हिमाचल- इस कार्यकाल के अंतिम सत्र में खूब घिरेगी सरकार ddnewsportal.com

हिमाचल- इस कार्यकाल के अंतिम सत्र में खूब घिरेगी सरकार  ddnewsportal.com
फोटो साभार गूगल

इस कार्यकाल के अंतिम सत्र में खूब घिरेगी सरकार 

विपक्ष सहित कर्मचारी संगठन के रहेगी निशाने पर, विधानसभा सचिवालय को मिल चुके है 367 प्रश्न।

हिमाचल प्रदेश सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम सत्र सरकार की बड़ी अग्नि परीक्षा लेगा। सरकार के लिए यह सेशन आसान नहीं होगा, क्योंकि विपक्ष के साथ साथ कईं कर्मचारी संगठन भी सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। इनमे प्रमुख एनपीएस कर्मचारी संघ है जो लगातार ओपीएस की बहाली की मांग को लेकर हर जिले में बड़ी बड़ी रैलियां कर रहा है। और 9 अगस्त को विधानसभा घेराव की चेतावनी भी दे चुका है। 
दरअसल, 10 अगस्त से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सड़कों की बदहाली, कानून-व्यवस्था, कर्मचारियों से संबंधित और अन्य मुद्दे गूंजेंगे। खनन, पेयजल व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मसलों को भी विपक्ष सदन में उठाने की तैयारी कर चुका है। विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर से भी अपने क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं से जुडे़ कई प्रश्न किए जा रहे हैं। प्रदेश विधानसभा सचिवालय को 367 प्रश्न मिल चुके हैं। प्रश्न भेजने की अंतिम तिथि 29 जुलाई तय की गई थी। राज्य विधानसभा का मानसून सत्र 10 से 13 अगस्त तक चार दिन के लिए चलेगा। विधानसभा चुनाव से पहले यह छोटा

सत्र होगा, मगर इसमें विधायकों की ओर से विभिन्न मुद्दे उठाए जाएंगे। प्रदेश विधानसभा सचिवालय को जानकारी मिली है कि रविवार तक विधायकोें की ओर से 367 सवाल किए गए थे। इनमें से 238 तारांकित और 129 अतारांकित प्रश्न किए गए हैं। इनके अलावा नियम 130 में चार सूचनाएं और नियम 101 में एक गैर सरकारी सदस्य संकल्प का विधानसभा सचिवालय को एक नोटिस मिला है। विधायक संबंधित मंत्रियों से जवाब मांगेंगे। इन उत्तरों को तैयार करने के लिए विभागों को लिखा जा चुका है।
तीन महीने के बाद हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्षी कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा पर आक्रामक रुख में नजर आएगी। चार दिन के इस सत्र में विपक्ष प्रश्नकाल को बाधित कर गतिरोध पैदा कर सकता है। अन्य मसलों पर भी विरोध के स्वर मुखर कर सकता है। तो ऐसे मे सरकार इस सत्र में चौतरफा घिर सकती है।