क्यों बोले सीएम कि हिमाचल के हो सकते हैं श्रीलंका जैसे हालात... ddnewsportal.com
क्यों बोले सीएम कि हिमाचल के हो सकते हैं श्रीलंका जैसे हालात...
हमीरपुर में मुख्यमंत्री का बयान की हर ओर चर्चा, पूर्व की जयराम सरकार को लेकर कहा ये...
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का एक बयान हर ओर चर्चा का विषय बन गया है। जिसमे उन्होंने भविष्य हिमाचल के हालात श्रीलंका जैसे होने की संभावना की बात कही है।
बीते दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हमीरपुर दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पूर्व जयराम सरकार हम पर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गई थी। प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। हिमाचल प्रदेश के भी श्रीलंका जैसे हालात हो सकते हैं। इसलिए प्रदेश हित में कड़े एवं सख्त फैसले लिए जाएंगे, जिसमें सूबे की जनता का साथ चाहिए। सीएम ने कहा कि हम प्रदेश हित में अच्छे कार्यों की बदौलत आगामी साढ़े चार सालों में प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में यहीं के संसाधनों से बनने वाला सीमेंट हमें महंगा मिले, ऐसा नहीं चलेगा, पुरानी व्यवस्थाएं बदलेंगे।
भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन के लिए जमीन का पूरा और पटरी बिछाने का 50 फीसदी खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है। यहां सीमेंट उद्योगों के लिए सरकार 1,300 करोड़ रुपये दे सकती है तो वर्तमान कांग्रेस सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान क्यों नहीं कर सकती। जमीनें हमारी, प्राकृतिक संसाधन हमारे, रेल की पटरी बिछाने के लिए 50 फीसदी खर्च भी सरकार उठा रही, लेकिन सीमेंट हमें सस्ता नहीं मिल रहा। इसके बावजूद उद्योगपति यहां के ट्रक ऑपरेटरों का मालभाड़ा आधा करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। इस व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।
वहीं, ट्रक ऑपरेटरों के मालभाड़े के विवाद पर ट्रक ऑपरेटरों से बात हो चुकी है। अदाणी कंपनी से भी बात कर मामला हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अदाणी के साथ केवल किराया निर्धारण का मामला है। पेपर लीक मामले में कर्मचारी चयन आयोग पर सीएम ने कहा कि रिपोर्ट दो-तीन दिन में आने की उम्मीद है। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और फैसला होने वाला है। पुरानी पेंशन के मामले पर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के बयानों पर सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में ओपीएस लागू कर दी है। जयराम ठाकुर से पूछना चाहिए कि छठे वेतन आयोग को लागू करने और पेंशनभोगियों को पैसा देना कैसे भूल गए? पूर्व सीएम ने तो पेंशनभोगियों की 900 करोड़ रुपये की डीए की किस्त तक नहीं दी। जयराम ठाकुर को इन सब बातों पर अपने विचार रखने चाहिए।