जमाखोरी पड़ेगी महंगी....... 21 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा- ddnewsportal.com

जमाखोरी पड़ेगी महंगी.......  21 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा- ddnewsportal.com

जमाखोरी पड़ेगी महंगी.......

21 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा

दर्दनाक हादसा, फंगस भी महामारी, जमाखोर सावधान, 20 दिन सतर्क, स्वयं सेवकों का सहयोग, हिमाचल निर्माता की पुत्रवधु का निधन, पाॅजिटिविटी पर डिपेंड, राजीव को नमन और..... कोविड बुलेटिन।

1- ब्लैक फंगस हिमाचल मे भी महामारी घोषित।

कोरोना के बाद देश के विभिन्न राज्यों मे लगातार बढ़ते जा रहे ब्लैक फंगस को हिमाचल प्रदेश ने भी महामारी घोषित कर दिया है। अभी इस संक्रमण को एक साल की अवधि के लिए महामारी घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार शाम को हिमाचल प्रदेश महामारी रोग म्यूकोरमाइकोसिस नियम 2021 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी की ओर से जारी अधिसूचना के तहत सभी सरकारी और निजी अस्पताल ब्लैक फंगस की स्क्रीनिंग, निदान और प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर की ओर से समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। म्यूकोरमाइकोसिस को लेकर कोई भी व्यक्ति, संस्थान व संस्था स्वास्थ्य विभाग की पूर्व अनुमति के बिना किसी सूचना या सामग्री का प्रसार नहीं कर सकेंगे। महामारी से संबंधित नियमों की अनुपालना व निगरानी के लिए हर जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। गोर हो कि बीते दिन इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया था। 52 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव महिला के टेस्ट करवाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने इसकी पुष्टि की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को इसे महामारी घोषित करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, तमिनाडू इसकी अधिसूचना जारी कर दी। अब हिमाचल ने भी इसकी अधिसूचना जारी कर इसे महामारी घोषित कर दिया है। 

2- जमाखोरी पर होगी कड़ी कार्रवाई- मुख्यमंत्री।

प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व मुनाफाखोरी में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने से संकोच नहीं करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह जानकारी शिमला से वर्चुअल माध्यम से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग तथा हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग को प्रदेश में आवश्यक वस्तुएं अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित कर उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता तथा गैर कानूनी गतिविधियों को रोकना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग को उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए तथा व्यापारियों द्वारा जमाखोरी व मुनाफाखोरी को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में अवैध व्यापारिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अप्रैल, 2021 से हिमाचल प्रदेश होर्डिंग एण्ड प्रोफिटियरिंग प्रिवेंशन आर्डर-1977, हिमाचल प्रदेश कमोडिटिज़ प्राइस मार्किंग एण्ड डिस्प्ले आॅर्डर-1977 तथा हिमाचल प्रदेश ट्रेड आर्टिक्लस (लाईसेंसिंग एण्ड कन्ट्रोल) आर्डर-1981 को लागू किया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश इस वर्ष 31 अक्तूबर तक प्रभावी रहेंगे। व्यापारियों को मुनाफाखोरी तथा जमाखोरी करने से रोकने के लिए गत लगभग एक माह में 4638 निरीक्षण किए गए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष 6 जनवरी से इंट्रास्टेट राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं उनके सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले सभी परिवारों को दो माह (मई व जून, 2021) के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-3 के अंतर्गत प्रति व्यक्ति प्रति परिवार 2 किलो चावल तथा 3 किलो गेहूं मुफ्त प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मई, 2021 के लिए उचित मूल्य के दुकानधारकों ने लगभग 5606.06 मीट्रिक टन चावल और 8368 मीट्रिक टन गेहूं प्राप्त कर लिया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने प्रदेश के किसानों से लगभग 5400 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है। जय राम ठाकुर ने विभाग तथा निगम के अधिकारियों को आम जनता की सुविधा के लिए महामारी के दौरान अतिरिक्त निगरानी बरतने के आदेश दिए।

3- टनल धंसने से पांच मजदूरों की दबकर मौत।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक निर्माणाधीन टनल मे बड़ा हादसा हुआ है। जिले के भुंतर के गड़सा स्थित मनिहार नामक जगह के पास पंचनाला में बन रही एनएचपीसी चरण दो की टनल धंसने से बड़ा हादसा हुआ है। शुक्रवार शाम करीब पौने छह बजे के आसपास हुए हादसे में पांच मजदूरों के दबने की सूचना है। टनल के मलबे में दबे मजदूरों को निकालने का काम चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीमें मौके के लिए रवाना हुईं। इसके अलावा डीएसपी मुख्यालय, एसडीएम और बीएमओ घटना स्थल के लिए रवाना हुए। दो एंबुलेंस भी घटनास्थल पर भेजी गईं। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने टनल धंसने से बात कही है। एसडीएम कुल्लू डॉ. अमित गुलेरिया ने कहा कि हादसे की सूचना मिली है। 

4- मुख्यमंत्री ने जीवनरक्षक उपकरणों की खेप को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के लिए वीआर मैरीटाइम सर्विसिज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक सोनिका पराशर तथा कैप्टन संजय पराशर द्वारा दान किए गए जीवनरक्षक उपकरणों के दो ट्रकों की खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस परोपकारी कार्य के लिए कैप्टन सोनिका पराशर और कैप्टन संजय पराशर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस योगदान से राज्य सरकार को प्रदेश में कोविड-19 महामारी से लड़ने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि समाज को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में राज्य सरकार की सहायता के लिए कई परोपकारी लोग आगे आए हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस महामारी से लड़ने के लिए क्षमता निर्माण पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य संस्थानों में बिस्तर की क्षमता को बढ़ाकर लगभग 5000 करने में सफल रही है जो पहले 1200 थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य के लिए आॅक्सीजन का कोटा 15 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन कर दिया है और अब सरकार ने केंद्र सरकार से इसे 40 मीट्रिक टन तक बढ़ाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में डी-टाइप सिलेण्डरों की उपलब्धता 2500 से बढ़ाकर 6000 की है और आॅक्सीजन की भंडारण क्षमता को 25 मीट्रिक टन तक बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य में उपलब्ध वेंटिलेटर की संख्या लगभग 50 से बढ़कर 600 की गई है। उन्होंने कहा कि ऊना जिले में बिस्तर क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि रोगियों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंडोगा में 180 बिस्तर की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण किया जा रहा है जिसे एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। 
वी.आर. मैरीटाइम सर्विसिज़ प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि उनके द्वारा जिला कांगड़ा व ऊना को भेजी जाने वाली जीवनरक्षक सामग्री की यह दूसरी खेप है। उन्होंने कहा कि इस खेप में 1500 आॅक्सीमीटर, 25 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर, 3200 पी.पी.ई. किट, 500 फेस शील्ड, 10 आॅक्सीजन सिलेण्डर, 15000 सुरक्षा दस्ताने, 1000 एन-95 तथा 1000 एन.आर.बी. मास्क, 20000 सर्जिकल मास्क, 1600 लीटर सेनिटाइजर तथा अन्य रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाइयां शामिल है।

5- टीकाकरण के 20 दिनों बाद तक रहें सतर्क।

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को विशेष रूप से एस्ट्राजेनेका आॅक्सफोर्ड वैक्सीन (कोविशील्ड) के टीकाकरण के बाद एम्बोलिक और थ्रोम्बोटिक घटनाओं के बारे में परामर्श जारी किए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि टीकाकरण के बाद की प्रतिकूल घटनाओं, विशेष रूप से कोविडशील्ड के संबंध में व्यक्त की गई आशंकाओं के बारे में भारत सरकार द्वारा गहन विश्लेषण के बाद स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं को थ्रोम्बिसिस और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जो कि कोविड-19 के टीकाकरण के बाद होता है, के निदान और उपचार के लिए दो परामर्श जारी किए गए हैं। टीकाकरण के लाभार्थियों को समय पर स्वास्थ्य प्रणाली में टीटीएस की रिपोर्टिंग तथा चिकित्सा सहायता लेने के लिए परामर्श दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जारी परामर्श के अनुसार यह निर्देश दिया गया है कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर टीटीएस के संकेतों और लक्षणों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध मामले की जांच करने में सक्षम हों और इन मामलों को आगे नैदानिक प्रबंधन के लिए तृतीयक देखभाल अस्पताल में रेफर करें।
उन्होंने बताया कि कोविशील्ड के लाभार्थियों को सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या अंगों में दर्द, पेट दर्द, दौरे, सिरदर्द, कमजोरी और अंगों के पक्षाघात, धुंधली दृष्टि और कोई अन्य लक्षणों के बारे में टीकाकरण के 20 दिनों बाद तक सतर्क रहना चाहिए। टीकाकरण लाभार्थी को इस प्रकार के कोई लक्षण सामने आने पर चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत स्वास्थ्य सुविधा में रिपोर्ट करना चाहिए।

6- कोविड-19 प्रबंधन में ली जाएंगी स्वयं सेवकों और गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं।

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश भर में विभिन्न स्तरों पर हेल्प डेस्क और अन्य गतिविधियों के प्रबंधन के लिए स्वयं सेवी समूहों और गैर सरकारी सगठनों की सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया है, ताकि इनके माध्यम से विभिन्न सेवाएं जमीनी स्तर तक प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवकों और गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं सैंपलिंग से लेकर विभिन्न स्तरों पर ली जा सकती हैं। स्वयं सेवक और गैर सरकारी संगठन कोविड मरीजों को ई-संजीवनी ओपीडी ऐप का उपयोग करके डाॅक्टर से परामर्श की सुविधा प्रदान करने, उन्हें होम आइसोलेशन प्रोटोकाॅल, पोस्ट कोविड प्रोटोकाॅल और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं। वे बीमार कोविड पाॅजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने में भी सहयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी कोविड पाॅजिटिव मरीज की मृत्यु होने पर गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सेवकों की सेवाओं का उपयोग वाहनों की व्यवस्था करने, अंतिम संस्कार प्रोटोकाॅल के बारे में परिवार को संवेदनशील बनाने और बायोमेडिकल कचरे के निपटान की व्यवस्था करने के लिए किया जा सकता है। होम आइसोलेशन में कोविड-19 मृतकों के दाह-संस्कार के लिए पीपीई किट, बाॅडी बैग, मास्क और अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक सामग्री निकटतम पीएचसी में उपलब्ध होगी और इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि यदि किसी परिवार के सदस्य कोरोना पाॅजिटिव और आईसोलेशन में है तो स्वयं सेवक और गैर सरकारी संगठन इन परिवारों के लिए विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था करने में सहायता कर सकते हैं और आवश्यक हो तो ई-संजीवनी परामर्श की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने सभी गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सेवकों से यह सेवा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवक व गैर सरकारी संगठन यह भी सुनिश्चित करें कि वे कोविड अनुरूप व्यवहार, होम आइसोलेशन प्रोटोकाॅल, पोस्ट कोविड प्रोटोकाॅल और अन्य आवश्यक जानकारी पर पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित और संवेदनशील हैं।

7- ई-संजीवनी ओपीडी व पोर्टल के माध्यम से 83931 लोगों नेे परामर्श प्राप्त किए।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों को दो पोर्टल के माध्यम से टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से हेल्थ एवं वैलनेस केंद्रों व उप- स्वास्थ्य केन्द्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधिकारी, आईजीएमसी शिमला, आरपीजीएमसी टांडा और एसएलबीएसजीएमसी नेरचैक में स्थापित तीन टेली हब के विशेषज्ञों से टेली परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि दूसरे पोर्टल ई-संजीवनी ओपीडी पर राज्य का कोई भी व्यक्ति चिकित्सा महाविद्यालय के टेली हब में तैनात किसी भी चिकित्सक से टेली परामर्श प्राप्त कर सकता है। उन्होंनेे कहा कि अब तक ई-संजीवनी ओपीडी प्रातः 9.30 से सायं  4.00 बजे तक कार्यशील होती थी लेकिन अब राज्य में कोरोना कफ्र्यू के दृष्टिगत राज्य सरकार ने ई-संजीवनी ओपीडी को सभी कार्य दिवस में प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजेे तक कार्यशील कर इसकी समयावधि बढ़ा दी है। रविवार और अन्य छुट्टी के दिनों में भी ई-संजीवनी ओपीडी प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक कार्यशील रहेगी। ई-संजीवनी ओपीडी में तैनात चिकित्सकों को कोविड मरीजों को परामर्श देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से राज्य में अब तक 82283 और ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 1648 परामर्श सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं।

8- मुख्यमंत्री ने दी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी 30वीं पुण्यतिथि पर सद्भावना चैक, छोटा शिमला में उनकी प्रतिमा पर

माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, विधायक राकेश सिंघा, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंण्डल, उप-महापौर शैलेन्द्र चैहान और पूर्व महापौर आदर्श सूद ने भी इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।

9- स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए टीकाकरण सुरक्षित।

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि सरकार ने अब सभी स्तनपान करवाने वाली माताओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण की अनुमति प्रदान कर दी है। यह निर्णय कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों, महामारी की उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए तथा दुनियाभर में सामने आए वैज्ञानिक प्रमाण एवं अनुभव को देखते हुए लिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 पाॅजिटिव मरीज तथा कोविड-19 के ऐसे मरीज जिन्हें सार्स-2 मोनोक्लोनल एंटीबाॅडी या कोनवेलेसेंट प्लाज्मा दिया गया है और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, उन्हें तीन महीने के बाद टीका लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती या आईसीयू देखभाल की आवश्यकता वाले किसी भी अन्य गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को भी कोविड-19 वैक्सीन का टीकाकरण करने के लिए 4 से 8 सप्ताह तक इंतजार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कुछ परिस्थितियों में जिन मरीजों को वैक्सीन की एक खुराक मिली है और दूसरी खुराक लेने से पहले ही उन्हें कोविड-19 संक्रमण हो गया है, तो उन्हें दूसरी खुराक को कोविड-19 बीमारी से क्लीनिकल रिकवरी से तीन महीने के लिए टाल दिया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने बताया कि वैक्सीन लगवाने वालों को टीकाकरण से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट द्वारा स्क्रीनिंग नहीं करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के 14 दिनों के बाद रक्तदान किया जा सकता है और यदि कोई कोविड-19 रोग से पीड़ित है, तो वह भी आरटी-पीसीआर जांच में नेगेटिव आने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता सकता है।

स्थानीय (सिरमौर)

1- पॉजिटिव मामलों के आंकड़े तय करेंगे कोरोना कर्फ्यू में ढील या सख्ती - डा0 परूथी

जिला सिरमौर में आने वाले समय में कोरोना कर्फ्यू में ढील या सख्ती पॉजिटिव मामलों के आंकड़ों के अनुसार तय की जाएगी। यदि लोगों की लापरवाही से पॉजिटिव मामलों में वृद्धि होती है तो कोरोना कर्फ्यू के नियमों को और अधिक सख्त किया जा सकता है। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डा0 आर0के0 परूथी ने देते हुए बताया कि कोरोना कर्फ्यू के बाद भी इतने मामले आना यह दर्शाता कि अभी भी लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का सही से पालन नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में जिला में कोविड-19 के 2491 एक्टिव मामले दर्ज हैं जिनमें से 2294 संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं। पिछले दो दिनों में जिला में रिक्वरी दर में सुधार हुआ है परन्तु पॉजीटिव दर लगातार बढ़ रही है जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वह अपने घरों में रहें तथा अनावश्यक रूप से बाजार न आए ताकि संक्रमण की कडी को तोडा जा सके। उपायुक्त ने बताया कि यदि अति आवश्यक हो तो कोरोना संक्रमित व्यक्ति प्रशासन द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम 1077 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि कोविड-19 संक्रमण से अपने बच्चों को बचाने के लिए विशेष ध्यान दें क्योंकि शोध में पाया गया कि आने वाले समय में यह बीमारी बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है। उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त आयुष विभाग द्वारा भी नाहन में लोगों को होम आइसोलेशन तथा लक्षणों के आधार पर अतिरिक्त दवाइयां घर द्वार पर पहुँचाई जा रही है ताकि वह जल्दी ठीक हो सकें। इस दौरान नाहन में पाया गया है कि यदि संक्रमित व्यक्ति आयुष विभाग द्वारा दी गई दवाई को तीसरे दिन से लेना आरम्भ करे तो छठे-सातवें दिन तक उनमें काफी सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आयुष विभाग द्वारा यह दवाइयां पूरे जिला में पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 रोगी अपने ऑक्सीजन स्तर की जांच करते रहें। यदि ऑक्सीजन स्तर कम हो रहा हो तो तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें और अस्पताल में अपना इलाज करवाए। इलाज मे देरी के कारण कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है जो कि चिंता का विषय है।

2- हिमाचल निर्माता डॉक्टर परमार की पुत्रवधू उमा परमार का निधन।

हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार की पुत्रवधू उमा परमार का शुक्रवार को जिला सिरमौर के नाहन स्थित डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में निधन हो गया उमा परमार 82 वर्ष की थी। इसे सँयोग ही कहा जायेगा कि हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के नाम से स्थापित डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में ही उनकी पुत्रवधू ने अंतिम सांस ली। उमा परमार डॉ वाईएस परमार के बेटे जयपाल परमार की पत्नी थी। उमा परमार पिछले करीब 10 दिन से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में उपचाराधीन थी। शुक्रवार को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो

गया। शुक्रवार दोपहर बाद हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के पैतृक गांव बागथन में उमा परमार का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उमा परमार हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के पुत्र जयपाल परमार की पुत्रवधू थी। उमा परमार का पुत्र आनंद परमार वर्तमान में पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के नारग वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं। इसके अलावा उमा परमार की दो पुत्रियां देविका परमार व प्रतिका परमार के अलावा उनके परिवार में उनके नाती का एक पूरा परिवार है। हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के पुत्र व हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व में नाहन व पांवटा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे कुश परमार की भाभी उमा परमार बागथन के चरपड़ी में अपने परिवार सहित रहती थी। आरंभ में उमा परमार ने हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में बतौर नर्स भी सेवाएं दी। दोपहर बाद बागथन के श्मशान घाट पर उमा परमार को क्षेत्र के लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई के साथ अंतिम संस्कार किया। उमा परमार को उनके पुत्र आनंद परमार ने मुखाग्नि दी। उधर हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार की पुत्रवधू उमा परमार के निधन पर हिमाचल सरकार के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और नाहन के विधायक डॉ राजीव बिंदल, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय सोलंकी, शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर,पांवटा साहिब के पूर्व विधायक किरनेश जंग चौधरी, विधायक रीना कश्यप, कांग्रेस मंडल नाहन के पूर्व अध्यक्ष व बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट जग्गी शर्मा आदि लोगों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

3- पांवटा पुलिस ने ली आतंकवाद निरोधक दिवस पर शपत।

पांवटा साहिब मे डीएसपी द्वारा कार्यालय कर्मचारियों को आतंकवाद निरोधक शपथ दिलाई गई। इस दौरान डीएसपी बीर बहादुर ने बताया कि 21 मई 1991 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इसी के बाद इस दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के रास्ते से दूर करना है, आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना और यह दिखाना कि यह कैसे राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक है।

क्राइम

1- संगडाह मे शादी की धाम देने पर मामला दर्ज।

पुलिस थाना संगड़ाह में सूचना प्राप्त हुई कि गांव लुधियाना में विवाह के उपलक्ष में धाम चल रही है और 50 से अधिक व्यक्ति विवाह की धाम में मौजूद हैं। जिस सूचना पर प्रभारी, पुलिस थाना संगड़ाह अपनी टीम सहित मौका पर पंहुचे तो उन्होने पाया कि  मेला राम पुत्र भगवान सिंह  निवासी गांव लुधियाना, तहसील संगड़ाह, जिला सिरमौर के घर के आंगन में D.J. के दो बॉक्स और एक एम्पलीफायर रखा हुआ पाया तथा घर के आंगन में एक टैन्ट और टैन्ट के अन्दर दाल, सब्जी, चावल के तीन पतीले रखे हुए पाए। मेला राम द्वारा अपने बेटे अमित कुमार के विवाह की पूर्व संध्या पर अपने घर में प्रतिभोज का प्रबंध करना, टैन्ट लगाना और  D.J. SYSTEM  रखना, कोविड -19 महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी कोरोना कर्फ्यू के आदेशों की उल्लंघना करने पर  पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए उक्त सामान को कब्जा में लिया गया तथा उसके विरूद्ध धारा 188, 269, 270 IPC एवं धारा 51 DISASTER MANAGEMENT ACT  के अन्तर्गत पुलिस थाना संगड़ाह में मामला दर्ज कर के आगामी कार्यवाही की जा रही हैं। 

2- करियाना की दुकान मे शराब बरामद।
 
पुलिस चौकी सिंघपुरा की पुलिस टीम गश्त के दौरान किल्लौड़ बाजार में समय करीब 2:45 बजे दिन मौजुद थी तो विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली कि कपिल निवासी गाँव किल्लौड़, ड़ाकघर बढ़ाना, तहसील पाँवटा साहिब अपनी दुकान करियाना में शराब बेचने का काम करता है। जिस सूचना पर कोरोना कर्फ्यू के दौरान मौका पर दुकान बन्द होने पर कपिल उपरोक्त को मौका पर बुलाकर दुकान को खुलवाया गया और दुकान की तलाशी ली गई तो दुकान के अन्दर से एक बोरू प्लास्टिक में शराब देशी मार्का सन्तरा की 32 बोतलें For Sale in Himachal Pardesh वरामद हुई। जिस पर उक्त व्यक्ति के विरूद्ध पुलिस थाना पुरूवाला में HP Excise Act के अन्तर्गत मामला दर्ज कर के आगामी अन्वेषण किया जा रहा हैं। 

3. नियम तोड़ने वालों से वसूल 26 हजार रूपये जुर्माना।

हिमाचल प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतू लगाए गए कोरोना कर्फ्यू के नियमों की उल्लंघना करने पर उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध जिला सिरमौर पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए दिनांक 20.05.2021 को मास्क न पहनने, सामाजिक दूरी के नियमों की पालना न करने इत्यादि पर हिमाचल पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए कुल 33 चालान कर के 21000/- रूपये जुर्माना किया और एक दुकानदार द्वारा कोरोना कर्फ्यू के नियमों की उल्लंघना करने पर उसका 5000/रूपऐ का चालान किया गया हैं। यह जानकारी एसपी सिरमौर खुशहाल शर्मा ने दी। 

शाम सात बजे तक का कोविड मीडिया बुलेटिन-