शिमला में गिरिपार की समृद्ध लोक संस्कृति का प्रतीक डांगरा लांच ddnewsportal.com
शिमला में गिरिपार की समृद्ध लोक संस्कृति का प्रतीक डांगरा लांच
हाटी यूनिट शिमला का सभी वर्ग के लोगों का एक मंच पर आने का आह्वान, अगली महाखुमली रोनहाट में...
केंद्रीय हाटी समिति की शिमला इकाई को उम्मीद है कि जनजातीय मामले से जुड़ी फाइल पर केंद्र सरकार अपनी स्वीकृति की मुहर जल्द लगा देगी। इस संबंध में शिमला इकाई ने राजधानी शिमला में सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की समृद्ध लोक संस्कृति का प्रतीक डांगरा भी रि लॉन्च किया। यह सब के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस मौके पर केंद्रीय समिति के अध्यक्ष डॉ अमिचंद कमल, शिमला इकाई के हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप
सिंगटा, महासचिव अत्तर सिंह तोमर और मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर रमेश सिंगटा उनकी पूरी टीम मौजूद रही। उन्होंने कहा कि रोनहाट में 17 सितंबर को महाखुमली होगी। इस बीच यदि केंद्र में मामला सुलझाया तो इसे जश्न रैली के रूप में तब्दील किया जाएगा। मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हाटी आंदोलन में जिन भी लोगों ने अपनी भूमिका निभाई है, वह उन सभी का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर गिरिपार क्षेत्र जनजातीय घोषित हुआ तो किसी भी जाति अथवा वर्ग के हित प्रभावित नहीं होंगे। हाटी धर्मनिरपेक्ष शब्द है, इसमें 14 जातियों के लोग शामिल हैं। यह 14 जातियों का बड़ा परिवार है।
केंद्रीय हाटी समिति सबके हितों की बराबर पैरवी कर रही है। उन्होंने कहा कि चंद लोग जाति के नाम पर लोगों को गुमराह कर वैमनस्य पैदा कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिमला के सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने तथ्यों सहित जवाब दिया है। उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया है कि वे एक मंच पर आएं और हाटी के मुद्दे को सिरे चढ़ाने में सहयोग करें। जब खुद प्रदेश के मुखिया खुले मंच से यह कह चुके है कि सभी वर्ग व जाति के अधिकार सुरक्षित रहेंगे तो फिर शंका की कोई बात ही नही रह जाती। यह बयान अनुसूचित जाति के लोगों को गुमराह करने वालों के लिए भी एक सबक है कि अब लोगों को बरगलाना बंद कर दें।