कफोटा क्षेत्र के शिक्षक दंपत्ति ने भी गवर्नमेंट स्कूल मे दाखिल की है दोनों बेटियाँ- ddnewsportal.com

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सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी सुखद बना रहे बच्चों का भविष्य 

कफोटा क्षेत्र के शिक्षक दंपत्ति ने भी गवर्नमेंट स्कूल मे दाखिल की है दोनों बेटियाँ, अभिभावकों से बच्चे राजकीय विद्यालय मे भेजने का किया आह्वान

वो इतने सक्षम है कि अपने बच्चों को ऐसे निजी स्कूलों मे भी दाखिल करवा सकते हैं जहां पर हर माह हजारों रूपये की फीस हो। वो इस काबिल भी है कि अपने बच्चों को प्रदेश के जाने माने और मंहगे निजी स्कूलों मे डालकर उनका खर्च आसानी से उठा सकते हैं। लेकिन हो सकता है कि ये उनके उसूलों मे नही हो या उनका लक्ष्य सरकारी स्कूलों को भी वो अहमियत दिलवाना हो जो आज के दौर मे निजी स्कूल हासिल कर चुके हैं। बात गिरिपार क्षेत्र के कांटी मश्वा पंचायत के मश्वा गांव के शिक्षक दंपत्ति विजय कंवर और उनकी पत्नी की हो रही है। इनकी बात इसलिए भी करना लाजिमी

है कि एक और जहां आज अभिभावकों सहित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों मे अपने बच्चों को निजी स्कूलों मे दाखिल करवाने की होड़ सी मची है वहीं यह शिक्षक दंपत्ति अपनी दोनो बेटियों को अभी से ही सरकारी स्कूलों मे शिक्षा दे रहे हैं। आज हमारे समाज मे एक मानसिकता घर सी कर गई है कि हमे नौकरी तो सरकारी स्कूल या महकमे मे चाहिए लेकिन बच्चे निजी स्कूल मे पढ़ाने हैं। हालाँकि अब कुछ अभिभावकों सहित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों मे दाखिल करना आरंभ कर मिसाल कायम की है। इसमे इस शैक्षणिक सत्र मे हमीरपुर के बाद सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी अपने बच्चे गवर्नमेंट स्कूल मे डालकर कदम आगे बढ़ाए हैं। कफोटा सरकारी स्कूल के शिक्षक विजय कंवर बताते हैं कि उनकी दोनो बेटियाँ राजकीय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करती है। सरकारी स्कूल मे पढ़ते हुए उनकी बड़ी बेटी युक्ता कंवर ने कोविड काल में अध्ययन में उत्पन्न बाधाओं के बावजूद 99.5% अंक प्राप्त कर दूसरी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। और छोटी बेटी दिव्या कंवर ने प्रथम कक्षा में 100% अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अपने विचार को आप सबके साथ बांटने का तात्पर्य इतना सा है कि सभी अभिभावक अपने बच्चों को राजकीय विद्यालयों में पढाएं और निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों की तरह मेहनत करवाएं। निश्चित तौर पर हम सब सरकारी स्कूल के शिक्षक भी आपके बच्चों का भविष्य सुखद बनाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।