परौर: लड़की बोली पूरे परिवार ने लिया है नामदान, फिर भी घर में होता है लड़ाई-झगड़ा और गुस्सा, तो बाबा जी ने दिया ऐसा जवाब... ddnewsportal.com
परौर: लड़की बोली पूरे परिवार ने लिया है नामदान, फिर भी घर में होता है लड़ाई-झगड़ा और गुस्सा, तो बाबा जी ने दिया ऐसा जवाब...
हिमाचल प्रदेश के परौर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा प्रमुख गुरिंद्र सिंह ढिल्लों जी महाराज ने शनिवार को सत्संग भवन में आई हुई संगत के सवालों के जवाब दिए। सुबह 10 बजे के करीब शुरू हुए सत्संग में बाबा जी के साथ-साथ पाठी भी मौजूद रहे। इस दौरान बाबा जी ने अपने प्रवचनों से पंडाल में उपस्थित संगत को निहाल किया। शनिवार को सत्संग शुरू होने से पहले संगत की दो बार चैकिंग हुई उसके बाद विशेष मशीनों में बैग चेक होने तथा फोन जमा करवाने के पश्चात उन्हें सत्संग के लिए एंट्री मिली। सत्संग में ज्यादातर सवाल संगत द्वारा अपनी निजी जिंदगी से जुड़े किए गए, जिनके उत्तर महाराज द्वारा विस्तारपूर्वक दिए गए।
एक सवाल में लड़की ने बाबा जी से पूछा कि बाबा जी मेरे सारे परिवार ने यहां से नामदान लिया है और सेवा में भी आते हैं लेकिन फिर भी हमारे घर में लड़ाई-झगड़ा और गुस्सा होना आम बात है। इस पर बाबा जी ने कहा कि आप क्या सोचते हैं कि नामदान लेकर कोई संत बन जाता है। नामदान लेने का मतलब है कि हमने एक लक्ष्य सामने रखा है। अब हमने उसकी तरफ बढ़ना है। नाम लेकर कोई सत्संगी नहीं बनता है, यह तो उसने सिर्फ अपनी इच्छा सामने रखी है कि मैंने सत्संगी बनना है। जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव आते हैं, हमने कैसे उनका सामना करना है यह धीरे-धीरे वक्त के साथ भजन-कीर्तन कर सही हो जाएगा और अगर माता-पिता गुस्सा करते हैं तो वह आपके भले के लिए ही करते हैं, वे आपके दुश्मन नहीं हैं।
इसके बाद एक महिला ने सवाल किया कि जब दुनिया में प्यार की कोई कद्र नहीं है तो प्यार क्यों बनाया है? बाबा जी ने इस पर कहा कि बेटा इंसान प्यार के बिना जिंदा नहीं रह सकता। ईसाई धर्म में कहते हैं कि मालिक प्यार है और प्यार ही मालिक है परंतु हम समझ नहीं पाए। हमने तो प्यार को अपने जिस्म के दायरे में सीमित रख दिया है और उससे आगे नहीं बढ़ पाए हैं। प्यार में इंसान को देने में ज्यादा खुशी होती है न की लेने में। प्यार में बड़ी कुर्बानी देनी पड़ती है अभी हम उसे नहीं समझ पाए हैं। रविवार यानि आज डेरा प्रमुख गुरिंद्र सिंह महाराज स्वयं सत्संग करेंगे। शनिवार को उन्होंने खुली कार में संगत को दर्शन दिए तथा इसके उपरांत बच्चों तथा बड़ों के सवालों के जवाब दिए।