HPSEB News: एक उपभोक्ता के नाम एक से अधिक मीटर तो होगी जेब ढीली, पढ़ें, बोर्ड प्रबंधन की क्या है तैयारी... ddnewsportal.com
HPSEB News: एक उपभोक्ता के नाम एक से अधिक मीटर तो होगी जेब ढीली, पढ़ें, बोर्ड प्रबंधन की क्या है तैयारी...
हिमाचल प्रदेश में घरेलू बिजली पर सब्सिडी खत्म हो सकती है। बोर्ड प्रबंधन इस बाबत तैयारियों में जुट गया है। हालांकि एक मीटर पर सब्सिडी जारी रहेगी लेकिन यादि आपने नाम पर एक से अधिक मीटर है तो सब्सिडी खत्म की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में एक घरेलू उपभोक्ता को एक ही बिजली के मीटर पर सब्सिडी मिलेगी। जिस उपभोक्ता के नाम से एक से अधिक मीटर हैं, उसकी सब्सिडी बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। आधार नंबरों से बिजली मीटर के नंबरों को जोड़ने में बोर्ड प्रबंधन जुट गया है। सोलन और चंबा जिला में आधार का पंजीकरण शुरू कर दिया है। अन्य जिलों में भी जल्द रक्रिया शुरू हो जाएगी। अप्रैल 2024 से प्रदेश में नई व्यवस्था लागू हो सकती है।
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में 22 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं। बिजली की खपत के हिसाब से हर स्लैब में इन उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया करवाने के लिए सरकार की ओर से बोर्ड को सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में ऐसे कई घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनके नाम पर एक से अधिक बिजली के मीटर लगे हैं। प्रदेश सरकार ने आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक उपभोक्ता को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी देने का विचार बनाया है। वित्त महकमे की ओर से गए इस प्रस्ताव को सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर मंजूर कर दिया है।
चालू वित्त वर्ष के लिए विद्युत नियामक आयोग की ओर से दरें जारी रहेंगी। उपभोक्ताओं के आधार नंबर से मीटरों को जोड़ने के लिए ऊर्जा विभाग ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग से लाइसेंस ले लिया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया करवाने के लिए दी जाने वाले सब्सिडी के लिए सरकार की ओर से प्रतिवर्ष करीब 500 करोड़ रुपये जारी किए जाते हैं।
उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें और सब्सिडी (रुपये में)
स्लैब बिजली दरें प्रति यूनिट सब्सिडी
0-125 शून्य 2.14
126-300 4.17 1.10
300 से ऊपर 5.22 0.65
शहरों के मकान मालिकों, झुग्गी मालिकों की बढ़ेगी परेशानी-
नई व्यवस्था से शहरों के मकान मालिकों और झुग्गी मालिकों की परेशानियां बढ़ने वाली हैं। शिमला समेत मुख्य शहरों में मकान मालिकों ने फ्लैट किराये पर चढ़ाए हैं। इनमें लगाए मीटर मकान मालिकों के नाम पर हैं। मैदानी जिलों विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास भूमि मालिकों ने झुग्गियां बसाई हैं। यहां भी भूमि मालिकों के नाम पर बिजली के मीटर लगे हैं। ऐसे में इनको ज्यादा दिक्कत आएगी।