किसानों की हत्या करने पर तुली है केंद्र सरकार- नौटी- ddnewsportal.com
किसानों की हत्या करने पर तुली है केंद्र सरकार
फाईट फाॅर फार्मर राईट के संयोजक अनिन्द्र सिंह नौटी का आरोप; तेल, कृषि की दवाइयां व खाद की कीमतों में बढ़ोतरी का असर पंहुचेगा उपभोक्ता तक।
आज देश की केंद्रीय सरकार किसानों की हत्या करने पर तुली हुई है और किसान आंदोलन का बदला छुपे तरीके से किसानों से लिया जा रहा है। जारी प्रेस बयान में फाइट फॉर फार्मर राइट कमेटी के संयोजक अनेंद्र सिंह नॉटी, गुरजीत सिंह नंबरदार अध्यक्ष, हरप्रीत सिंह खालसा महासचिव, चरणजीत
सिंह जैलदार, जसविंदर बिलिंग और हरीश चौधरी आदि ने कहा कि पहले पिछले एक वर्ष से तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि का सीधा असर किसानों की जेब पर पड़ा है और फसलों की कीमतों में एम एस पी के माध्यम से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। अब खेती में प्रयुक्त होने वाले मिश्रित खाद जैसे डीएपी एनपीके के दामों में एकमुश्त 700 रूपये प्रति 50 किलो तक की वृद्धि की गई है। ऐसा लगता है कि सरकार के हाथों से स्थिति या तो बिल्कुल निकल चुकी है व देश की बागडोर अब उद्योगपति और कॉर्पोरेट घरानों ने संभाल ली है। सरकार केवल मंदिर मस्जिद की राजनीति तक ही सीमित हो चुकी है। इधर पांवटा साहिब में गेहूं की कटाई शुरू हुए एक हफ्ते से अधिक बीत जाने के बाद भी स्थानीय कृषि उपज मंडी में गेहूं की खरीद शुरू नहीं की जा सकी है। स्थानीय भाजपा नेतृत्व जितनी दिलचस्पी किसान महापंचायत को विफल करने में लगा रहा था। अगर उतना ही सरकारी खरीद शुरू करवाने पर लगाता तो आज क्षेत्र का किसान दर बदर ठोकरें खाने को मजबूर ना होता तथा सरकार की प्रशंसा करता। धीरे-धीरे तेल, कृषि की दवाइयां व खाद की कीमतों में बढ़ोतरी का असर उपभोक्ता तक पहुंचेगा। कोरोना के दूसरे काल में सरकार फिर से जनता की जेब में खाली करने पर उतारू है। पांच राज्यों में चुनाव के बाद सरकार को एक बार फिर से करोना की याद आने लगी है और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए लॉकडाउन जैसे हथकडों का सहारा लेना सरकार ने शुरू कर दिया है। अगर पांवटा साहिब में गेहूं की सरकारी खरीद एक-दो दिन में शुरू नहीं की गई तो फाइट परफॉर्म राइट संगठन अपने सदस्यों तथा किसानों के साथ स्थानीय कृषि उपज मंडी में धरना प्रदर्शन करेगा।