राजनैतिक: जरूरी नहीं कि पैनल में भेजे गये नाम वालों को ही मिलेगा टिकट ddnewsportal.com

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राजनैतिक: जरूरी नहीं कि पैनल में भेजे गये नाम वालों को ही मिलेगा टिकट

कांग्रेस हाइकमान और स्वतंत्र एजेंसी का नाम फाइनल करने को सर्वे शुरू, जनता की पसंद पैनल के नामों से बाहर हुई तो...

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की करीब आधी सीटों पर एक नाम फाइनल करने को लेकर फंसे पेंच को दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने सर्वे करवाने का निर्णय लिया है। इस सर्वे के तहत पैनल में जो नाम हैं उनके साथ साथ लोगों की पसन्द को भी तरजीह दी जाएगी। ऐसे में कुछेक विधानसभा क्षेत्र में पैनल में रखे सभी नाम भी बाहर हो सकते है। 

दरअसल, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की राज्य चुनाव कमेटी की ओर से तैयार किए पैनल से प्रत्याशी तय करने के लिए अब सर्वे भी शुरू हो गया है। एक सर्वे कांग्रेस हाईकमान खुद करवा रहा है। दूसरा सर्वे स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से करवाकर जनता की नब्ज टटोलने का काम शुरू हो गया है। प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में से 33 में राज्य चुनाव कमेटी ने दो से सात लोगों के पैनल बनाए हैं। सर्वे में टॉप करने वाले नेताओं को ही विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाएंगे। वर्तमान विधायकों, राष्ट्रीय सचिवों सहित 35 नेताओं को टिकट देने के लिए चुनाव कमेटी ने एक-एक नाम भेजे हैं।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि जरूरी नहीं है कि पैनल में भेजे गए नामों में से ही प्रत्याशियों का चयन होगा। कांग्रेस और स्वतंत्र एजेंसी के सर्वे को देखने के बाद ही हाईकमान विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों को तय करेगा। राज्य चुनाव कमेटी की ओर से भेजे गए पैनल को बदला भी जा सकता है। इसी माह सर्वे को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वे करने वाली टीमों ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में काम शुरू कर दिया है। जनता से चर्चा करने के बाद ये टीमें अपनी रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सौंपेंगी। सर्वे रिपोर्ट और पैनल का मेल करने के बाद पार्टी की ओर से प्रत्याशियों के चयन के लिए आखिरी फैसला लिया जाएगा।
गोर हो कि कुछ सीटें ऐसी है जहां पर पहले से प्रत्याशी तय माने जा रहे थे, परंतु वहां भी पैनल में दो से तीन नाम और जोड़ दिये गये हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पाँवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र से भी तीन से चार नाम पैनल में चल रहे हैं। यहां पर भी कांग्रेस हाईकमान और स्वतंत्र एजेंसी का अंदरूनी सर्वे तय करेगा कि टिकट किसे मिलेगा। ऐसे में आने वाले दिनों में यह देखना रोचक रहेगा कि पार्टी इस बार भी पूर्व विधायक पर दांव खेलती है या नया चेहरा मैदान में उतारती है।