Himachal News: हाटी समुदाय जनजातीय मामले पर सीएम सुक्खू ने कहा कुछ ऐसा, मंच ने की मुलाकात... ddnewsportal.com
Himachal News: हाटी समुदाय जनजातीय मामले पर सीएम सुक्खू ने कहा कुछ ऐसा, मंच ने की मुलाकात...
हिमाचल प्रदेश के गिरिपार में बसने वाले हाटी अब मुख्यमंत्री सुक्खू के दरबार में पहुंच गए हैं। हाटी विकास मंच के पदाधिकारियों ने आज शिमला में ओक ओवर में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की। यह मुलाकात अत्यंत सकारात्मक माहौल में हुई। हाटी विकास मंच के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर रमेश सिंगटा की अगवाई में तर्कपूर्ण और तथ्यपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखा। उन्होंने मुख्यमंत्री को अब तक हुई प्रगति से अवगत करवाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को हाटी की समृद्ध संस्कृति के प्रतीक लोईया, डांगरा और मफलर भेंट किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल के हाटियों को केंद्र सरकार की नौकरियों में भी आरक्षण मिल पाएगा। हिमाचल को एसटी घोषित होने से लाभ ही होगा।
इस मौके पर मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें कहा गया है कि आपके गतिशील नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आप केंद्र सरकार के साथ समन्वय बना कर हिमाचल प्रदेश का निरंतर विकास करवाने के लिए
प्रयासरत हैं। आपको विदित ही है कि हाटी समुदाय हिमाचल प्रदेश के गिरिपार में बसता है। करीब 6 दशक के लंबे तर्कपूर्ण, तथ्य पूर्ण और शांतिपूर्ण संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का औपचारिक दर्जा दे दिया है। सुदीर्घ सांस्कृतिक परंपरा को संजोकर रखने वाले हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने में बहुत से पक्षों का सहयोग मिला है। आप मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण राजनेता है। आपसे हाटी समुदाय विनम्र आग्रह करता है कि जिस मूल भावना के साथ संसद से संशोधित अनुसूचित जनजाति विधेयक पारित किया गया है, उसे उसी रूप में हिमाचल प्रदेश में लागू करवाने में सहयोग करने की कृपा करें। आपका हाटी समुदाय के प्रति हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रहा है। इसके लिए हम आपका आभार व्यक्त करना चाहते हैं। हाटी समुदाय दृढ़ विश्वास करता है कि निकट भविष्य में भी आपका अमूल्य मार्गदर्शन, सहयोग मिलता रहेगा। प्रतिनिधि मंडल में पदाधिकारी प्रदीप सिंगटा, डॉ रमेश सिंगटा, दलीप सिंगटा, सुरेश सिंगटा, मदन तोमर, नीटू चौहान, गोविंद राणा रविंद्र जस्टा शामिल रहे।