शिलाई: गिरिपार के इस डिग्री कॉलेज में बताया पारंपरिक अनाज का महत्व, प्रदर्शनी में ये चीजें शामिल... ddnewsportal.com

शिलाई: गिरिपार के इस डिग्री कॉलेज में बताया पारंपरिक अनाज का महत्व, प्रदर्शनी में ये चीजें शामिल...  ddnewsportal.com

शिलाई: गिरिपार के इस डिग्री कॉलेज में बताया पारंपरिक अनाज का महत्व, प्रदर्शनी में ये चीजें शामिल...

जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालय शिलाई में राजनीतिक शास्त्र विभाग द्वारा स्थानीय अनाजों की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें बीए तृतीय वर्ष के करीब 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस प्रदर्शनी में स्थानीय अनाज, दालें, सब्जियां, फल, मसाले तथा मेडिसिनल मसालों के कुल 60 उत्पाद शामिल थे। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य नई पीढ़ी को पिज़्ज़ा, बर्गर की संस्कृति से स्थानीय खाद्यान्नों की तरफ आकर्षित करना रहा।


महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे. आर. कश्यप ने बताया कि स्थानीय अनाज न केवल पौष्टिक होते हैं बल्कि इसका उत्पादन स्थानीय स्तर पर बिना किसी दवाई या छिड़काव के किया जाता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी अधिक लाभदायक होते हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से नई पीढ़ी को इन सभी अनाजों की जानकारी दी गई तथा पारंपरिक अनाज के लाभ से अवगत करवाया गया। प्रदर्शनी में बहुत से ऐसे खाद्यान्न थे जो विलुप्त होने की कगार पर है, इसमें काऊणी, चौलाई, कोदा, शाऊंक, भंगजीरा, लोबिया, शूंटे, कुकुआ, सूखे करेले, सूखे कद्दू, शूंठ, कचूर, टिंडे, कालीजीरी, जंबूर, तीम्बर के अलावा कॉइंथ, खड़ीक, मूड़ा और शाकुली प्रमुख रुप से आकर्षण का केंद्र रहे। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे. आर. कश्यप ने किया। महाविद्यालय के सभी शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के अलावा करीब 300 विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन राजनीति शास्त्र विभाग के सहायक आचार्य नरेन्द्र शर्मा के निर्देशन में किया गया।