300 करोड़ का घाटा....... 30 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा- ddnewsportal.com

300 करोड़ का घाटा.......  30 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा- ddnewsportal.com

300 करोड़ का घाटा.......

30 मई 2021- पांवटा साहिब से आज का खबर नामा 

एक और दबिश, कर्फ्यू मे घटा राजस्व, 20 किलोलीटर लिक्विड आॅक्सीजन संयंत्र, सरकार करेगी अनाथों की देखभाल, मरीज घटे, ऑपरेशन जल्द शुरू, निजी बस ऑपरेटर्स का अल्टीमेटम, 9.99 kg चरस, लापरवाह हिमाचली, सिरमौर मे बढ़ी सुविधाएं और......कोविड बुलेटिन।

1- मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी शिमला में 20 किलोलीटर लिक्विड आॅक्सीजन संयंत्र का शुभारम्भ।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर आज यहां इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज शिमला में 1.50 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित 20 किलोलीटर लिक्विड आॅक्सीजन संयंत्र तथा आपातकालीन प्रयोगशाला का शुभारम्भ किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला में 41 लाख रुपये की लागत से स्थापित आधुनिक एक्स-रे संयंत्र, 67 लाख रुपये की लागत से स्थापित 4-डी अल्ट्रासांउड मशीन तथा 65 लाख रुपये की लागत से स्थापित मेडिकल आॅक्सीजन संयंत्र का भी शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने

कहा कि इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित 20 किलोलीटर आॅक्सीजन संयंत्र कोविड-19 रोगियों तथा अन्य रोगियों के लिए निर्बाध आॅक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के स्थापित होने से चिकित्सा महाविद्यालय की आॅक्सीजन क्षमता 525 सिलेंडर से बढ़कर 1600 सिलेंडर से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला की आपातकालीन प्रयोगशाला चैबीस घंटे कार्यशील रहेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि कमला नेहरू अस्पताल में स्थापित एक्स-रे संयंत्र और 4-डी अल्ट्रासाऊंड मशीन के माध्यम सेे इस अस्पताल में रोगियों को नवीनतम उपचार व निदान सुविधाएं प्राप्त होंगी और इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय पर इसकी निर्भरता में कमी आएगी। मेडिकल आॅक्सीजन संयंत्र अस्पताल में गम्भीर रोगियों को भी आॅक्सीजन सुविधा प्रदान करेगा।

2- अनाथ हुए बच्चों का खर्च वहन करेगी सरकार- मुख्यमंत्री।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए सभी बच्चों के लिए ‘पीएम-केयर्स फाॅर चिल्ड्रन’ योजना की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। इस योजना में प्रत्येक बच्चे के लिए 18 वर्ष की आयु तक 10 लाख रुपये का काॅर्पस शामिल होगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को केन्द्रीय, नवोदय तथा सैनिक विद्यालयों इत्यादि में दाखिला दिया जाएगा तथा सरकार द्वारा उनकी पढ़ाई का खर्च वहन किया जाएगा। सरकार निजी

विद्यालयों में पढ़ रहे ऐसे विद्यार्थियों की पढ़ाई का खर्च भी वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रत्येक विद्यार्थी को आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत किया जाएगा तथा 18 वर्ष की आयु तक इन बच्चों की प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ऐेसे बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी भलाई के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे को प्रतिमाह 3500 रुपये प्रदान किए जाएंगे, जिसमें से 2000 रुपये केंद्र सरकार और 1500 रुपये राज्य सरकार प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे इच्छुक हों तो सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को बाल देखभाल केंद्रों में दाखिल करने को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि अनाथ लड़कियों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत अनाथ लड़कियों को 51000 रुपये प्रदान करेगी।

3- बड़े अस्पतालों मे शुरू होंगे रूटीन के ऑपरेशन।

हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने लगी है। दो सप्ताह पूर्व जो संख्या 40006 से थी, वह अब 16989 के आसपास रह गई है। इनमें से करीब 1000 मरीज अस्पतालों में उपचाराधीन हैं, जबकि करीब 85 फीसदी से ज्यादा मरीज होम आइसोलेट हैं। अस्पतालों में भी मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ी है। इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में रूटीन के ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए

हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते बीते एक माह से 2000 से अधिक ऑपरेशनों को टाला गया है।हालांकि प्रदेश में मौत के मामलों का कम न होना सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। मरने वालों का आंकड़ा 3000 से पार हो गया है। जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 900 संक्रमितों की मौत हुई है। दूसरे नंबर पर शिमला जिला है, जहां 550 मरीजों की मौत हुई है। कांगड़ा जिले में 38 दिन बाद 300 से कम 297 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि 27 दिन बाद सबसे कम 11 मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग की टेक्निकल कमेटी ने कोरोना से मौतों को लेकर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि शहर की अपेक्षा गांवों में कोरोना के ज्यादा मामले हैं। बीमार लोग टेस्ट कराने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। स्थिति ज्यादा खराब होने पर ही लोग अस्पताल आ रहे हैं। ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या में कमी आई है। गांव के बीमार लोग जो अस्पताल नहीं आ रहे हैं, उनके घरों में टेस्ट किए जा रहे हैं। अस्पतालों में कोरोना मरीज कम होने पर सरकार ने गंभीर मरीजों के ऑपरेशन करने के साथ रूटीन पथरी, पित्त की पथरी, घुटनों के ऑपरेशन आदि करने को कहा है। डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों को ऑपरेशन की तिथियां देते रहें। अस्पतालों में अभी इमरजेंसी के ऑपरेशन ही किए जा रहे थे। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को कोरोना मरीजों के उपचार में लगाया गया है, लेकिन अब मामले कम हो रहे हैं।

4- कोविड केयर सेंटर्स मे घटी मरीजों की संख्या।

हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों की रफ्तार कुछ कम होने के साथ ही कोविड अस्पतालों से राहत भरा समाचार है। मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में में एक से दो सप्ताह पूर्व पैक रहने वाले रहने वाले बेड अब 30 से 40% तक खाली हो गए हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी और समर्पित कोविड केयर सेंटर डीडीयू में दाखिल कोरोना मरीजों का आंकड़ा घटने लगा है। इन दोनों अस्पतालों में इन दिनों 50 से लेकर 80 तक बिस्तर खाली पड़े हैं। डीडीयू में 135 में से 60 बिस्तर और आईजीएमसी में 300 में से 70 बिस्तर खाली पड़े हैं। आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की संख्या में कमी आई है। अधिकांश मरीज बीमारी से ठीक होकर घर लौट रहे हैं। बताया कि कोरोना कर्फ्यू का असर अब देखने को मिल रहा है। कांगड़ा जिला में केवल 419 मरीजों का ही कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में उपचार चल रहा है। एक हफ्ता पहले इनकी संख्या करीब 650 थी। वहीं, जिला मंडी में कोरोना मामलों में 15 दिन में लगभग 40 फीसदी कमी आई है। अस्पतालों में भी कोविड वार्ड खाली होने लगे हैं। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 15 दिन पहले 150 मरीज भर्ती थे जो आज 76 ही रह गए हैं। अन्य मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए। एमसीएच सुंदरनगर में 44 में 22, रत्ति कोविड सेंटर में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। हमीरपुर जिले में बीते 15 दिन में सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या में करीब 60 फीसदी की कमी आई है।
मेडिकल कॉलेज नाहन की बात की जाए तो यहां संक्रमितों की हालत में दिनोंदिन सुधार हो रहा है। दो सप्ताह के भीतर मेडिकल कॉलेज एवं कोविड अस्पताल नाहन में उपचाराधीन 30 से अधिक मरीजों ने कोरोना से जंग जीती। इस समय मेडिकल कॉलेज में 40 के करीब मरीज उपचाराधीन हैं। जबकि, 15 दिन पहले 70 से अधिक मरीज अस्पताल में दाखिल किए गए थे। 

5- कोरोना कर्फ्यू से राजस्व में भारी गिरावट।

हिमाचल प्रदेश में 7 मई से लागू कोरोना कर्फ्यू से हालांकि कोरोना महामारी को कंट्रोल करने मे बड़ी मदद मिली है लेकिन इस कर्फ्यू का सरकार के खजाने पर बड़ा असर पड़ा है। प्रदेश में शराब के ठेकों से लेकर आम दुकानों और वाहनों के संचालन में भारी कमी आने के चलते सरकार को करीब लक्ष्य से तीन सौ करोड़ कम टैक्स मिला है। आंकड़ों की मानें तो इस महीने विभाग को आबकारी कर की मद में पचास करोड़ रुपये ही मिले हैं जबकि इस मद में लक्ष्य करीब डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा का था। इसी तरह GST भी दो सौ करोड़ ही आया है जबकि लक्ष्य 450 करोड़ था। क्योंकि वाहनों का संचालन कम हुआ, जिसकी वजह से पेट्रोल पंपों पर भी तेल की बिक्री कम हुई और वैट में भी भारी कमी आई है। हालांकि आबकारी एवं कराधान विभाग का दावा है कि अगले महीने से कर्फ्यू खत्म होने के बाद राजस्व में आई इस कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

6- निजी बस ऑपरेटर्स को 5 जून का इंतजार।

हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर्स संघ की एक बैठक प्रधान राजेश पराशर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें ऑनलाइन सभी जिला की यूनियन ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर 5 जून की कैबिनेट बैठक में ऑपरेटर के हित में कोई फैसला नहीं किया गया है तो निजी बस ऑपरेटर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल निरंतर जारी रहेगी। जानकारी देते हुए हिमाचल

प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने  कहा है कि बैठक में जिला के पदाधिकारी एवं अन्य निजी बस ऑपरेटर उपस्थित थे। इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि निजी बस ऑपरेटर पिछले 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है तथा अगर 5 जून की कैबिनेट बैठक में भी निजी बस ऑपरेटर्स के हक में कोई फैसला नहीं किया गया तो निजी बस ऑपरेटर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। बैठक को संबोधित करते करते हुए हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के  निजी बस ऑपरेटरों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जबकि हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर सरकार को अप्रत्यक्ष रूप से भी कई तरह का टैक्स अदा करते हैं। प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर डीजल से लेकर के स्पेयर पार्ट्स खरीद करके भी सरकार को टैक्स उपलब्ध करवाते है। हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर सरकार से इतनी सहायता चाहते हैं कि जो टैक्स लोगों से इकट्ठा करके किराए के रूप में सरकार को देना है उसको माफ करवाना चाहते हैं, जिसके लिए सरकार को किसी भी बजट का प्रावधान करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा हर मोड़ पर निजी बस आपरेटरों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है कि जो कि बिल्कुल भी गलत है। सरकार द्वारा एचआरटीसी के चालकों परिचालकों को कोरोना योद्धा घोषित किया गया है जबकि प्रदेश के निजी बसों में सेवाएं देने वाले चालकों परिचालकों को इस से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि 5 जून को अगर बस ऑपरेटरों के हक में कोई फैसला नहीं किया जाता है तो निजी बस ऑपरेटर अपने आंदोलन को और उग्र कर देंगे। इस बैठक में जिला सिरमौर के प्रधान मामराज शर्मा, अखिल शर्मा, भागीरथ शर्मा, जिला ऊना के प्रधान राम सिंह, पंकज दत्ता, पवन ठाकुर, जिला कांगड़ा के उप प्रधान वीरेंद्र मनकोटिया, संदीप वालिया, सुभाष वालिया, अजय परिहार, सुरेश, निपुण गालोढा, जिला किन्नौर से गुलाब चंद नेगी, जिला चंबा के प्रधान रवि महाजन, विवेक, जिला सोलन के प्रधान जॉनी मेहता, नालागढ़ के मनोज राणा, बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल, महासचिव राहुल चौहान, अनिल मिंटू, हिमालयन बस ऑपरेटर यूनियन शिमला के प्रधान वीरेंद्र कंवर, महासचिव अतुल चौहान, शिमला शहरी यूनियन के उप प्रधान प्रदीप शर्मा, महासचिव सुनील चौहान, हमीरपुर से भारत भूषण कपिल, मंडी के महासचिव हंस ठाकुर, इंजीनियर महेंद्र शर्मा व चेयरमैन गुलशन दीवान सहित प्रदेश के ऑपरेटर्स शामिल रहे। 

6- स्वीकृत कोविड टीकाकरण केंद्रों पर ही किया जाएगा टीकाकरण- जिंदल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने कहा कि कोविड महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण एक महत्वपूर्ण बचाव उपाय हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को अब तक कुल 23,59,142 डोज लगाई गई हैं, जिसमें 19,23,289 पहली डोज और 4,35,853 दूसरी डोज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण के लिए सरकार द्वारा प्रभावी रणनीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि देश के कुछ हिस्सों में कुछ निजी अस्पताल होटलों के सहयोग से कोविड टीकाकरण का पैकेज दे रहे है, जो राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ हैं। भारत सरकार ने इस बारे में सभी राज्यों को कोविड टीकाकरण के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में केवल सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों, निजी अस्पतालों द्वारा चलाए जा रहे निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों, कार्य स्थल कोविड टीकाकरण केंद्रों और घर के नजदीक बनाए गए कोविड टीकाकरण केंद्रों में ही कोविड टीकाकरण की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वीकृत स्थानों के अलावा यदि होटलों या अन्य किसी स्थान पर टीकाकरण किया जाता है तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

7- कोविड टीकाकरण की प्राथमिकता समूह सूची में नई श्रेणियां शामिल, सूचना एवं जन संपर्क विभाग भी।

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोविड टीकाकरण के उद्देश्य के लिए कर्मचारियों की नई श्रेणियां प्राथमिकता समूह के रूप में शामिल की गई हैं। इन श्रेणियों में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, कृषि विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य विपणन बोर्ड, बागवानी विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए इन कर्मचारियों को अपने विभागों के प्राधिकृत अधिकारियों से सत्यापित प्रमाण-पत्र लाना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण के लिए प्राथमिकता समूह सूची में शामिल श्रेणियों की संख्या अब 33 से बढ़कर 38 हो गई हैं। उन्होंने सभी लोगों से जल्द से जल्द अपना टीकाकरण करवाने का आग्रह किया है।

स्थानीय (सिरमौर)

1- कल से सप्ताह में 5 दिन सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी सभी दुकाने, शनिवार व रविवार को बाजार बंद। 

हिमाचल सरकार के निर्णय के बाद जिला सिरमौर में कोरोना कर्फ्यू को 7 जून सुबह 6 बजे तक जारी रखने के आदेश जिला दण्डाधिकारी सिरमौर डॉ आरके परुथी ने जारी किए हैं। आदेशानुसार बाजार खुलने की समय सीमा में बदलाव किया गया है। अब बाजार सप्ताह में 5 दिन यानी सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक 5 घंटों के लिए खुलेंगे जबकि सप्ताह के आखिरी 2 दिन यानी शनिवार व रविवार के दिन आवश्यक वस्तुओं की दुकानें जैसे फल, सब्जी ,दूध, दूध उत्पादों व फार्मेसी को छोड़कर अन्य सभी दुकानें पूर्व में जारी दिशा निर्देशों के अनुसार बंद रहेंगी। इस दौरान दुकानदार और ग्राहक दोनों को नो मास्क नो सर्विस का पालन करना होगा।
आदेशानुसार 31 मई से सभी सरकारी दफ्तर 30 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे। दिव्यांग कर्मचारी, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएं घर से ही काम कर सकेंगी। इस दौरान जिला के सभी शिक्षण संस्थान अगले आदेशों तक बंद रहेंगे। हर प्रकार की गैर जरूरी आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा जबकि कोविड-19 नियमों के पालन के साथ जिला वासियों को प्रातः 7 बजे तक सैर की अनुमति होगी। आदेशों में जारी नई छूट व दिशा निर्देशों के अतिरिक्त पूर्व में जारी सभी प्रतिबंध 7 जून तक जारी रहेंगे।

2- कोविड-19 के उन्मूलन के लिए सिरमौर की स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ इजाफा।

जिला सिरमौर प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार द्वारा कोरोना मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जिला सिरमौर में कोविड-19 के उन्मूलन के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई उसी के अनुरूप स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को भी कई गुणा बढ़ाया गया है। अप्रैल माह तक जिला में केवल एक डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर सराहां में था जिसमे कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए 32 बेड की व्यवस्था थी। इसके अतिरिक्त, बडू साहिब राजगढ़ में 100, रामपुरघाट पांवटा साहिब में 82 और वृद्ध आश्रम त्रिलोकपुर में 72 बेड के डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर कार्यशील थे। इसी प्रकार, डॉ यशवंत सिंह परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज नाहन में 20 बेड के आइसोलेशन वार्ड की सुविधा थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की 30 अप्रैल को नाहन में हुई कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जिला में आक्सीजन सुविधा वाले बेड की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत सिविल हॉस्पिटल पांवटा साहिब को 50 बेड, अकाल अकादमी हॉस्पिटल बडू साहिब को 40 बेड और जगदीश चंद जुनेजा फाउंडेशन हॉस्पिटल को 40 बेड का डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर घोषित किया गया है। इसी प्रकार, अकाल अकादमी हॉस्पिटल बडू साहिब में 60 बेड का और माता पदमावती नर्सिंग कॉलेज नाहन में 20 बेड का डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर घोषित किया गया है। कोविड-19 संक्रमित ऐसे लोग जिनके पास घर पर आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, उनके लिए जिला प्रशासन ने सरकारी भवनों में आइसोलेशन की सुविधा तैयार की है। इस कड़ी में राजकीय डिग्री कॉलेज शिलाई और राजगढ़ में 10-10 बेड व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, संगड़ाह में तहसील कार्यालय की पुरानी इमारत में 10 बेड और पांवटा साहिब के सतौन रोड पर स्थित गोयल धर्मशाला के हॉल में 50 बेड की व्यवस्था की गई है ताकि हल्के लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन की सुविधा मिल सके। इसके साथ ही नाहन में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने डॉ यशवंत सिंह परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित किया है ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों को जिला मुख्यालय पर ही पूरी सुविधा मिल सके। मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों के लिए 80 बेड की व्यवस्था की गई है और इस संख्या को जल्द ही 110 तक बढ़ाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, श्री साई अस्पताल एवं ट्रामा सेन्टर नाहन में कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए 18 बेड की व्यवस्था की गई है जिसमें केन्द्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति सहित 16 बेड व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सहित 2 बेड उपलब्ध हैं। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से वर्चुअल माध्यम से डा. वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में 300 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का शुभारम्भ किया। इस संयंत्र के लिए भारत सरकार द्वारा उपकरण प्रदान किए गए और राज्य सरकार द्वारा गैस मैनीफोल्ड संयंत्र, ऑक्सीजन, पाइप लाइन, सिविल और इलैक्ट्रिक कार्य पर लगभग 58 लाख रुपये खर्च किए गए। इस संयंत्र पर कुल 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस संयंत्र से 300 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और इसे कोविड आइसोलेशन वार्ड के 25 बिस्तरों की ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा गया है। इस संयंत्र से वेंटीलेटर स्पोर्ट पर निर्भर गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे उनकी ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता कम हो गई है। अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर को हर दो घंटे में बदलने की आवश्यकता होती थी, जिसके लिए श्रमिकों और परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। इस संयंत्र की स्थापना से जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित हुई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चिकित्सा महाविद्यालय को 32 लाख रुपये की रेफ्रिजरेटेड सेंट्रीफ्यूज्ड और रियल टाइम पीसीआर मशीन प्रदान की है, जिससे कोविड-19 रोगियों की जांच में तेजी लाने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने नाहन चिकित्सा महाविद्यालय में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 1000 एलपीएम क्षमता वाला एक अतिरिक्त ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की भी घोषणा की है।

3- सिरमौर मे पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं- डीसी

उपायुक्त सिरमौर डॉ आर के परुथी ने बताया कि वर्तमान में सिरमौर में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं जिसके चलते जिला से किसी भी कोविड के गंभीर मरीज को आईजीएमसी शिमला या अन्य राज्य में रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। जिला में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ

आयुर्वेद विभाग भी कोविड मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा है। आयुर्वेद विभाग द्वारा नाहन में होम आइसोलेशन तथा लक्षणों के आधार पर कोरोना संक्रमित मरीजों को अतिरिक्त दवाइयां घर द्वार पर पहुँचाई जा रही है ताकि वह जल्दी ठीक हो सकें। इस दौरान नाहन में पाया गया है कि यदि संक्रमित व्यक्ति आयुष विभाग द्वारा दी गई दवाई को तीसरे दिन से लेना आरम्भ करे तो छठे-सातवें दिन तक उनमें काफी सुधार हो रहा है। डॉ परुथी ने बताया कि जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल करते हुए हिमाचल प्रदेश के पहले पोस्ट कोविड केयर सेंटर की शुरुआत नाहन से की है। आयुष विभाग और डॉ वाई एस परमार मेडिकल कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर 30 बेड के पोस्ट कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की गई है जिसमें से 20 बेड जिला परिषद भवन के एसएफडीए हॉल में व 10 बेड की सुविधा डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना मरीज की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसके शरीर के कई अंग सही प्रकार से कार्य नहीं कर पाते हैं। इस पोस्ट कोविड केयर सेंटर में ऐसे मरीजों को रखा जाएगा जिन्हें इलाज की आवश्यकता होगी और मरीज जल्द से जल्द स्वास्थ्य हो सकेंगे। सेंटर में मरीजों को दिनचर्या में योग प्राणायाम, प्रोनींग व मेडिटेशन सिखाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी मरीजों के दैनिक आधार पर पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, तापमान, ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिरमौर के मौजूदा रिकवरी रेट में काफी सुधार दर्ज किया गया है जो कि बढ़कर 91.12 प्रतिशत पहुंच गया है हालांकि पॉजिटिविटी दर 10.34 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.27 प्रतिशत है जोकि चिंता का विषय है। अगर लोग सही से मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करेंगे तो आने वाले दिनों में और बेहतर परिणामों कि उम्मीद की जा सकती है।

क्राईम

1- 9 किलोग्राम से अधिक चरस बरामद।

प्रदेश के कुल्लू जिले की पार्वती घाटी के मणिकर्ण में पुलिस 9.99 किलो चरस की बड़ी खेप पकड़ने मे कामयाब हुई है। कोरोना काल में चरस तस्करी का यह सबसे बड़ा मामला है। पुलिस ने वाहन में सवार दो लोगों को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात करीब ढाई बजे मणिकर्ण पुलिस की एक टीम शंगना पुल पर नाकाबंदी पर थी। इस दौरान सामने से आ रही मारुति वैन को चेकिंग के लिए रोका गया। गाड़ी में सवार लोग पुलिस को देखकर हड़बड़ा गए और भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने वैन को रोककर तलाशी ली तो वैन से 9.99 किलोग्राम चरस मिली। पुलिस ने मामले में चालक धर्म सिंह (49) निवासी डुंखरा तथा उसके साथी शेर सिंह (59) निवासी डुंखरा को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ कर रही है कि आरोपी देर रात को गाड़ी में चरस की सप्लाई कहां जा रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह ने मामले की पुष्टि की है।

2- पंजाब पुलिस की अब कालाअंब फार्मा कंपनी मे दबिश।

तीन दिन पहले पांवटा साहिब की एक दवा फेक्ट्री पर छापामारी कर करोडों की नशे की दवा बरामद करने के बाद अब पंजाब पुलिस ने जिले के ही कालाअंब मे एक फार्मा कंपनी मे छापामारी की है। जानकारी के मुताबिक जिला सिरमौर के कालाअंब की ओरिसन फार्मा फैक्ट्री पर पंजाब पुलिस और ड्रग अथॉरिटी ने छापामारी की। पंजाब पुलिस के द्वारा सुबह ही फैक्ट्री में दबिश दे दी गई थी खबर लिखे जाने तक जांच भी जारी है। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंजाब पुलिस के द्वारा दस हजार नशे के कैप्सूल के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से जो कैप्सूल बरामद हुए हैं उनका निर्माण कालाअंब स्थित ओरिसन फार्मा में हुआ था। पंजाब पुलिस के द्वारा दवा पर मार्केटिड बाय पीपी फार्मा मुंबई का एड्रेस लिखा पाया गया है। पंजाब पुलिस ने जब मुंबई की इस फार्म के बारे में दिए गए एड्रेस पर जानकारी जुटाई तो यह एड्रेस गलत पाया गया। जिसके बाद पंजाब पुलिस इस ड्रग चेन को खंगालते हुए काला अंब साढौरा रोड स्थित ओरिसन फार्मा में पहुंची। जहां उन्होंने सिरमौर पुलिस और ड्रग अथॉरिटी विभाग सिरमौर के सहयोग से फैक्ट्री में छापामारी की। जांच के दौरान ओरिसन फार्मा के मालिक से पीपी फार्मा के बारे में जानकारी ली गई। इस पर फैक्ट्री के मालिक ने बताया कि उनका पीपी फार्मा मुंबई से कोई लेना देना नहीं है और ना ही यह माल उन्हें भेजते हैं। उन्होंने कहा कि उनका एग्रीमेंट शिवा ट्रेडर्स, जो दिल्ली की फर्म है, उसके साथ हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पर पीपी फार्मा शिवा ट्रेडर्स के द्वारा लिखवाया गया था। जिसके बाद काफी मात्रा में बने हुए ट्रामाडोल दवा के डिब्बों को जिन पर पीपी फार्मा लिखा गया था उन्हें सील कर दिया गया। इन डिब्बों को पंजाब पुलिस केस प्रॉपर्टी बनाकर साथ ले गई है। जबकि ड्रग अथॉरिटी के द्वारा की गई जांच के बाद फैक्ट्री को शो कॉज नोटिस जारी करते हुए जांच पूरी होने तक फैक्ट्री का प्रोडक्शन रुकवा दिया गया है। गौर हो कि फैक्ट्री के पास इस दवा को बनाने का बाकायदा लाइसेंस है। शिवा ट्रेडर्स जिसके साथ इनका एग्रीमेंट है वह कागज भी पूरी तरह सही है।
उधर, एसपी सिरमौर डॉ खुशहाल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि पंजाब पुलिस काला अंब स्थित एक फैक्ट्री में जांच के लिए आई है। वहीं एसिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर सनी कौशल ने बताया कि फार्मा यूनिट के पास दवा बनाने का लाइसेंस है। जिसके लिए दवा बनाई जाती है उस फर्म के भी कागज पूरे और सही हैं। लेकिन डिब्बे पर मार्केटिड बाय पीपी फार्मा मुंबई का एड्रेस सही नहीं पाया जा रहा है और ना ही इस बाबत फैक्ट्री मालिक संतोषजनक जवाब दे पाया है। जांच जारी है। 

3- लापरवाह हिमाचली- मास्क न पहनने पर मात्र दो हफ्ते के चालान से जुर्माने मे दे गये 76.61 लाख रूपये।

हिमाचल के लोगों की लापरवाही देखिये कि मार्च सप्ताह मे ही मास्क न पहनने पर 76.61 लाख रूपये जुर्माना दे गये। कोरोना कर्फ्यू के साथ ही सरकारी तंत्र लगातार लोगों से मास्क पहनने और कर्फ्यू नियमों का पालन करने के लिए कह रहा है, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से ही प्रदेश में कोरोना के मामलों में कमी आने में दिक्कत आ रही है। जिस कारण हिमाचल पुलिस को कार्रवाई भी करनी पड़ रही है। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार तो 7 से 29 मई के बीच पुलिस ने मास्क न पहनने पर 11 हजार चालान किए हैं। पुलिस ने इस अवधि के दौरान 76.61 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मास्क पहनने में लापरवाही बरतने वालों पर सबसे ज्यादा कार्रवाई कांगड़ा जिले में हुई है। यहां करीब 22 सौ चालान किए गए हैं। मंडी, बद्दी और सिरमौर में क्रमशः करीब सोलह सौ, चौदह सौ और सवा ग्यारह सौ चालान किए गए। लापरवाही बरतने वालों पर 42 मामलों में एफआईआर भी की है। इसके अलावा शादियों में भी निर्देशों का उल्लंघन होने पर तीस चालान और 1.17 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

शाम सात बजे तक का कोविड मीडिया बुलेटिन-