Sirmour Accident News: बिजली की हाई वोल्टेज लाइन टूटने से 8 मवेशियों की मौ*त ddnewsportal.com
Sirmour Accident News: बिजली की हाई वोल्टेज लाइन टूटने से 8 मवेशियों की मौ*त, सिरमौर की इस दुर्गम पंचायत में पेश आया हादसा....
जिला सिरमौर में 8 मवेशियों की करंट की चपेट में आने से दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है। मामला जिले की दुर्गम पंचायत हरिपुरखोल का है। यहां गुरुवार शाम एचटी लाइन टूटने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में करंट की चपेट में आने से 8 मवेशियों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई, जिसमें एक गाय, 2 कटड़ी और 5 भैंसें शामिल हैं जबकि अन्य 2 मवेशी घायल हुए हैं जिनकी हालत खतरे से बाहर है। हादसा वीरवार शाम साढ़े 3 बजे के आसपास हुआ बताया जा रहा है।
प्राथमिक जानकारी के मुताबिक इंसुलेटर में ब्लास्ट होने के बाद कंडक्टर गिरने से यह हादसा हुआ है। हरिपुरखोल पंचायत के वार्ड नंबर-3 जामनीघाट गांव में मरियम पत्नी स्वर्गीय नूर मोहम्मद के घर के समीप एचटी लाइन अचानक टूटकर मवेशियों पर आ गिरी। इस बीच करंट लगने से मवेशी मौके पर ही मर गए। इससे महिला पशुपालक को लाखों रुपए का नुक्सान हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही पंचायत प्रतिनिधियों समेत ग्रामीण मौके पर पहुंचे और इसकी जानकारी पुलिस व बिजली बोर्ड सहित राजस्व विभाग को दी। इसके बाद पुलिस, पटवारी, कानूनगो के साथ-साथ वैटर्नरी विभाग से कर्मचारी मौके पर पहुंचे और हादसे का जायजा लिया। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि राजस्व विभाग ने कितना नुक्सान आंका है, लेकिन बताया जा रहा है कि यह लाखों में है। बिजली बोर्ड के सहायक अभियंता सुमित चौधरी ने बताया कि हादसा इंसुलेटर में ब्लास्ट होने के बाद कंडक्टर गिरने से हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल लाइन को बदलने के लिए बजट नहीं है।
उधर, पंचायत प्रधान संगीता देवी के पति जालम सिंह और प्रदेश सचिव भाजपा मनीष चौहान ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाये है। उन्होंने बताया कि यह हादसा बिजली बोर्ड की लापरवाही से हुआ है। पिछले साल भी यहां एचटी लाइन टूटने से एक बैल की मौत हो गई थी। अब फिर हादसे की पुनरावृत्ति हुई है। उन्होंने कहा कि लाइन को यहां से बदलने को लेकर पहले भी लिखित शिकायतें दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वीरवार को हुए हादसे के दौरान गनीमत यह रही कि पशुपालक महिला और उसका परिवार इसकी चपेट में नहीं आया। यह लाइन हरिपुर से लौहगढ़ की तरफ जाती है। उन्होंने बोर्ड से फिर मांग की कि इस लाइन को यहां से बदला जाए, साथ ही यह भी कहा कि पशुपालक को हुए नुक्सान की भरपाई की जाए।