HP Agriculture News: सुक्खू सरकार में फील्ड विशेषज्ञों को छोड़ने होंगे AC कमरे, जानिए क्यों... ddnewsportal.com

HP Agriculture News: सुक्खू सरकार में फील्ड विशेषज्ञों को छोड़ने होंगे AC कमरे, जानिए क्यों... ddnewsportal.com

HP Agriculture News: सुक्खू सरकार में फील्ड विशेषज्ञों को छोड़ने होंगे AC कमरे, फील्ड में उतर कर करेंगे किसानों से संवाद 

हिमाचल प्रदेश में कृषि विशेषज्ञों अब एसी कमरैं में नही बल्कि फील्ड में जाकर काम करेंगे। विशेषज्ञों की एसीआर में अब उनकी फील्ड में प्रोग्रैस रिपोर्ट भी जुड़ेगी। ऐसे में अब उन्हें अपने कार्यालय के एसी कमरे में बैठकर नहीं फील्ड में जाकर कार्य करना होगा व किसानों से संवाद करना होगा। इससे संबंधित निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है तथा ये आदेश कृषि विभाग को जारी किए हैं। साथ ही फील्ड में इन विशेषज्ञों के कार्य का आंकलन करने के लिए पूरी योजना भी तैयार की है। सरकार व कृषि विभाग के पास लगातार शिकायतें आ रही थी कि अधिकांश अधिकारी किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार उपलब्ध नहीं हो पा रहे। इसे देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि अब विभाग का कोई भी फिल्ड अधिकारी अब ऑफिस में बैठककर योजनाएं तैयार नहीं करेगा।


उसे फील्ड में उतर कर किसानों सें संवाद करना होगा। अधिकारी जितना ज्यादा किसानों से मिल कर उनसे बात करेगा इससे उसकी तरक्की निर्भर होगी। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ या फील्ड अधिकारियों को अपने क्षेत्र से संबंधित फसल का पूरा शैड्यूल यानी वर्क प्लान तैयार करना होगा, जहां पर वे तैनात हैं। उन्हें वहां पर पैदा होने वाली नकदी के साथ-साथ अन्य फसलों का भी शैड्यूल तैयार करना होगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी को बीज को खेतों में बोने से लेकर तब तक फील्ड में डटना होगा, जब तक कि किसानों की फसल तैयार न हो जाए।
आम तौर पर देखा गया है कि किसानों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती है। इससे वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं लेकिन यदि अधिकारी फील्ड में जाएंगे तो किसानों को योजनाओं की पूरी जानकारी मिल पाएगी तथा वह सरकारी सुविधाओं को लाभ भी उठा पाएंगे।

■ दवाई माफिया से भी बचेंगे किसान-बागवान-

कृषि विशेषज्ञों के फील्ड में उतरने से किसान व बागवान स्प्रे की दवाई माफिया से भी बचेंगे। आम तौर पर दवाई माफिया अपने हित में किसानों व बागवानों को उन दवाइयों की स्प्रे करने के लिए कहते हैं, जिनसे उन्हें अधिक मुनाफा होता है तथा जिनकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं होती है। इससे किसानों व बागवानों को नुक्सान होता है लेकिन कृषि विशेषज्ञों के फील्ड में रहने से ऐसा नहीं होगा। किसान आसानी से उनसे स्प्रे की दवाइयों के बारे में सलाह लें सकेंगे। ऐसे में वे अनावश्यक दवाइयों के प्रयोग से भी बचेंगे।