बड़ी खब़र: दिल्ली से हिमाचल के 9 असंतुष्ट नेताओं का सीएम सुक्खू पर जुबानी हमला, कह दी ये बड़ी बात... ddnewsportal.com

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बड़ी खब़र: दिल्ली से हिमाचल के 9 असंतुष्ट नेताओं का सीएम सुक्खू पर जुबानी हमला, कह दी ये बड़ी बात...

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति उबाल खा रही है। जैसा कै उम्मीद की जा रही थी, ठीक वैसे ही कांग्रेस के 6 असंतुष्ट नेताओं व 3 निर्दलीय विधायकों ने हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर दिल्ली से जुबानी हमला बोला है। संयुक्त बयान जारी करके इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यप्रणाली से प्रदेश में कांग्रेस अब ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है और रसातल की तरफ जा रही है। कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्त्ता हताशा और निराशा की स्थिति में हैं और स्थिति यह हो गई है कि जनता और कार्यकर्त्ताओं का मिजाज भांप कर कद्दावर नेता चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं। 


राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, होशियार सिंह, आशीष शर्मा और केएल ठाकुर ने दिल्ली से संयुक्त बयान जारी करके कहा कि 40 विधायकों और 3 निर्दलीयों के समर्थन से प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत सरकार का गठन हुआ था लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के तानाशाही रवैए और मित्रों को तरजीह देकर चुने हुए विधायकों को जलील करने की उनकी नीति ने ही वर्तमान हालात पैदा किए हैं।
उक्त नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी की बात कहकर चुनाव मैदान में उतरने से इंकार कर दिया है और उनके बयान से यह साबित हो

जाता है कि प्रदेश में कांग्रेस बिखराव के कगार पर है। प्रतिभा सिंह ने यह सच्चाई बयां कर दी है कि संगठन में नाराजगी है और पार्टी के कार्यकर्त्ता सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से प्रदेश में सरकार बहुमत खो चुकी है। पार्टी के कर्मठ कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी, हमारे चुनाव क्षेत्र से भेदभाव और हमें लगातार जलील करने के उनके रवैए ने हमें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। मुख्यमंत्री को दूसरों पर दोषारोपण करने की बजाय अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि वर्तमान स्थिति के लिए सिर्फ और सिर्फ उनका अहंकार और तानाशाही रवैया ही जिम्मेदार है। सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता और उनके मित्रों द्वारा किए गए काले कारनामे भी जल्द ही सामने आ जाएंगे। इन नेताओं ने तंज करते हुए कहा कि मित्रों को रेवड़ियां बांटकर और प्रदेश का स्वाभिमान दांव पर लगाकर व्यवस्था परिवर्तन नहीं किया जा सकता।