रबी की फसलों के समर्थन मूल्य मे बढ़ौतरी मामूली ddnewsportal.com
रबी की फसलों के समर्थन मूल्य मे बढ़ौतरी मामूली
संयुक्त किसान मोर्चा ने नाकाफी बताया दाम बढ़ाना, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक 8.60% बढ़ाये जाने चाहिए रेट।
संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब ने वर्ष 2022-23 की रबी की फ़सलों, जिसमें गेहूँ सहित अन्य फ़सलों के समर्थन मूल्यों में केंद्र द्वारा की गई बढ़ौतरी को मामूली बताया है। मोर्चा के संयोजक तरसेम सिंह और महासचिव गुरविंद्र सिंह गोपी का कहना है कि रेट मे थोड़ी सी बढ़ौतरी करके स्वामीनाथन अयोग की सिफ़ारिशों के मुताबिक़ लागत का डेढ़ गुना दाम देने का भ्रम किसानो में फैलाया जा रहा है। जबकि गेहूँ का दाम मात्र 40 रूपये प्रति क्विंटल ही बढाया गया है। जिसके अनुसार 2015 रूपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है जो की मात्र 2.14% बढ़ौतरी है। जबकि स्वामीनाथन अयोग की सिफ़ारिशों के मुताबिक़ 8.60% बढ़ौतरी की जानी चाहिए थी। जिसके मुताबिक़ 220.50 रूपये बढ़ाया जाना चाहिये था ताकि
गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2195.50 रूपये प्रति क्विंटल तय किया जाना चाहिए था। भाजपा नीत केंद्र सरकार जहां सरकारी मंडियों को निजी हाथों में सोंपने वाले किसान विरोधी क़ानून किसानो के 9 माह से अधिक आंदोलन के बाबजूद भी वापिस नही ले रही। वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य में मामूली बढ़ौतरी ऊँट के मुँह में जीरे वाली कहावत चरितार्थ कर रही है। 2022-23 रबी की फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य मे मामूली बढ़ौतरी को नाकाफ़ी मानते हुए हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी माँग करती है कि गेंहू सहित अन्य सभी फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन अयोग की सिफ़ारिशों के मुताबिक़ लागत डेढ़ गुणा दाम के मुताबिक़ दिये जायें।