कफोटा: दुगाना ने गिरिपार में सीजन के अभी तक पांच खिताब किये अपने नाम ddnewsportal.com
कफोटा: ग्रामीण स्तर की सर्वश्रेष्ठ टीम बन रही दुगाना
गिरिपार में सीजन के अभी तक पांच खिताब किये अपने नाम, ग्राउंड के अभाव के बावजूद भी क्षेत्र में जमा रहे अपनी प्रतिभा की धाक, पढ़ें उपलब्धियाँ...
इनके गांव में कोई खेल मैदान तक नही है फिर भी यहां के युवा क्रिकेट के क्षेत्र में गिरिपार में अपनी धाक जमा रहे है। बात एक के बाद एक करके मात्र एक माह मे पांच खिताब जीतने वाली दुगाना गांव की टीम की हो रही है। जो आजकल क्षेत्र में खूब सुर्खियां बटौर रही है।
जानकारी के मुताबिक गिरिपार क्षेत्र में ग्रामीण स्तर पर कपड़े की गैंद से क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होता है। अमूमन दिसंबर से फरवरी माह तक क्षेत्र में यह सीजन चलता है। और अभी तक के सात टूर्नामेंट में से दुगाना की टीम ने पांच प्रतियोगिताएं जीतकर पिछले वर्ष का अपना ही रिकार्ड तोड़ा है। गत वर्ष के सीजन में दुगाना की टीम ने 4 खिताब जीते थे, जबकि इस बार अभी तक पांच ख़िताब अपने नाम कर लिये है। और अभी तीन प्रतियोगिताएं शेष बची हुई है। जो कोड़गा, बकरास और अंबोण में होनी है।
जानकारी के मुताबिक अभी तक परशुराम क्रिकेट क्लब दुगाना ने जो पांच खिताब जीते हैं उनमे दिसंबर माह में शड़ियार में फाइनल में सतौन की टीम को पराजित कर 51 हजार रूपये व ट्रॉफी अपने नाम की। उसके बाद रोहाणा में फाइनल में कांटी मश्वा को पराजित कर 51 हजार रूपये नकद व ट्राफी जीती। फिर कोटगा में आयोजित हुई केपीएल प्रतियोगिता में खिताबी मुकाबले में गोल्डन शिलाई को पराजित किया। यहां भी 51 हजार रूपये नकद इनाम व ट्रॉफी मिली। इसके बाद चौथी प्रतियोगिता क्षेत्र के गंगटोली में जीती। यहां फाइनल मैच में गातू शनाइल को पराजित किया और 71 हजार रूपये व ट्रॉफी अपने नाम कर गांव का नाम रोशन किया।
अब रविवार को कमरऊ में सम्पन्न हुई क्रिकेट टूर्नामेंट में फाइनल मुकाबले में मेजबान कमरऊ टीम को पराजित कर सीजन का पांचवा खिताब अपने नाम किया और 81 हजार रूपये इनाम व ट्राफी अपने नाम की। इस खिताब को जीतने के साथ ही टीम ने एक नया रिकार्ड बना दिया है। ऐसे मे यह टीम तीन लाख से अधिक की राशि तो इनाम में जीत चुके है। अब क्षेत्र में दुगाना की क्रिकेट टीम की जोरों पर चर्चा है और सोशल प्लेटफार्म पर भी लोग इस टीम को ग्रामीण क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ टीम बता रहे हैं।
ये बात तो तय है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नही है, कमी हे तो सिर्फ सुविधाओं की। अब यदि ऐसे प्लेयर्स को लगातार प्रेक्टिस के लिए अच्छे मैदान की सुविधा मिले तो समझ सकते हैं कि इन युवाओं की प्रतिभा में कितना निखार आ सकता है।