की दरे मात्र 4.50 रुपये है। वहीं चंडीगढ़ की विद्युत हानियाँ मात्र 10 प्रतिशत है। चंडीगढ़ के निजी हाथों में जाने से पड़ोसी राज्यों पर भी इसका असर पड़ेगा और हिमाचल प्रदेश का औद्योगिक क्षेत्र इन कॉरपोरेट के निशाने पर रहेगा।
आज समूचे देश के बिजली कर्मचारी बड़े कठिन दौर से गुजर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में हम सबको मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी एम्पलाइज एंड इंजिनियर्स के साथ खड़ा होना होगा और हिमाचल के बिजली कर्मचारियों को भी बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। आज इस गेट मीटिंग में बहुत से कर्मचारी साथियों में भाग लिया जिसमे पाँवटा साहिब यूनिट के प्रधान निर्मल सिंह, वरिष्ठ उपाध्याय इम्तियाज हाशमी, आउटसोर्स के महामंत्री राजेश कुमार, महामंत्री संजय कुमार और वरिष्ठ साथी हेमराज राणा, अनिल कुमार गिरी नगर यूनिट के प्रधान हंसराज, राजेश और अन्य बहुत से साथियों ने इस गेट मीटिंग में भाग लिया।